इंडिया टुडे के ‘पत्रकार’ और अखिल भारतीय तृणमूल कॉन्ग्रेस (एआईटीसी या टीएमसी) की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष के पति राजदीप सरदेसाई ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा देश पर लगाए गए आपातकाल को जायज ठहराने की कोशिश की है। द लल्लनटॉप के ‘नेता नगरी’ शो में बोलते हुए सरदेसाई ने कहा कि वर्तमान में आपातकाल का मुद्दा उठाने से मौजूदा समस्याओं से ध्यान हट जाएगा।
सरदेसाई ने कहा कि आपातकाल के काले दौर में पूरे देश पर अत्याचार करने के बाद भी कॉन्ग्रेस चुनावों में विजयी हुई, जिसका मतलब है कि लोग आगे बढ़ चुके हैं और एक बार फिर कॉन्ग्रेस को स्वीकार कर चुके हैं।
राजदीप सरदेसाई ने कहा, “उत्तर भारत ने आपातकाल का सबसे ज़्यादा खामियाजा भुगता है। इंदिरा गाँधी और कॉन्ग्रेस 1977 में दक्षिण भारत में जीतने और हावी होने में कामयाब रहीं। हालाँकि, वे महाराष्ट्र में उस तरह से जीत हासिल नहीं कर पाईं, जैसा उन्होंने उत्तर में किया था। अब आप 2024 में युवाओं को बता रहे हैं, जो आज की पीढ़ी के हैं या आपातकाल के बाद पैदा हुए हैं और जिनकी उम्र 18 से 38 साल के बीच है, उन्हें यह सीखना चाहिए कि 25 जून को क्या हुआ था। आप पिछली घटनाओं से राजनीति नहीं कर सकते।”
सरदेसाई ने कहा, “यदि आप अतीत को दोहराते रहेंगे तो आप बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, अग्निवीर, नीट-यूजी पेपर लीक, जम्मू में आतंकवादी हमले, मणिपुर में हिंसा और बिहार में बाढ़ सहित आज की चुनौतियों से कैसे निपटेंगे?”
How shameless can @SardesaiRajdeep be?
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) July 13, 2024
To get Rajya Sabha seat just like his wife, he's now ready to defend even Indira's Emergency!
– Says Indira won in South, so Emergency is only North India issue
– Emergency is old issue, we shld not talk about it.
But same Rajdeep will… pic.twitter.com/ueiCY3SQgx
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए 26 जून को “संविधान हत्या दिवस” घोषित किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 जुलाई को एक गजट अधिसूचना जारी कर कहा कि भारत सरकार ने 25 जून को “संविधान हत्या दिवस” घोषित किया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, जिसके बाद तत्कालीन सरकार द्वारा सत्ता का घोर दुरुपयोग किया गया और भारत के लोगों पर ज्यादतियाँ और अत्याचार किए गए। इसमें कहा गया है कि भारत के लोगों को भारत के संविधान और भारत के लचीले लोकतंत्र की शक्ति पर अटूट विश्वास है।
अधिसूचना में आगे कहा गया है, “इसलिए, भारत सरकार 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में घोषित करती है, ताकि आपातकाल के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग के खिलाफ लड़ने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के ऐसे घोर दुरुपयोग का समर्थन न करने के लिए प्रतिबद्ध किया जा सके।”