प्रोपेगेंडा वेबसाइट ऑल्ट न्यूज (AltNews) ने मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक बयान साझा कर खुद को क्लीन चिट देने की कोशिश की। कथित फैक्ट चेक वेबसाइट ने इसमें पेमेंट गेटवे फर्म रेजरपे (Razorpay) को दोषी ठहराते हुए आरोप लगाया कि उसने मनमाने ढंग से काम किया। ऑल्ट न्यूज ने अपने बयान में यह भी दावा कि उसके दानदाताओं संबंधी डेटा को उसकी जानकारी के बिना ही पेमेंट गेटवे रेजरपे ने पुलिस के साथ साझा किया था। पुलिस के अनुरोध के बाद रेजरपे ने अपने मंच पर ऑल्ट न्यूज के खाते को निष्क्रिय कर दिया था और बाद में इसे फिर से चालू कर दिया था।
ऑल्ट न्यूज ने कहा, “दान मंच ने उन्हें सूचित किया था कि कुछ स्पष्टता मिलने के बाद उनका खाता फिर से सक्रिय कर दिया गया है। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह स्पष्टता क्या है।”
Our statement on Razorpay: pic.twitter.com/8tO4xusQS8
— Alt News (@AltNews) July 5, 2022
इसके बाद ऑल्ट न्यूज ने यह दावा करते हुए खुद को क्लीन चिट दे दी कि अगर रेजरपे ने ऑल्ट न्यूज को नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया होता, तो वे फिर से उनके खाते को एक्टिव नहीं करते। उनका दावा है कि रेजरपे ने अपने खाते को फिर से सक्रिय किया, यह इस बात का सबूत था कि वे मंच के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं कर रहे थे। ऑल्ट न्यूज ने फिर ‘दोहराया’ कि वे केवल भारतीय बैंकों के माध्यम से पैसा ले सकते हैं। विदेशी क्रेडिट कार्ड कभी भी रेजरपे के बैकएंड पर चालू नहीं थे। उन्होंने ये सब बताकर यह साबित करने की कोशिश की कि उन्हें विदेशों से कोई फंडिंग नहीं हुई है।
ऑल्ट न्यूज ने दावा किया कि विदेशों से मिलने वाले फंड की खबरें झूठी थीं। उसने अपने बयान के जरिए ‘गोपनीयता’ के नियम और शर्तों की धज्जियाँ उड़ा दीं और वो इस बात से चिंतित है कि रेजरपे जैसे ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ डेटा को ‘बिना बताए’ साझा किया। रेजरपे के नियमों और शर्तों के अनुसार, वह यूजर्स के डेटा को सरकार और नियामक एजेंसियों के साथ साझा कर सकता है, जो कानूनी रूप से जाँच, सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के तहत गोपनीयता अधिनियम के अंतर्गत आती हैं।
यूजर्स का डेटा साझा करने के लिए रेजरपे की नियम और शर्तें इस प्रकार हैं। रेजरपे यूजर्स या उनके रजिस्ट्रेशन डेटा संबंधित कोई भी जानकारी सरकारी और नियामक एजेंसियों के साथ साझा कर सकता है, जो कानूनी रूप से जाँच, सुरक्षात्मक और साइबर सुरक्षा गतिविधियों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कानून की अनदेखी करना उन्हें कमतर आँकना है। रेजरपे कानूनी तौर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों को डेटा प्रदान करने से पहले ऑल्ट न्यूज को सूचित करने के लिए बाध्य नहीं है। ऐसे में ऑल्ट न्यूज द्वारा किए गए दावे इसके उलट हैं। इसके अलावा, कानून का पालन करने वाली कंपनी रेजरपे एक आरोपित को जाँच के बारे में सूचना क्यों देगा?
अब हम आपको यहाँ कुछ ऐसे तथ्यों से रूबरू करवाएँगे, जिन्हें देखने के बाद आप भी शॉक्ड रह जाएँगे। ऑल्ट न्यूज भले ही यह दावे करते नहीं थकता है कि उसे रेजरपे के माध्यम से विदेशी फंडिंग नहीं हो सकती है। लेकिन इस वेबसाइट के पास पैसे इकट्ठा करने के लिए रेजरपे ही एकमात्र प्लेटफॉर्म नहीं है, जिसका वह इस्तेमाल करते हैं।
फरवरी 2020 में, दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों से ठीक 10 दिन पहले सीएए के विरोध में जमकर हिंसक प्रदर्शन किए गए। इस दौरान पत्रकार सागरिका ने ‘इंस्टामोजो’ प्लेटफॉर्म के जरिए ऑल्ट न्यूज को भुगतान किया था। इंस्टामोजो विभिन्न गेटवे जैसे वीज़ा, गूगल-पे, यूपीआई, रुपे और अन्य के माध्यम से पेमेंट स्वीकार करता है।
इसलिए ऑल्ट न्यूज सारा दोष रेजरपे पर डालने की कोशिश कर रहा है। हालाँकि, इसका कोई सबूत नहीं है, अभी तक जाँच अधिकारी इस मामले की जाँच कर रहे हैं कि ऑल्ट न्यूज को कितना विदेशी धन प्राप्त हुआ था। इसके अलावा, भले ही ऑल्ट न्यूज को इनमें से किसी भी दान मंच के माध्यम से विदेशी धन प्राप्त नहीं हुआ हो, वे स्विफ्ट के माध्यम से सीधे अपने बैंक खातों में विदेशी धन प्राप्त कर सकते हैं।
वहीं, खुद पर आरोप लगने के बाद रेजरपे ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी की धारा 91 के तहत, रेजरपे नियमों का पालन हुए कानूनी जाँच में अपना सहयोग कर सकता और डेटा को पुलिस के साथ साझा कर सकता है। सीआरपीसी की धारा 91 के तहत कोई भी थाना प्रभारी उनसे जाँच के लिए डाटा माँग सकता है।
Our statement regarding Alt News pic.twitter.com/ckzL0PfGry
— Razorpay (@Razorpay) July 5, 2022
इसके अलावा, रेजरपे के प्रवक्ता ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा कि कंपनी ने ऑल्ट न्यूज से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला। प्रवक्ता ने मनीकंट्रोल को बताया, “हमने कंपनी (AltNews) से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसलिए डेटा साझा करने और 4 जुलाई को बेहद कम समय के लिए खाते को निष्क्रिय करने से पहले उन्हें सूचित नहीं कर सके।”
गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को 27 जून को हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले एक ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया था। ऑल्ट न्यूज पर एफसीआरए के उल्लंघन में पाकिस्तान, सीरिया आदि से धन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। AltNews की पैरेंट कंपनी ‘Pravda Media’ को विदेश से 2,31,933 रुपए विदेश से मिले हैं। ‘Razorpay’ नामक पेमेंट गेटवे द्वारा दी गई प्रतिक्रिया के अनुसार, कई लेनदेन ऐसे थे जिनके आईपी एड्रेस बैंकॉक, मनामा, नॉर्थ हॉलैंड, विक्टोरिया, न्यूयॉर्क, सिंगापुर और रियाद के थे। इनमें बलदियात अद दावा, शारजाह, स्टॉकहोम, आईची, न्यू जर्सी, ओंटारियो, कैलिफोर्निया, टेक्सास और दुबई व स्कॉटलैंड जैसे लोकेशंस भी शामिल हैं।