लोकसभा चुनावों के आते ही गुर्जर आरक्षण आंदोलन ने भी तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार (फरवरी 8, 2019) को ये आंदोलन गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में शुरू हुआ।
इस आंदोलन में गुर्जर समेत 5 समुदायों के लिए सरकारी नौकरियाें और शिक्षण संस्थानों में पाँच फ़ीसदी तक आरक्षण दिए जाने की माँग की है।
गुर्जर समुदाय के ये लोग सवाई माधोपुर के नज़दीक मलारना डूंगर में रेलवे ट्रैक और सड़क रास्ते पर धरना दे रहे हैं। इस धरने की वजह से रेल यातायात को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक पश्चिम मध्य रेलवे ने दिल्ली-मुंबई की 5 ट्रेनें को रद्द कर दिया है जबकि 15 ट्रेनों के रास्ते बदलने पड़े हैं।
बैंसला ने एएनआई से बातचीत में कहा है कि अगर आर्थिक रुप से कमज़ोर वर्गों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का इंतज़ाम किया जा सकता है तो उनके समुदाय के लिए क्यों नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि उनकी माँगों पर चूँकि अब तक ध्यान नहीं दिया गया है इसलिए उन्हें मजबूरन ही धरना प्रदर्शन करना पड़ा।
बता दें कि गुर्जरों की आरक्षण को लेकर माँग बहुत पुरानी हैं। साल 2007 से 2015 तक में गुर्जर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। इन आंदोलनों के दौरान रेल और सड़क यातायात को बाधित करना बहुत ही आम बात हो चुकी है।