Sunday, November 17, 2024
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‘द वायर’ के खिलाफ कोर्ट जाएँगे अमित मालवीय: बदनाम करने के लिए छापी थी फर्जी र‍िपोर्ट, बाद में माँगी थी माफी

वी आनंद नाम के एक प्राइवेसी र‍िसर्चर ने 20 अक्टूबर को ट्विटर पर इस दावे को खारिज कर दिया था कि उन्होंने मेटा विवाद में ‘द वायर’ के देवेश कुमार के काम का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, “मैं वास्तव में लगातार धोखाधड़ी से थक गया हूँ। यह वास्तव में हतप्रभ करने वाला है कि ये सब अब स्पष्ट रूप से एक मृत कहानी पर विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हो रहा है। इस बारे में सिद्धार्थ वरदराजन को सूचित कर दिया है।”

‘द वायर’ (The Wire) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) को मेटा (Meta) से ताकतवर बताने वाली र‍िपोर्ट छापी थी, जिसे भारी फजीहत होने के बाद कंपनी ने अपनी वेबसाइट से हटा लिया है। इसके बाद उसने देश की छवि को बदनाम करने के बाद माफी माँगने का दिखावा कर नौटंकी भी की।

‘द वायर’ ने चौतरफा आलोचना के बाद कहा था क‍ि वो अब मेटा के खिलाफ रिपोर्ट बनाने के लिए इस्तेमाल हुए हर दस्तावेज, तकनीक, क्रॉस-चेक और सूत्र की आंतरिक समीक्षा करेगा। हालाँकि, अम‍ित मालवीय वामपंथी वेबसाइट को बख्‍शने के मूड में नहीं हैं। उन्‍होंने ट्वीट कर वायर के ख‍िलाफ कार्रवाई की बात कही है।

मालवीय ने कहा, “अपने वकीलों से परामर्श करने और उनकी सलाह लेने के बाद मैंने ‘द वायर’ के खिलाफ आपराधिक और दीवानी कार्रवाई करने का फैसला किया है। न केवल मैं आपराधिक प्रक्रिया को बढ़ाऊँगा, बल्कि मैं उन पर दीवानी अदालत में हर्जाना माँगूँगा, क्योंकि उन्होंने मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे।”

‘द वायर’ ने मेटा पर अम‍ित मालवीय के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था

वामपंथी वेबपोर्टल ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया, जिसमें दावा किया था कि अमित मालवीय इतने शक्तिशाली हैं कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट अच्छा न लगने पर उसे तुरंत हटवा सकते हैं। हालाँक‍ि, ‘Meta’ के कम्युनिकेशंस हेड एंडी स्टोन ने इस पूरी खबर को बनावटी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि बनावटी दस्तावेजों के आधार पर ‘The Wire’ ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। एक अज्ञात सूत्र के आधार पर ‘The Wire’ ने दावा किया था कि अमित मालवीय ने सोशल मीडिया से 705 पोस्ट्स हटवाएँ हैं।

भारी फजीहत के बाद स्‍टोरी हटाई

‘द वायर’ ने भारी फजीहत के बाद स्‍टोरी को वेबसाइट से हटा लिया है। कंपनी ने कहा था कि वो अब मेटा के खिलाफ रिपोर्ट बनाने के लिए इस्तेमाल हुए हर दस्तावेज और सूत्र की आंतरिक समीक्षा करेगा। इसमें दस्तावेजों, सूचनाओं, स्रोत सामग्री, तकनीक और क्रॉस-चेक की जाँच की जाएगी।

डोमेन एक्सपर्ट्स और इंडिपेंडेंट रिसर्चर्स ने स्टोरी खारिज की

वामपंथी वेबसाइट ने अपने संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बाइलान वाली इस स्टोरी पर ऐसा एक्शन तब लिया, जब डोमेन एक्सपर्ट्स और इंडिपेंडेंट रिसर्चर ने उसकी स्टोरी को खारिज कर दिया। इसके साथ ही ये भी बताया कि शायद इस स्टोरी को गढ़ने के लिए फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग हुआ है। एक्सपर्ट्स के ऐसे दावे के बाद ही वायर ने अपने प्लेटफॉर्म से स्टोरी हटाई और आंतरिक समीक्षा की बात कहकर अप्रत्यक्ष रूप से मान लिया कि मेटा पर की गई उनकी स्टोरी कितनी गलत थी।

प्राइवेसी र‍िसर्चर ने द वायर पर लगाया फर्जीवाड़े का आरोप

वी आनंद नाम के एक प्राइवेसी र‍िसर्चर ने 20 अक्टूबर को ट्विटर पर इस दावे को खारिज कर दिया था कि उन्होंने मेटा विवाद में ‘द वायर’ के देवेश कुमार के काम का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, “मैं वास्तव में लगातार धोखाधड़ी से थक गया हूँ। यह वास्तव में हतप्रभ करने वाला है कि ये सब अब स्पष्ट रूप से एक मृत कहानी पर विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए हो रहा है। इस बारे में सिद्धार्थ वरदराजन को सूचित कर दिया है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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