एक ओर सरकार जहाँ श्रीनगर में शांति और किसी प्रकार का विरोध प्रदर्शन ना होने की बात कह रही है वहीं पत्रकारिता का एक विशेष वर्ग है, जो चाहता है कि लोग कश्मीर के नाम पर ग़ुस्साएँ और किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकें। BBC लगातार अपनी रिपोर्ट्स में यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है। अपने प्रोपेगैंडा और नैरेटिव को ही सच्चाई से हमेशा ऊपर रखने के लिए BBC किसी भी स्तर तक जा सकता है और इसका उदाहरण BBC आज स्वयं देते हुए नजर आया है।
श्रीनगर के सौरा में हुई थी पत्थरबाज़ी, सरकार ने माना https://t.co/lRBywKXXzR
— BBC News Hindi (@BBCHindi) August 13, 2019
हालाँकि मीडिया की इन भ्रामक रिपोर्टों को देखते हुए गृह मंत्रालय ने एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा गया है- “मीडिया में श्रीनगर के सौरा इलाक़े में घटना की ख़बरें आई हैं। 9 अगस्त को कुछ लोग स्थानीय मस्ज़िद से नमाज़ के बाद लौट रहे थे। उनके साथ कुछ उपद्रवी भी शामिल थे। अशांति फैलाने के लिए इन लोगों ने बिना किसी उकसावे के सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाज़ी की। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने संयम दिखाया और क़ानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की। हम ये दोहराते हैं कि अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के बाद से अभी तक जम्मू कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली है।
Law enforcement authorities showed restraint and tried to maintain law & order situation. It is reiterated that no bullets have been fired in #JammuAndKashmir since the development related to #Article370@diprjk @JmuKmrPolice
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 13, 2019
BBC की कारस्तानी
लेकिन, BBC ने गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के ट्वीट को अपने कथित फर्जी वीडियो से जोड़कर रिपोर्ट में लिखा है- “श्रीनगर के सौरा में हुई थी पत्थरबाज़ी, सरकार ने माना”
ख़ास बात ये है कि बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में तो ट्वीट का सही अनुवाद किया है, लेकिन उनकी इस रिपोर्ट का उस तथ्य/वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें BBC ने बहुत सारे लोगों के विरोध करने और सुरक्षाबलों द्वारा उन पर पेलेटगन इस्तेमाल करने का दावा किया था।
नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट BBC की इसी रिपोर्ट का हिस्सा हैं, जिसमे कि स्पष्ट है कि गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का बयान BBC की हेडलाइन से एकदम भिन्न है। अपने नैरेटिव और झूठे आरोपों को लगातार अपने कुतर्कों से किस तरह से सही साबित किया जा सकता है, यह कला BBC जैसी मीडिया संस्था से सीखी जा सकती है।
यह भी जानना आवश्यक है कि BBC ने सरकार पर यह आरोप उस अल जज़ीरा के दावे के आधार पर लगाया है जो खुद ही BBC के झूठ और प्रोपेगैंडा का खंडन कर चुका है।
इससे पहले भी गृह मंत्रालय जम्मू कश्मीर पुलिस के ट्वीट को रीट्वीट कर चुकी है, जो घाटी में लोगों पर सुरक्षाबलों द्वारा फायरिंग करने जैसी भ्रामक ख़बरें फैलाते हुए देखे जा रहे हैं।
This malicious content is strongly rebutted.We have taken up matter with @TwitterSupport . https://t.co/oq6alFS3nT
— J&K Police (@JmuKmrPolice) August 13, 2019
सरकार ने BBC और अल जज़ीरा से इस वीडियो का वास्तविक वीडियो दिखाने की भी माँग की है, जिसे ये मीडिया चैनल श्रीनगर के सौरा का होने का दावा कर रहे हैं। हालाँकि, BBC की ओर से अभी तक भी सरकार को उस वीडियो का असली (Raw) वीडियो उपलब्ध नहीं करवाया गया है लेकिन हो सकता है कि BBC अपनी इन रिपोर्ट्स के जरिए अपनी ‘क्लिकबेट’ पत्रकारिता को ही अपना स्पष्टीकरण का आधार बनाना चाह रही हो।
इस बीच प्रश्न यदि विश्वसनीयता का है तो वो BBC लगातार यह साबित करता आया है कि कम से कम उनके नाम के साथ विश्वसनीयता शब्द जोड़ा जाना इस शब्द का मजाक बनाने के समान है।