पंजाब के एक DIG लखविंदर सिंह जाखड़ ने ‘किसानों’ के समर्थन में अच्छी-अच्छी बातें करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वो पदमुक्त होकर किसानों की सेवा करना चाहते हैं। इससे मीडिया के एक वर्ग को मसाला मिल गया। प्रोपेगेंडा पत्रकार रोहिणी सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा दिया और कहा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए। इस दौरान ये तथ्य छिपा लिया गया कि उक्त DIG घूसखोरी का आरोपित है, निलंबित किया जा चुका है।
मोदी सरकार की तरफ से किसान संगठनों से बातचीत का जिम्मा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा पीयूष गोयल ने ही सँभाल रखा था। रोहिणी सिंह ने आरोप लगाया कि वो अपने ‘कॉर्पोरेट साथियों’ के लिए इस किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने ‘टाइम्स नाउ’ की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए ये बातें लिखीं, जिसमें बताया गया था कि आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में पंजाब के DIG ने इस्तीफा दे दिया है।
सच्चाई ये है कि लखविंदर सिंह जाखड़ को मई 2020 में ही निलंबित किया जा चुका है। उन पर घूसखोरी के आरोप लगे थे। तब वो अमृतसर के DIG (जेल) के रूप में कार्यरत थे। पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ विभागीय जाँच का आदेश भी दिया था। पट्टी सब-जेल के इंचार्ज DSP विजय कुमार ने उन पर ये आरोप लगाए थे। इस मामले में जाँच के बाद चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।
आरोप है कि अप्रैल 7, 2020 को लखविंदर सिंह जाखड़ ने विजय कुमार से घूस की माँग की थी। जाखड़ और उनके कर्मचारी ने मासिक रूप से प्रति महीने 10,000 रुपए की माँग की थी। एक कैदी उनके ड्राइवर को 3000 रुपए का घूस दिया करता था। जाँच में गया कि इस मामले में अभी और भी कई तह हो सकते हैं। पटियाला जेल के सुपरिटेंडेंट रहते हुए उन्होंने बेअंत सिंह के हत्यारे बीएस राजोआना को मिले मृत्युदंड का पालन करने से इनकार कर दिया था।
अब उन्होंने पंजाब सरकार को ‘किसान आंदोलन’ के समर्थन के नाम पर अपना इस्तीफा भेजा है। उन्होंने खुद को ‘किसान का बेटा’ करार देते हुए दावा किया कि इतनी ठण्ड में भी किसान कई किलोमीटर दूर जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं, वो उनकी ही सेवा के लिए इस्तीफा दे रहे हैं। निलंबन के बाद उन्हें 15 दिन पहले ही फिर से बहाल किया गया था। एडीजीपी (जेल) पीके सिन्हा ने उनके इस्तीफे की पुष्टि की है।
A corrupt cop who is currently under suspension on graft charges resigns for Poltics.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) December 13, 2020
2BHK Journalists came out in support of the DIG and starting doing Rohini Rona.
Who should be ashamed? pic.twitter.com/VXYVStdisp
‘दैनिक जागरण’ ने उच्च-स्तरीय सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि जब किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार का केस चल रहा हो तो ऐसी स्थिति में इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जा सकता। हालाँकि, पीके सिन्हा ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पट्टी जेल से रुपए लेने के आरोप DIG लखविंदर सिंह जाखड़ के खिलाफ जाँच कर रहे आईजी रूप कुमार ने उन्हें दोषी पाया था। फिर भी मीडिया का एक वर्ग इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा।
रोहिणी सिंह को हाल ही में ‘किसान आंदोलन’ को लेकर ही पत्रकार रुबिका लियाकत से ‘फ़्लैट जवाब’ मिला था। किसान आंदोलन पर रुबिका के एक शो की 9 मिनट की वीडियो शेयर की। इस वीडियो में रुबिका समझा रही थीं कि आखिर सरकार किसानों की माँग मानने से पहले विचार क्यों कर रही है। रुबिका ने उनके बारे में कहा था कि इस महिला को मैं वैसे तो जानती नहीं लेकिन जब भी यूपी की एक क्षेत्रीय पार्टी का ज़िक्र करती हूँ तो बेचैन होकर अनायास ही मेरे टाइमलाइन पर कूद पड़ती हैं।