ऊर्जा मंत्रालय ने देश में कोयले के आयात के बारे में लोगों को गुमराह करने को लेकर गुरुवार (18 अगस्त, 2022) को ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की सहायक संपादक श्रेया जय को कड़ी फटकार लगाई है।
यह पूरा मसला इस महीने की शुरुआत (3 अगस्त) में तब शुरू हुआ जब श्रेया जय ने ट्वीट करते हुए यह दावा किया कि मोदी सरकार ने अपनी ऊर्जा नीति में यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में आरोप लगाते हुए कहा था “केंद्र सरकार ने तीन महीने में बिजली उत्पादन कंपनियों के लिए आयातित कोयले की ब्लेंडिंग को अनिवार्य करने से लेकर वैकल्पिक बना दिया है।”
उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा”मई में, ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली उत्पादन कंपनियों को 10% आयातित कोयले को का मिश्रण करने या घरेलू आपूर्ति में कमी करने के लिए भी कहा था।”
THREAD: Dizzying U-turns on #ImportedCoal
— Shreya Jai (@shreya_jai) August 3, 2022
In 3 months, the Centre has gone from mandating imported #coal blending for power gencos to making it optional.
In May, @MinOfPower directed gencos to blend 10% imported coal or face domestic supply reduction.https://t.co/1BdfEdS6SY
श्रेया जय ने दावा किया कि ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली उत्पादन कंपनियों को आयातित कोयले की बढ़ी हुई कीमत को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने की अनुमति दी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (NTPCL) ने 6.25 मिलियन टन का आयात टेंडर रखा है।
यही नहीं, श्रेया जय ने ट्वीट में दावा किया, “10% आयातित कोयले की ब्लेंडिंग के बाद बिजली की कीमतों में 50-70 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हो सकती है।” यही नहीं, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस तरह से अडानी समूह ने टेंडर हासिल किए हैं वह सब एक तरीके का ‘गलत खेल’ है।
@ntpclimited was the first to place import tender of 6.25 million tonne. All the tenders totaling Rs 8,308 crore went to @AdaniOnline
— Shreya Jai (@shreya_jai) August 3, 2022
It estimated a 50-70 paisa/unit increase in power tariff after 10% imported coal blending. https://t.co/p4sIQ5Prj2
इसके बाद, ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की पत्रकार ने एक ट्वीट में दावा करते हुए लिखा, “कई राज्यों ने कोयला आयात करने का विरोध किया था लेकिन ऊर्जा मंत्रालय ने उन्हें अपने टेंडर्स वापस करने के लिए कहा। और, इसके बाद राष्ट्रीय खनिक और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला उत्पादक कोल इंडिया को इतिहास में पहली बार कोयला आयात करने के लिए कहा गया।”
इसके बाद उन्होंने एक ट्वीट में आरोप लगाते हुए कहा ”40 मिलियन टन की अनुमानित मांग के विपरीत, कोल इंडिया लिमिटेड को राज्यों और प्राइवेट बिजली उत्पादन कम्पनियों से मुश्किल से 2.4 मिट्रिक टन का ब्याज मिला। इसके बाद 4,500 करोड़ रुपये का पहला टेंडर अडानी एंटरप्राइजेज को और दूसरा इंडोनेशिया की एक ब्लैकलिस्टेड फर्म को दिया गया।”
But as against an estimated demand of 40 million tonne, CIL received interest for barely 2.4 MT from states and private gencos.
— Shreya Jai (@shreya_jai) August 3, 2022
The first tender of Rs 4,500 crore went to Adani Enterprises and the second to a blacklisted firm from Indonesia. https://t.co/CedaV1TCbo
एक अन्य ट्वीट में, श्रेया जय ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस ‘यू-टर्न’ ने प्राइवेट और सरकारी बिजली उत्पादन कम्पनियों को बड़ा झटका दिया है।
This also raised a pertinent question – does India even need imported coal?
— Shreya Jai (@shreya_jai) August 3, 2022
I and @DhruvakshSaha explored the history of coal demand supply mismatch in the country and how the current kneejerk reactions do more disservice. https://t.co/BVKdcOrLHe
श्रेया ने केंद्र सरकार पर एक और आरोप लगाते हुए कहा, “कल (2 अगस्त), ऊर्जा मंत्रालय ने आयातित कोयले पर अपने पहले के सभी फैसलों को रद्द कर दिया, और जरूरत पड़ने पर कोयले का आयात करने के लिए राज्यों और बिजली उत्पादन कम्पनियों पर छोड़ दिया है। सरकार ने एनटीपीसी को ब्लेंडिंग 10% से घटाकर 5% करने के लिए भी कहा है।”
बिजनेस स्टैंडर्ड की सहायक संपादक श्रेया जय ने इसके बाद फरवरी 2020 की एक प्रेस विज्ञप्ति शेयर की। जिसमें तत्कालीन कोयला और खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा था कि भारत वित्तीय वर्ष 2023-24 से थर्मल कोयले के आयात को रोक देगा। इस प्रेस विज्ञप्ति को शेयर करने का सीधा मतलब यह दिखाना था कि केंद्र सरकार अपनी ही बात से मुकर रही है।
Closing this thread with a recorded claim that India will bring down coal import to zero by 2023-24. https://t.co/Owa4cgUc7T
— Shreya Jai (@shreya_jai) August 3, 2022
ऊर्जा मंत्रालय ने लगाई श्रेया जय को फटकार
इन तमाम आरोपों ल बाद गुरुवार (18 अगस्त) को ऊर्जा मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए इन सभी आरोपों का खंडन किया और श्रेया जय को फटकार लगाते हुए लिखा ”जिस क्षेत्र में आप काम कर रहीं हैं उसमें आपकी अज्ञानता पूरी तरह से दिखाई दे रही है।”
This refers to the tweet of one @shreya_jai – said to be a correspondent of Business Standard.
— Ministry of Power (@MinOfPower) August 18, 2022
The tweet displays an utter ignorance of the sector which she is reported to be covering.@OfficeOfRKSingh @PIB_India
ऊर्जा मंत्रालय ने अपने ट्वीट में स्पष्ट किया कि भारत में लंबे समय से कोयले का आयात किया जा रहा है। साथ ही यह भी बताया कि कैसे समय के साथ 2013-2014 में 38.5 मिलियन टन से 2022-2023 में 12.2 मिलियन टन तक आयात कम हो गया है।
मंत्रालय द्वारा लिखा गया “हमारी बिजली की माँग अगस्त-सितंबर 2021 से 15 से 20% तक बढ़ी है। इस दौरान घरेलू कोयले की आपूर्ति भी बढ़ी है लेकिन यह माँग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।”
Our power demand grew by 15 to 20% in energy terms from August / September, 2021 onwards.
— Ministry of Power (@MinOfPower) August 18, 2022
The domestic coal supplies increased, but not enough to meet demand.
ऊर्जा मंत्रालय द्वारा यह भी बताया गया कि बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार का तेजी से उपयोग किया जा रहा था, जिससे इस साल अप्रैल-मई तक हर दिन 1.2 लाख टन की कमी हुई है।
ट्वीट करते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने लिखा, “अगर हमने आयात शुरू नहीं किया होता तो हमारा कोयला स्टॉक 23 जुलाई को 70 लाख टन के निचले स्तर पर पहुँच जाता।” कोयला आयात करने को लेकर तर्क देते हुए एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा, “जब घरेलू कोयले की आपूर्ति पर्याप्त होती है तो हम कम कोयले का आयात नहीं करते हैं। जब घरेलू आपूर्ति अपर्याप्त होती है, तो ब्लेंडिंग के लिए कोयले का आयात करना पड़ता है।”
Had we not started imports when we did, our coal stock would have touched a low of 7 million tonnes on 23rd July. This would have meant large numbers of plants having zero stock – leading to large-scale load shedding.
— Ministry of Power (@MinOfPower) August 18, 2022
इसके बाद ऊर्जा मंत्रालय ने श्रेया जय को एक और बार फटकार लगाई इस बार मंत्रालय की ओर से लिखा गया कि न्यूनतम बुद्धि वाला कोई व्यक्ति भी ये सब समझता है, लेकिन दुर्भाग्य से आप संवाददाता (पत्रकार) होकर भी यह नहीं कर सकीं।
Anyone with minimal intelligence will understand this. Unfortunately, this correspondent does not.
— Ministry of Power (@MinOfPower) August 18, 2022
बिजली मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया कि कोल इंडिया लिमिटेड को आयात में शामिल करने का निर्णय राज्य, केंद्र और आईपीपी स्तर पर बिजली उत्पादन कंपनियों के पास है। “अगर राज्य चाहते हैं कि कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) उनकी ओर से आयात करे तो वे सीआईएल को अपना इंडेंट देते हैं।”
All procurement is through open international bids and contract is awarded to company which can supply coal at lowest rate.
— Ministry of Power (@MinOfPower) August 18, 2022
अडानी ग्रुप को डेंटर पर तरजीह दिए जाने के दावे को खारिज करते हुए, बिजली मंत्रालय ने कहा, “कोयले से जुड़ी सभी खरीद खुली अंतरराष्ट्रीय बोलियों के माध्यम से होती है और टेंडर उस कंपनी को दिया जाता है जो सबसे कम दर पर कोयले की आपूर्ति कर सकती है।”