Sunday, November 17, 2024
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‘आतंक का कोई मजहब नहीं होता’ – एक आदमी जिंदा जला कर मार डाला गया और मीडिया खेलने लगी ‘खेल’

श्रीलंकाई नागरिक की बेरहमी से हुई हत्या के बाद अब पाकिस्तानी मीडिया से लेकर विदेशी मीडिया तक ये साबित करने में जुटा है कि 'आतंक का कोई मजहब नहीं होता'।

पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई नागरिक की बेरहमी से हुई हत्या के बाद अब पाकिस्तानी मीडिया से लेकर विदेशी मीडिया तक ये साबित करने में जुटा है कि ‘आतंक का कोई मजहब नहीं होता’। बड़ी-बड़ी न्यूज एजेंसियाँ ये फैला रही हैं कि पाकिस्तानियों की एक ‘भीड़’ ने श्रीलंका के फैक्ट्री मैनेजर को मार डाला, जबकि सामने आई वीडियोज से ये साफ पता चल चुका है कि वो भीड़ कोई सामान्य भीड़ नहीं थी बल्कि इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ थी, जिन्होंने कथिततौर पर ‘हुसैन’ के अपमान के बाद इस निर्मम हत्या को अंजाम दिया।

उदाहरण के लिए, AFP न्यूज एजेंसी की ही हिपोक्रेसी को देखिए। इस पूरे मामले में उनका ट्वीट बताता है कि श्रीलंका के एक फैक्ट्री मैनेजर को पाकिस्तान में ‘भीड़’ ने पहले पीटा और फिर जलाकर मार डाला। जबकि, यदि एएफपी एजेंसी का ट्वीट फैबइंडिया से जुड़े मामले में देखें तो पता चलता है कि उन्हें एक ऑनलाइन प्रोटेस्ट में भी ‘हिंदुओं’ को हमलावर लिखने से गुरेज नहीं था जो आज इस्लामी भीड़ को भी सिर्फ भीड़ कह रहे हैं। वह लिखते हैं “फैबइंडिया को अपने विज्ञापन वापस लेने पड़े क्योंकि हिंदू राष्ट्रवादियों ने उनके अभियान पर हमला बोल दिया था।”

इसके बाद इसी मामले पर रॉयटर की प्रोपगेंडा परस्त पत्रकारिता भी सामने आती है, जब वो अपने ट्वीट में सिर्फ ये बताता है कि श्रीलंकाई मैनेजर को पाकिस्तानी फैक्ट्री के मुलाजिमों ने मार डाला।

इसी रॉयटर का पाखंड जानने के लिए एक ट्वीट और देख सकते हैं जिसमें एक हत्या के मामले को बताने के लिए साफ लिखा है कि वो हत्या हिंदू भीड़ ने की थी

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जा रहा ऐसा प्रोपगेंडा जिन स्थानीय खबरों पर चल रहा है, उन्हें भी नीचे दी गई वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे पाकिस्तान के लोग ये बताने में जुटे हैं कि ये सारी घटना अराजक तत्वों द्वारा की गई थी और इसका ईशनिंदा संबंधी मामले से कोई लेना देना नहीं है। वीडियो में सामने आया चश्मदीद कहता है, “ये हमारे मजहब को बदनाम करने के लिए साजिश की गई है। इससे दीन नहीं फैलेगा।” 

यहाँ बता दें कि कल से सोशल मीडिया पर प्रियांथा कुमारा नामक श्रीलंकाई नागरिक के साथ हुई बर्बरता की तस्वीरें जगह-जगह दिखाई दे रही हैं। हाल में पुलिस ने इस मामले में दो युवकों को गिरफ्तार भी किया जिन्होंने कैमरे पर बेशर्मी से कबूला कि प्रियंथा ने हुसैन लिखा हुआ कागज कूड़ेदान में फेंक दिया था।

हत्यारों ने कहा, “हमने अपने साथियों से कहा कि ये गलत हुआ है। हमने अपने मैनेजमेंट से बात की। हम सब मिल कर इकट्ठे हुए और उस पर तेल डाल कर जला दिया। जो भी ऐसा करेगा, हमारे रसूल के नाम पर तो जान भी कुर्बान है। हमारे हदीस में लिखा है कि जो भी नबियों की शान में गुस्ताखी करेगा, उसका सिर तन से जुदा कर दिया जाएगा।”

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