भाजपा को बदनाम करने के लिए ऑल्ट न्यूज का नया कारनामा उजागर हुआ है। इस कारनामे को जानने के बाद आपको भी एक बार फिर साफ होगा कि ऑल्ट न्यूज का काम फैक्ट चेक आदि करने का नहीं, बल्कि भाजपा के ख़िलाफ़ केवल प्रोपेगेंडा चलाने का है। दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ दिन पहले अनऑफिशियल: सुब्रमण्यम स्वामी नाम के फेसबुक पेज पर एक वीडियो डाली गई। वीडियो में दावा किया गया कि भाजपा कार्यकर्ता ईवीएम मशीनों की चोरी कर रहे हैं। अब आप सोचेंगे इससे ऑल्ट न्यूज का क्या कनेक्शन? तो बता दें कि अनऑफिशियल: सुब्रमण्यम स्वामी नाम के फेसबुक पेज को ऑल्ट न्यूज के को-फॉउंडर द्वारा संचालित किया जाता है। इसलिए इस फेक न्यूज को प्रचारित-प्रसारित करने का सीधा संबंध ऑल्ट न्यूज से ही है।
पेज पर शेयर किए गए फेसबुक पोस्ट पर वैसे तो अभी तक 510 लाइक और 243 शेयर आ चुके हैं। लेकिन वीडियो अब यहाँ मौजूद नहीं है। शायद हकीकत खुलने के बाद इसे हटाया गया। जानकारी के अनुसार, इस वीडियो को एनएस न्यूज ने 8 फरवरी को अपने यूट्यूब पर अपलोड किया था। साथ ही इस पर लिखा – “दिल्ली इलेक्शन के बाद भाजपा कार्यकर्ता ईवीएम चोरी करते पकड़े गए। देखिए, किस तरह इलेक्शन के बाद ईवीएम मशीन रिप्लेस की जा रही है। इनका स्थान बदला जा रहा है।”
Altnews’ co-founder shared fake news claiming BJP workers were caught stealing EVMs during Delhi election https://t.co/RjL1Dycuw3 #FactCheck
— Fact Hunt (@facthunt_in) March 2, 2020
जो विडियो हटा लिया गया है, उसमें एक शख्स ईवीएम के गायब होने का दावा कर रहा था। यह भी कहा जा रहा था कि दिल्ली के कबीरनगर की गली नंबर 4 पर SVN पब्लिक स्कूल के इम्प्लॉयज को भाजपा के साथ मिलकर ईवीएम चोरी करते पकड़ा गया। इसके अलावा वीडियो में ईवीएम हटाए जाने की बात को भी स्पष्ट तौर पर बोला गया था। लेकिन, अब हकीकत क्या है? आइए जानें… दरअसल, ईवीएम चोरी का दावा करने वाला यह वीडियो फर्जी है और इसे झूठे दावों के साथ जनता के समक्ष पेश किया गया। दिल्ली के बाबरपुर में किसी भाजपा कार्यकर्ता ने स्ट्रॉन्ग रूम से ईवीएम मशीन नहीं चुराई और न ही किसी ने उनकी मदद की।
अगर हम टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ‘Delhi polls 2020: Replacement poll equipment led to confusion, says EC’ देंखें, तो स्पष्ट होगा कि उन दोनों मशीनों को केवल रिप्लेसमेंट के लिहाज से रखा गया था। उनका इस्तेमाल नहीं हुआ था। इसके अलावा इस मामले पर कन्फ्यूजन होने के कारण मुख्य चुनाव अधिकारी ने भी उस समय अपनी सफाई पेश की थी। उन्होंने उन दो ईवीएम पर सफाई पेश करते हुए कहा कि बस में रिजर्व ईवीएम थीं, जिनका वोटिंग में इस्तेमाल नहीं हुआ था। उन्होंने लोगों द्वारा बस को घेरने समेत उसके बाद क्या-क्या हुआ, उसका तफसील से ब्यौरा भी दिया था। आयोग ने साफ कहा था कि लोगों को गलतफहमी हुई थी, मगर अब सभी पक्ष संतुष्ट हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि चीफ इलेक्शन अधिकारी रणबीर सिंह का ये बयान लगभग हर मीडिया हाउस ने उस समय कवर किया था। मगर फिर भी ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक ने अपने पेज पर इस झूठ को फैलते रहने दिया। उन्होंने इस न्यूज का कोई फैक्ट चेक तक नहीं किया, न ही इस पर सवाल उठाए, बल्कि ऑल्ट न्यूज ने तो इसका इस्तेमाल भाजपा के ख़िलाफ़ प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए किया और वीडियो शेयर करते हुए लिखा था – भाजपा अब हमें और हैरान नहीं कर सकती।