Tuesday, December 3, 2024
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अतीक हो या मुख्तार, इंजीनियर रशीद हो या शरजील इमाम… क्यों हर बार छलक जाता है पत्रकार राजदीप सरदेसाई का ‘उम्माह’?

कुल मिलाकर बात यह है कि अगर कोई गर्मजोशी से राजदीप मिल ले तो वह उसके दोस्त होते हैं बशर्ते मिलने वाला मुस्लिम हो। भले ही उस गर्मजोशी वाले आदमी ने किसी की हत्या की हो या फिर उसने कोई देश विरोधी काम कर रखा हो।

एक पत्रकार हैं राजदीप सरदेसाई। उनकी पहचान है कि वह इंडिया टुडे टीवी चैनल के सलाहकार संपादक और एंकर हैं। उनकी दूसरी पहचान है कि वह तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष के पति हैं। किताबें लिख चुके हैं, खुद को क्रिकेट का बड़ा फैन बताते हैं। इन सबके इतर भी राजदीप सरदेसाई की एक पहचान है। यह पहचान है कि कोई भी ऐसा व्यक्ति जो देश या समाज के लिए खतरनाक है, राजदीप सरदेसाई का परम मित्र होता है। उनके दोस्तों की फेहरिस्त में अतीक अहमद, इंजीनियर रशीद और उमर खालिद जैसे लोग शामिल हैं।

वह इस मित्रता का गाना लाइव टीवी पर गाते हैं। समाज या देश के लिए खतरा बनने वाले किसी भी ऐसे आदमी से मित्रता रखने का आधार उसका राजदीप से गर्मजोशी से मिलना या फिर खाना खिलाना होता है। खाना खिलने वाला कितना बड़ा अपराधी या देश विरोधी और उसके विषय में असल तथ्य क्या हैं, इस बात से राजदीप को कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि तथ्यों का फर्क यदि राजदीप सरदेसाई पर पड़ता तो हाल ही में वह उमर खालिद और शरजील इमाम को लेकर आधी-अधूरी जानकारी साझा करके देश की न्यायिक व्यवस्था पर प्रश्न नहीं खड़ा करते।

राजदीप ने सोमवार (7 अक्टूबर, 2024) को एक ट्वीट किया। यह ट्वीट लाइवलॉ वेबसाइट की एक खबर पर आधारित था जो बताती थी कि शरजील इमाम और उमर खालिद की जमानत याचिका की सुनवाई स्थगित हो गई है। लाइवलॉ की रिपोर्ट में भी संपादकीय लापरवाही थी। हालाँकि, यह जान बूझ कर की गई थी, ऐसा लगता है। दरअसल, इन दोनों इस्लामी कट्टरपंथियों की जमानत याचिका पर सुनवाई इसलिए टली क्योंकि जस्टिस नवीन चावला नहीं बैठे। यह जानकारी लाइवलॉ ने दी।

लेकिन राजदीप ने जस्टिस नवीन चावला के उन ‘व्यक्तिगत कारणों’ को नहीं बताया, जिसके कारण अदालत नहीं बैठी। यहाँ गौर करने वाली बात यह भी है कि जिनकी जमानत याचिका पर सुनवाई टलने से राजदीप सरदेसाई इतने आहत हुए हैं उन्हीं लोगों को दिल्ली की एक अन्य अदालत ने दिल्ली दंगों की सुनवाई में अनावश्यक/जानबूझकर देरी के लिए चेताया।

दिल्ली की एक अदालत ने 4 अक्टूबर को शरजील इमाम, उमर खालिद और बाकी आरोपितों के दिल्ली दंगा मामले में बार-बार स्थगन माँगने को लेकर खूब खरी खोटी सुनाई। कोर्ट ने उन्हें चेताया कि अगर ये कारनामे आगे फिर हुए तो इसके परिणाम इनको भुगतने होंगे। ऑपइंडिया ने पाया कि उमर खालिद के मामले में 14 बार कोर्ट की कार्रवाई स्थगित हुई। इसमें से 7 बार खुद ही उमर खालिद ने ऐसा करवाया।

राजदीप सरदेसाई के एजेंडे में यह बातें फिट नहीं बैठती थीं। उन्होंने यह किनारे लगा दी। राजदीप को किसी के मुस्लिम होने पर इतना प्रेम उमड़ता है कि वह यह तक नहीं देखते कि वह व्यक्ति भारत विरोधी बातें करता आया है। उन्होंने हाल ही में इंडिया टुडे पर लाइव शो के दौरान बताया कि सांसद इंजीनियर रशीद उनके दोस्त हैं। यह वही इंजीनियर रशीद हैं जिन पर आतंकी फंडिंग का मुकदमा चल रहा है और वह जमानत पर बाहर हैं।

राजदीप सरदेसाई से जब पूछा गया कि आखिर ऐसा आदमी उनका दोस्त कैसे हो सकता है तो उन्होंने जवाब दिया कि इंजीनियर रशीद उनसे गर्मजोशी से मिले थे इसलिए दोस्त हैं। इस पर उनके साथी एंकर राहुल कँवल ने कहा कि अगर कोई भी उनसे कहा कि जो भी उन्हें खिला-पिला देगा वह दोस्त हो जाएगा क्या। हालाँकि, यह कोई पहला मौक़ा नहीं है जब मुस्लिम नाम सुनते ही राजदीप सरदेसाई ने समाज और देश के लिए खतरा बनने वाले व्यक्ति की प्रशंसा करने लगे हों।

इससे पहले राजदीप सरदेसाई उतर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी को लेकर भी कसीदे पढ़ चुके हैं। उन्होंने एक लाइव शो के दौरान बताया था कि अतीक अहमद ने एक बार उन्हें काफी बढ़िया खाना खिलाया था और स्वागत सत्कार किया था। यही बात उन्होंने मुख़्तार को लेकर कही थी।

इस बात को उन्होंने उस दौरान बताया था जब अतीक के बेटों ने बीच बाजार प्रयागराज में एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। यानी कुल मिलाकर बात यह है कि अगर कोई गर्मजोशी से राजदीप मिल ले तो वह उसके दोस्त होते हैं बशर्ते मिलने वाला मुस्लिम हो। भले ही उस गर्मजोशी वाले आदमी ने किसी की हत्या की हो या फिर उसने कोई देश विरोधी काम कर रखा हो।

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अर्पित त्रिपाठी
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