Sunday, September 1, 2024
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‘मुझे नहीं, कंपनी को मिली विदेशी फंडिंग’: कोर्ट में और AltNews की वेबसाइट पर जुबैर के अलग-अलग दावे, 14 दिन की कस्टडी में भेजा गया

दिल्ली पुलिस ने जुबैर के ऊपर विदेश फंडिंग का आरोप लगाते हुए कोर्ट को बताया कि उनकी पड़ताल में पता चला है कि जुबैर को पाकिस्तान, सीरिया से पैसे आए।

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की 4 दिन की पुलिस कस्टडी खत्म होने के बाद आज (2 जुलाई) दिल्ली के कोर्ट में इस केस की आगे सुनवाई हुई। सुनवाई में दिल्ली पुलिस ने जुबैर की 14 दिन की पुलिस कस्टडी और माँगी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार लिया। कोर्ट ने जुबैर की बेल याचिका खारिज करते हुए उसे 14 की न्यायिक हिरासत में भेजा।

बता दें कि जुबैर के लिए वकील वृंदा ग्रोवर ने बेल की गुहार लगाई थी जबकि दिल्ली पुलिस ने जुबैर के ऊपर विदेश फंडिंग का आरोप लगाते हुए बताया कि उनकी पड़ताल में पता चला है कि जुबैर को पाकिस्तान, सीरिया से पैसे आए।

पुलिस ने कोर्ट से जुबैर को बेल न देने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें शुरुआती जाँच में गलत ढंग से विदेशों से फंडिंग का पता चला है जिसकी जाँच होनी है। इसलिए जुबैर की जमानत न दी जाए। वहीं जुबैर की ओर से विदेशी फंडिंग मामले में कहा गया कि कोर्ट को ये कहकर भ्रमित किया जा रहा है कि उन्होंने विदेशों से फंडिंग ली है। वह पत्रकार हैं और विदेशों से मिलने वाला फंड उन्हें नहीं मिल सकता। जुबैर के अनुसार ये फंड उनकी कंपनी को गया है न कि उन्हें।

जुबैर को बचाने में फँसा AltNews

बता दें कि एक ओर जहाँ जुबैर जमानत लेने के लिए ये कह रहा है कि ये फंडिंग उसे नहीं बल्कि कंपनी को आई है। वहीं ऑल्ट न्यूज का डोनेशन वाला सेक्शन बताता है कि वह विदेशी फंड नहीं लेते क्योंकि वह FCRA के तहत पंजीकृत ही नहीं हैं। नीचे लगाया गया स्क्रीनशॉट ऑल्ट न्यूज के डोनेट वाला सेक्शन से खबर लिखते समय ही लिया गया है।

बता दें कि जुबैर को 27 जून को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब आज उसकी पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने पर कोर्ट में पेशी हुई तो सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने तमाम तरह के आरोप जुबैर पर लगाए। इन आरोपों में विदेशी फंड लेने के साथ-साथ सबूतों को मिटाने का भी इल्जाम लगा है।

एपीपी श्रीवास्तव ने कहा कि मोहम्मद जुबैर को विदेश में रहने वाले लोगों से पैसे आए। उन्होंने जानकारी दी कि पाकिस्तान, सीरिया से आने वाली पेमेंट को Razor गेटवे से स्वीकार किया गया। अब पुलिस को इसी मामले में आगे की जाँच करनी है क्योंकि जुबैर को बचाने के लिए उनकी वकील की ओर से दिया गया बयान और ऑल्ट न्यूज की वेबसाइट पर हो रखा दावा एक दूसरे से भिन्न हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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