Saturday, November 16, 2024
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मुंबई: पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर इकबाल शेख ने ‘फेक TRP स्कैम’ में रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग रोकने के लिए अदालत की ली शरण

“..जब डिफेंडेंट नंबर 1 (अर्नब गोस्वामी) व्यक्तिगत रूप से इच्छुक पार्टी के तौर पर, मुंबई पुलिस पर बेईमान अधिकारियों का संगठन होने का आरोप लगाते हैं, तो यह मुद्दई के लिए काफी तकलीफदेह होती है, जिनके लिए मुंबई पुलिस उनका दिल और आत्मा है।”

मुंबई पुलिस के पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर इकबाल शेख ने मुंबई के एक कोर्ट में याचिका दायर कर रिपब्लिक टीवी, आर भारत और अर्नब गोस्वामी पर कथित TRP घोटाले की रिपोर्टिंग से रोक लगाने की माँग की है।

LiveLaw ने बताया कि मुंबई के पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त इकबाल शेख द्वारा दायर मुकदमे में मुंबई पुलिस के खिलाफ ‘अपमानजनक रिपोर्ट’ के कारण हुई मानसिक पीड़ा के लिए 5 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति की भी माँग की गई है।

इकबाल शेख ने याचिका में कहा, “..जब डिफेंडेंट नंबर 1 (अर्नब गोस्वामी) व्यक्तिगत रूप से इच्छुक पार्टी के तौर पर, मुंबई पुलिस पर बेईमान अधिकारियों का संगठन होने का आरोप लगाते हैं, तो यह मुद्दई के लिए काफी तकलीफदेह होती है, जिनके लिए मुंबई पुलिस उनका दिल और आत्मा है।” 

वकील आभा सिंह के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि रिपब्लिक न्यूज नेटवर्क ने मुंबई पुलिस के खिलाफ एक ‘बदनामी अभियान’ शुरू किया है, जिसके कारण मुद्दई को गंभीर अपमान का सामना करना पड़ा है जो ‘मुंबई की शानदार पुलिस बल में अपनी विरासत पर गर्व करता है।’

इसमें कहा गया है, “मुद्दई ने कहा कि प्रतिवादी नंबर 1 ने दो सबसे लोकप्रिय टीवी चैनलों के मालिक के रूप में अपनी सीमा को स्थानांतरित कर दिया है और एडिटर-इन-चीफ होने के नाते अपने स्वयं के एजेंडे को चलाना शुरू कर दिया है, जो कि फिलहाल एक सांविधिक निकाय के तहत जाँच के अधीन है।”

आगे कहा गया है, “मुद्दई ने कहा कि रिपब्लिक टीवी चैनल इस मामले में एक वैधानिक जाँच के अधीन है और कानूनी रूप से गठित मंचों में उनकी स्थिति को भुनाने के लिए सभी कानूनी उपाय किए गए हैं। हालाँकि, कानून के तहत निर्धारित नियमों का पालन करने के बजाय यह कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं और बड़े पैमाने पर मुंबई पुलिस को बदनाम करने की एकतरफा प्रक्रिया को अपनाया है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट, 1965 के तहत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए नॉर्म्स ऑफ़ जर्नलिस्टिक कंडक्ट के खुले और घोर उल्लंघन कर ये सारी बातें हो रही हैं।” 

गौरतलब है कि रिपब्लिक टीवी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (अक्टूबर 19, 2020) को कहा था कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी TRP मामले में आरोपित नहीं हैं। इसके बाद रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क और अर्नब गोस्वामी की तरफ से इस मुद्दे पर प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसमें उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर 200 करोड़ के मानहानि के मुक़दमे की बात कही।   

सुनवाई के दौरान मुंबई पुलिस ने कोर्ट में परमबीर का सिंह का साथ देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट में मुंबई पुलिस भी पीछे हट गई।  महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस ने अदालत में यह बात स्वीकार ली कि टीआरपी मामले में दर्ज की गई एफ़आईआर में रिपब्लिक टीवी का नाम शामिल नहीं है। कोर्ट में उनके वकील ने भी माना कि रिपब्लिक आरोपित नहीं हैं। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य और मुंबई पुलिस की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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