वामपंथी मीडिया जहाँ एक तरफ भाजपा नेताओं से जबरदस्ती असहज करने वाले सवाल पूछता है और जवाब मिलने के बावजूद अपने नैरेटिव के हिसाब से बहस करने लगता है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा विरोधी नेताओं के इंटरव्यू के दौरान उनका जम कर महिमामंडन किया जाता है। न्यूज़लॉन्ड्री ने जहाँ 88 साल के ई श्रीधरन के साथ बदतमीजी की, वहीं केरल की वामपंथी मंत्री केके शैलजा का गुणगान किया।
ये दोनों ही इंटरव्यू न्यूज़लॉन्ड्री की निधि सुरेश ने लिया। उन्होंने शैलजा को ‘केरल की स्वीटहर्ट’ कह कर सम्बोधित किया, जबकि ई श्रीधरन के सामने अन्य नेताओं के बयान रख कर जबरन पूछती रहीं कि वो इससे सहमत हैं, या फिर क्या वो फलाँ चीज का समर्थन करते हैं। ई श्रीधरन के साथ अजोबोग़रीब व्यवहार करके निधि सुरेश ने सोशल मीडिया पर वाहवाही बटोरी और गिरोह विशेष ने ‘निडर पत्रकारिता’ के लिए उनकी प्रशंसा की।
जबकि केरल में भाजपा फ़िलहाल सातवें नंबर की पार्टी है। ऐसे में सत्ता से सवाल पूछने का दमखम रखने वालों ने मात्र 1 सीट वाली पार्टी से सवाल पूछ-पूछ कर वाहवाही बटोरी और सत्ताधारी मंत्री का गुणगान भी किया। जहाँ ई श्रीधरन निधि सुरेश के सामने बैठ कर इंटरव्यू दे रहे थे, केके शैलजा के पति निधि और अपनी पत्नी के बीच में आराम से बैठ गए, जिससे निधि को माइक आगे ले जाकर उनसे सवाल पूछने पड़ रहे थे।
लेकिन, फिर भी गुणगान शैलजा का ही किया गया। निधि ने शैलजा से पूछा कि क्या वो रॉकस्टार की तरह महसूस कर रही हैं? इसके बाद उन्होंने पूछ डाला कि क्या वो थकी हुई हैं? इस सवाल के पीछे का कारण देखिए। निधि ने कहा कि चूँकि शैलजा ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी, स्वास्थ्य मंत्री भी हैं और अब MLA का चुनाव लड़ रही हैं। कौन सा मंत्री विधायक या विधान पार्षद का चुनाव नहीं लड़ता है?
इसके बाद कन्नूर में राजनीतिक हत्याओं को लेकर सवाल पूछे गए, लेकिन सवाल पूरा होने से पहले ही शैलजा ने जवाब दे दिए और निधि उस जवाब से संतुष्ट भी हो गई, कोई ‘क्रॉस क्वेश्चन’ नहीं। सवाल पूछा गया कि क्या वो राजनीतिक हत्याओं को रोकेंगी? कौन सा नेता इसका जवाब ‘ना’ में देगा? जो दल सत्ता में है, उससे तो हिसाब माँगा जाना चाहिए था, आगे का वादा नहीं। इसके बाद निधि ने मत्तनूर में कॉन्ग्रेस के शोएब की मौत को लेकर सवाल पूछा।
केरल में हाल के दिनों में RSS कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर इस इंटरव्यू में कोई सवाल नहीं पूछा गया। फिर कोरोना से जुड़े काम को लेकर मंत्री के बदले पत्रकार ने ही याद दिला दिया कि उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड्स मिले हैं। जबकि सच्चाई क्या है? जनसंख्या के मामले में भारत 13वें नंबर पर आने वाले केरल में अब तक 11.19 लाख कोरोना संक्रमित सामने आए हैं, महाराष्ट्र के बाद देश में सबसे ज्यादा।
सक्रिय कोरोना मामलों में भी राज्य 24.21 हजार मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है। ऐसा नहीं है कि उसने बाकी राज्यों से ज्यादा टेस्टिंग की है। 8 राज्यों में टेस्टिंग की संख्या केरल से ज्यादा है। इन सबके बावजूद ‘लव जिहाद’ को लेकर ई श्रीधरन से कई सवाल पूछे गए, लेकिन सोना तस्करी से लेकर RSS कार्यकर्ताओं की हत्याओं पर वामपंथी नेता से कोई सवाल नहीं। क्या यही है न्यूज़लॉन्ड्री की ‘निडर पत्रकारिता’?