भारत-पाकिस्तान के विश्व कप मुकाबले में अहमदाबाद के क्रिकेट स्टेडियम में ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया गया। जिसे लेकर वामपंथी भड़के हुए हैं। इसी मामले में राजदीप सरदेसाई ने इसे आक्रामक नारा बताते हुए एक पोस्ट किया। जिस पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने राजदीप सरदेसाई की जमकर क्लास ली। काश राजदीप अपने क्रिकेटर पिता से थोड़ा ज्ञान ले लिए होते तो उन्हें आज जय श्री राम में आक्रामकता नहीं बल्कि आस्था और जीत का उद्घोष दिखाई देता।
अक्सर विवादों में घिरे टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पोस्ट किया कि किसी को पाकिस्तानी खिलाड़ियों का मजाक उड़ाने के लिए आक्रामक नारे के रूप में ‘जय श्री राम’ का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जो ज्ञान लाते हैं, शत्रुता पैदा नहीं करते हैं।
हालाँकि, भारतियों के लिए ऐसी टिप्पणी और ‘जय श्री राम’ का इस तरह से वर्णन पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन को पसंद नहीं आया, उन्होंने 16 साल के लड़के के रूप में पाकिस्तान में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार को उजागर करते हुए राजदीप सरदेसाई को मुँह बंद करने को कहा।
Rajdeep : "Why use Jai Shri Ram as an aggressive chant to mock Pakistani players?"
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) October 15, 2023
Laxman Sivaramakrishna🔥🔥 : "What abuses I have got as a 16-year-old in Pakistan, only I know. From my colour to my religion to my country and culture. For Heaven’s sake you don’t talk about it" pic.twitter.com/2tHlYMebA1
शिवरामकृष्णन ने पोस्ट किया, “16 साल की उम्र में मुझे पाकिस्तान में कैसी-कैसी गालियाँ मिलीं, यह केवल मैं ही जानता हूँ। मेरे रंग से लेकर मेरे धर्म से लेकर मेरे देश और संस्कृति तक। भगवान के लिए यदि आपने इसका अनुभव नहीं किया है, तो कृपया इसके बारे में बात न करें।”
‘जय श्री राम’ को बदनाम करने वाला राजदीप का ट्वीट वामपंथी गिरोह द्वारा अहमदाबाद स्टेडियम में नारे लगाने, अपने समर्थकों के बीच हिंदू विरोधी कट्टरता को बढ़ावा देने और पाकिस्तानियों को इसके शिकार के रूप में पेश करने के एक हथकंडा जैसा है।
पाकिस्तानी क्रिकेटरों की धार्मिक कट्टरता के विपरीत, ‘जय श्री राम’ के नारे विजय के नारे हैं। वे भगवान राम की महिमा का बखान है और जो किसी अन्य आस्था को खारिज या अपमानित नहीं करते हैं। फिर भी, राजदीप सरदेसाई और उन जैसे कई लोग इसे पाकिस्तानियों का मज़ाक उड़ाने के आक्रामक नारे के रूप में पेश करने की कोशिश करते हैं।
इस तरह से वामपंथी आसानी से इस तथ्य पर पर्दा डाल देते हैं कि पाकिस्तानी क्रिकेटर कट्टरपंथी हैं, जो गैर-मुस्लिमों और उनकी मान्यताओं के प्रति अपनी भड़ास और तिरस्कार को छिपाने का बहुत कम प्रयास करते हैं। इमरान खान ने एक बार कहा था कि भारत के खिलाफ क्रिकेट खेलना उनके लिए ‘जिहाद’ जैसा है। वकार यूनिस ने पिछले साल गर्व से दावा किया था कि रिजवान द्वारा 80,000 से अधिक ‘गैर-मुसलमानों’ के सामने नमाज अदा करने पर उन्हें खुशी महसूस हुई थी।
शोएब अख्तर ने ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की इस्लामी सर्वोच्चतावादी कल्पना का समर्थन किया था। फिर भी, भारतीय वामपंथी चाहते हैं कि भारतीय इन अपमानों और खुले तौर पर धार्मिक आक्षेपों को सहें, न कि अपने देवताओं में अपनी आस्था की पुष्टि करके कट्टरपंथियों को जवाब दें।
नरेंद्र मोदी स्टेडियम ‘जय श्री राम’ के नारों से गूँज उठा
बता दें कि जैसे ही भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर शानदार जीत दर्ज की, नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारतीय प्रशंसकों द्वारा पाकिस्तानी विकेटकीपर मुहम्मद रिज़वान का ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ स्वागत करने का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया।
वीडियो में, जैसे ही रिज़वान भारतीय शीर्ष गेंदबाज जसप्रित बुमरा की एक गेंद पर बोल्ड होने के बाद पवेलियन की ओर बढ़ता है, सीढ़ियों पर खड़ी भारतीय समर्थकों की भीड़ ‘जय श्री राम’ के नारे लगाती है।
गौरतलब है कि हमास के आतंकी हमलों में 1,300 से अधिक इजरायलियों के मारे जाने के बाद श्रीलंका के खिलाफ जीत को गाजा निवासियों को समर्पित करते हुए रिजवान ने अपने हालिया ट्वीट से काफी हलचल मचा दी थी। तब राजदीप जैसे किसी वामपंथी ने आतंकियों के समर्थन पर कोई कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्हें यहाँ कोई आक्रामकता नजर नहीं आई थी।