चायनीज फंडिंग से चलने वाली प्रोपेगेंडा वेबसाइट न्यूजक्लिक के मालिकों की दिक्कतें बढ़ने वाली हैं। न्यूजक्लिक के एचआर हेड रहे अमित चक्रवर्ती ही इसके कर्ताधर्ताओं की पोल खोलेंगे। उन्होंने सरकारी गवाह बनकर इस केस में मदद करने का फैसला किया है। इसके लिए बाकायदा उन्होंने कोर्ट में याचिका भी डाली है कि वो सरकारी गवाह बनकर देशविरोधी कामों में जुटे न्यूजक्लिक के कारनामों को सामने लाना चाहते हैं। कोर्ट की अनुमति मिलते ही वो न्यूजक्लिक की काली करतूतों के पर्दे खोलना शुरू कर देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूजक्लिक का खेल खत्म होने वाला है। चीनी पैसों से देश को बदनाम करने के खेल में जुटे न्यूजक्लिक पर देश की अखंडता को नुकसान पहुँचाने का आरोप है। इस कंपनी के एचआर हेड ने अदालत से कहा है कि वो इस मामले की जाँच में सहयोग करना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें देशविरोधी बातों का पता नहीं था। अब अगर कोर्ट ने अमित चक्रवर्ती को सरकारी गवाह बनने की इजाजत दे दी, तब न्यूजक्लिक से जुड़े कई अहम राज की बातें सामने आ जाएँगी।
जानकारी के मुताबिक, 19 दिसंबर को पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक अर्जी देकर मामले की जाँच पूरी करने के लिए समय बढ़ाने की माँग की। पुलिस ने मामले की जाँच पूरी करने के लिए 3 महीने का और समय माँगा था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने दिल्ली पुलिस की याचिका स्वीकार कर ली और पुलिस को 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया। इसी दौरान अमित ने अपनी याचिका दाखिल की। CrPc के प्रावधानों के मुताबिक, सह अभियुक्त अगर जाँच में सहयोग करने और गवाह बनने को तैयार हो जाता है, तो उसे कुछ मामलों में छूट मिलती है।
BIG #BREAKING NEWS | Trouble mounts for Prabir Purkayastha in the NewsClick case
— Republic (@republic) December 25, 2023
As per sources Amit Chakraborty the HR head of the organisation who was arrested along with Prabir Purkayastha has now reportedly accepted to turn the approver,
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बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। दोनों को पटियाल हाउस कोर्ट ने 60 दिनों की न्यायिक हिरासत में दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था। प्रबीर पुरकायस्थ न्यूजक्लिक के फाउंडर हैं और अमित चक्रवर्ती इस पोर्टल के एचआर हेड हैं। दोनों की गिरफ्तारी अक्टूबर में हुई थी। इनकी गिरफ्तारी से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, साथ ही उसके दफ्तर को सील कर दिया था।
बता दें कि न्यूजक्लिक पर विदेशी संस्थानों से ₹38.05 करोड़ फंड लेने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले सीबीआई ने 11 अक्टूबर, 2023 को एक FIR दर्ज करके दिल्ली स्थित दो ठिकानों पर छापेमारी की थी।
सामने आई FIR की कॉपी के अनुसार, सीबीआई ने यह मामला विदेशी चंदा लेने के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर दर्ज किया है। इस मामले में न्यूजक्लिक के प्रमुख प्रबीर पुरकायस्थ, PPK न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, नेविल रॉय सिंघम और जेसन फिचर एवं अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR में कहा गया है कि मार्च 2018 से लेकर अब तक मेसर्स PPK न्यूजक्लिक स्टूडियोज ने जस्टिस एंड एजुकेशन फंड USA, द ट्राईकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इनकॉर्पोरेशन USA से, GSPAN लिमिटेड लायबल्टी कम्पनी USA और सेंट्रो पॉपुलर डेमिडास ब्राजील से कुल ₹28.46 करोड़ का विदेशी फंड प्राप्त किया।
सीबीआई ने अपनी जाँच में यह भी पाया कि जो धनराशि न्यूजक्लिक को जस्टिस एंड एजुकेशन फंड के माध्यम से भेजी गई थी वह दरअसल नेविल रॉय सिंघम की है। नेविल रॉय सिंघम प्रबीर पुरकायस्थ का करीबी है और चीन का प्रोपेगंडा चलाता है।