नार्कोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो (NCB) ने रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती और सुशांत सिंह राजपूत के हाउस मैनेजर रहे सैमुअल मिरांडा को गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद रिया के पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती ने बयान जारी किया है। इसके बाद से लिबरल गैंग ने रिया के पिता के आर्मी बैकग्राउंड से होने को भुनाना शुरू कर दिया है। इसमें राजदीप सरदेसाई और स्वरा भास्कर जैसे लोग लग भी गए हैं, जो ‘विक्टिम कार्ड’ को नए रूप में पेश कर रहे हैं।
इंद्रजीत चक्रवर्ती ने ‘इंडिया टुडे’ को ये बयान दिया, जिसे फैलाने में लिबरल गैंग के लोग जी-जान से जुट गए। ‘इंडिया टुडे/आजतक’ ने ही रिया चक्रवर्ती का भी इंटरव्यू लिया था, जिसके बाद चैनल के बॉयकॉट के लिए लोगों ने अभियान चलाया था। राजदीप सरदेसाई और राहुल कँवल जैसे पत्रकारों ने रिया के इंटरव्यू में कही गई बातों को काट-काट कर सोशल मीडिया पर खूब फैलाया। वो लोग अभी भी रिया के लिए सहानुभूति बटोरने में लगे हुए हैं।
रिया के पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती ने कहा कि उनका परिवार मध्यम वर्गीय है, उनके बेटे को गिरफ्तार किया ही जा चुका है, अब उनकी बेटी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘न्याय’ के नाम पर एक मध्यमवर्गीय परिवार को बर्बाद कर दिया गया और इसमें सब कुछ जायज बताया जा रहा है। ‘बधाई हो भारत’ कहते हुए उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने ‘जय हिन्द’ से अपनी बात ख़त्म की। इसके बाद राजदीप ने उनके कर्नल होने और सेना ने रिटायर होने की बात को हाइलाइट किया।
लेकिन, यही राजदीप जैसे लोग तो चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि भाजपा समर्थक और हिंदुत्ववादी लोग बात-बात में सेना को घुसा देते हैं। अब क्या ज़रूरत आन पड़ गई कि उन्हें एक ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिए उसके पिता के सेना में होने (भूतपूर्व ही सही) की दुहाई देनी पड़ रही है, जो तीन-तीन केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर है। ये मामला ड्रग्स से जुड़ा है, सुशांत की मौत से जुड़ा है और रुपयों के लेनदेन से जुड़ा है- बावजूद इसके आरोपित के बचाव में उसके पिता के सेना में होने का तर्क?
ऐसे ही अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने लिखा कि ये दिल तोड़ने वाला है। उन्होंने शायद ही सुशांत सिंह राजपूत के पिता के लिए अफ़सोस जताया हो, जिनके जवान बेटे की मौत हो गई और उन्हें पता ही नहीं है कि मौत का कारण क्या था? उन्होंने आरोप लगाया कि लोग दूसरों को दर्द में देख कर आनंद ले रहे हैं, जिसके लिए उन्हें शर्म करना चाहिए। यहाँ बताना ज़रूरी है कि इसमें सुशांत के परिवार के दर्द की बात नहीं की जा रही है, उनकी नजर में वो लोग पीड़ित नहीं हैं।
When nothing is working in defending drug mafias, Journalists are now trying hard to spin it to patriotism.
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) September 5, 2020
Patriotism is the last refuge of the… pic.twitter.com/lUcbMgUB6O
जब खबर आ रही है कि बॉलीवुड के 14 बड़े नामों की चर्चा ड्रग्स के लेनदेन में हो रही है, ऐसे में इन लोगों के डर का कारण क्या है? आखिर एनसीबी की कार्रवाई से ये लोग क्यों डरे हुए हैं? ऊपर से जहाँ मामला करोड़ों और लाखों के लेनदेन का हो, वहाँ आरोपित और उसका परिवार मध्यम वर्गीय कैसे हुआ? फिर भारत ने एक मध्यम वर्गीय परिवार को कैसे बर्बाद कर दिया, जैसा कि दावा किया जा रहा है। रिया के समर्थन में इनका क्या हित है?
राजदीप जैसे लोग ही लिखते हैं कि आर्मी वाले भी तो ‘जॉब ही करते हैं’, और फिर राजदीप जैसे ही लोग किसी पिता को उसके आर्मी से होने के कारण उसके आरोपित बाल-बच्चों को संत की तरह दिखाना चाहते हैं। बेटा-बेटी ड्रग्स रैकेट का हिस्सा हो या उसमें शामिल होने का आरोप हो तो इसमें ‘बधाई हो भारत’ का एंगल कहाँ से आता है? इसी तरह रोहिणी सिंह, ज़ेबा वारसी और चैती नरूला जैसे लोगों ने भी इस मामले को ‘देशभक्ति’ से जोड़ कर दिखाने के चक्कर में इस ट्वीट को शेयर किया।
This is heartbreaking! Shame on us!!!! Shame on our voyeurism and sadistic pleasure in the tragedy and pain of others! #RheaChakrobarty https://t.co/3nWCBsfSYb
— Swara Bhasker (@ReallySwara) September 5, 2020
अगर राजदीप और स्वरा जैसों को डर नहीं है तो फिर वो लोग इतनी बेचैनी में क्यों हैं और रिया के पिता के आर्मी बैकग्राउंड को भुना कर लोगों की सहानुभूति बटोरने में क्यों लगे हुए हैं? किसी आरोपित के घर जाकर इंटरव्यू लेने वाले व्यक्ति से और अपेक्षा भी क्या की जा सकती है। अब जब रिया चक्रवर्ती पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है, ऐसे में इससे ऐन पहले माहौल बनाने की साजिश के पीछे कोई न कोई मंशा तो ज़रूर है।