‘जामिया के जिहादी’ विवाद पर जामिया मिलिया इस्लामिया ने बृहस्पतिवार (अगस्त 27, 2020) को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर सुदर्शन न्यूज चैनल और इसके प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके के खिलाफ विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने के लिए कार्रवाई करने को कहा है।
दरअसल, सुरेश चव्हाणके ने अपने आगामी शो का एक ट्रेलर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया कि सिविल सेवाओं में ‘संप्रदाय विशेष की घुसपैठ’ का ‘पर्दाफाश’ किया गया है। वीडियो में उन्होंने जामिया के रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (RCA) से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में स्थान पाने वाले छात्रों को ‘जामिया के जिहादी’ कहा था।
#सावधान
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 25, 2020
लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश.
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देश को झकझोर देने वाली इस सीरीज़ का लगातार प्रसारण प्रतिदिन. शुक्रवार 28 अगस्त रात 8 बजे से सिर्फ सुदर्शन न्यूज़ पर.@narendramodi @RSSorg pic.twitter.com/B103VYjlmt
‘इन्डियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, जामिया के प्रो अहमद अज़ीम ने कहा, “हमने शिक्षा मंत्रालय को पूरे प्रकरण के बारे में सूचित करते हुए लिखा है और उनसे उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। हमने उन्हें बताया कि सुदर्शन चैनल ने न केवल जेएमआई और एक विशेष समुदाय की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है, बल्कि यूपीएससी की छवि भी ख़राब की है।”
जामिया विश्वविध्यालय की वीसी नजमा अख्तर ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि विश्वविद्यालय इस मुद्दे पर अदालत नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि चव्हाणके ने जिहादी की एक नई ‘धर्मनिरपेक्ष परिभाषा’ दी है। उन्होंने कहा, “हम उन्हें बहुत अधिक महत्व नहीं देना चाहते हैं। जहाँ तक हमारे छात्रों का संबंध है, आरसीए के 30 छात्रों को इस बार चुना गया था, जिनमें से 16 मुस्लिम और 14 हिंदू हैं। चूँकि वे सभी जिहादी कहे गए, इसका मतलब 16 मुस्लिम जिहादी थे और 14 अन्य हिंदू जिहादी थे। भारत को जिहादियों की नई धर्मनिरपेक्ष परिभाषा दी गई है।”
जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने माँग की है कि प्रशासन द्वारा ‘सुरेश चव्हाणके द्वारा भारतीय विरोधी और जेएमआई विरोधी टिप्पणी’ के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया जाए। जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि सुदर्शन न्यूज के सीएमडी द्वारा कई अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो खुले तौर पर भड़काऊ है, नागरिकों के खिलाफ जहर उगलता है और लोगों को बाँटने की कोशिश करता है।”
इस विवाद पर सुरेश सुरेश चव्हाणके ने कहा है कि जिन लोगों को जिहादी शब्द पर आपत्ति है पहले वो ये बताएँ कि क्या जिहाद शब्द कोई गाली है? जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व विद्यार्थियों ने इसकी निंदा करते हुए सुरेश चव्हाण के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के लिए कानूनी विकल्प पर विचार कर रहे हैं।
गौरतलब है सुरेश चव्हाणके के सुदर्शन चैनल का एक प्रोमो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वह ‘जामिया के जेहादी’ नाम से एक कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू करने वाले हैं। प्रोमो में कहा गया है ऐसे क्या कारण हैं कि बड़ी संख्या में जामिया के विद्यार्थी आईएएस और आईपीएस संवर्ग के लिए चुने जा रहे हैं। इसके पीछे क्या साजिश है। नौकरशाही में संप्रदाय विशेष के घुसपैठ का खुलासा करने का दावा किया जा रहा है।