नाबालिग लड़की को ऑनलाइन प्रताड़ित करने के मामले में पिछले दिनों ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद पोर्टल के दूसरे फाउंडर प्रतीक सिन्हा ने दावा किया कि जुबैर पर लगे सभी आरोप झूठे हैं। अब सिन्हा के इसी दावे का प्रमाण राष्ट्रीय बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने उनसे माँगा है। आयोग ने उन्हें सभी सबूतों के साथ पेश होने के लिए कहा है।
आयोग का कहना है कि अपने साथी जुबैर के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज होने के बाद प्रतीक सिन्हा ने जो उसके समर्थन में दावे किए थे, वह उसे साबित करने के लिए सभी सबूत आयोग के सामने पेश करें।
Acting on complaint filed by individual; @NCPCR_ asked @AltNews co-founder Pratik Sinha @free_thinker to provide proofs/facts to the Commission in favor of his claims that child doxing n #POCSO complaint against his colleague Mohammed Zubair @zoo_bear was bogus as claimed by him pic.twitter.com/txVjwMzX21
— Forum for Indigenous Rights- North-East India (@fir_ne) September 24, 2020
गौरतलब है कि इससे पहले प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘ऑल्टन्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर पर बच्ची की ऑनलाइन प्रताड़ना को लेकर मामला दर्ज होने के बाद प्रतीक सिन्हा ने सोशल मीडिया में ऐलान किया था कि ऑल्टन्यूज़ जुबैर के साथ खड़ा है। उसे डराने धमकाने की कोशिश की जा रही है।
जुबैर का समर्थन करते हुए कहा गया था कि ग़ैरकानूनी तरीकों का इस्तेमाल करके ऑल्टन्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर हमला करने की कोशिश की जा रही है। इन बातों को मद्देनज़र रखते हुए ऑल्टन्यूज़ अपने सह-संस्थापक के साथ खड़ा है। ज़ुबैर ने फ़ेक न्यूज़ नैरेटिव का सामना करने में अहम भूमिका निभाई है। यह बात बहुत से ऐसे लोगों को पसंद नहीं आती है जो भ्रामक ख़बरों के सहारे भारतीय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास करते हैं।
यहाँ बता दें कि कुछ दिन पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जुबैर के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि इस मामले में ट्विटर के निवेदन के बाद NCPCR ने उसे मोहम्मद जुबैर के ट्वीट के सम्बन्ध में और अधिक जानकारी देने के लिए 10 दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। जुबैर के ट्वीट के बाद उसे फॉलो करने वाले ट्विटर एकाउंट्स @de_real_mak और @syedsarwar ने भी बच्ची के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, इसीलिए एफआईआर में उनका नाम भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की निजी और गोपनीय जानकारियाँ सार्वजानिक करने के लिए कुख्यात समूह ऑल्टन्यूज़ के संस्थापकों में से एक मोहम्मद जुबैर ने अगस्त 07, 2020 को एक ट्विटर यूजर को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने के लिए बच्ची की तस्वीर सार्वजानिक कर दी थी। बताया गया था कि यह बच्ची उस यूजर की पोती थी और उसे जुबैर के ट्वीट के बाद रेप की धमकियाँ मिली थी।