Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'कौन है स्वरा भास्कर': 15 अगस्त से पहले द वायर के दफ्तर में पुलिस,...

‘कौन है स्वरा भास्कर’: 15 अगस्त से पहले द वायर के दफ्तर में पुलिस, सिद्धार्थ वरदराजन ने आरफा और पेगासस से जोड़ दिया

नई दिल्ली के डीसीपी ने ट्विटर पर साफ किया है कि स्वतंत्रता दिवस से पहले, सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी उपाय जैसे किराएदारों का वेरिफिकेशन, गेस्ट हाउस की जाँच आदि पूरे दिल्ली में किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बीट अधिकारी बिन साइन बोर्ड वाले कार्यालय में जाँच के लिए गए थे।

वामपंथी मीडिया पोर्टल ‘द वायर’ के फाउंडिंग एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन का कहना है कि आज (जुलाई 23, 2021) उनके दफ्तर में एक पुलिस कर्मी ने पहुँचकर स्वरा भास्कर, विनोद दुआ और आरफा खानुम शेरवानी से जुड़े सवाल किए। अपने ट्वीट में सिद्धार्थ ने उनकी पेगासस रिपोर्ट से इस घटना को जोड़ा और बताया कि पेगासस प्रोजेक्ट के बाद ये एक उनका एक और दिन है।

उन्होंने लिखा, “आज एक पुलिसकर्मी अपने बेहूदा सवालों के साथ आया और पूछा- विनोद दुआ कौन हैं? स्वरा भास्कर कौन हैं? हम आपका रेंट एग्रीमेंट देख सकते हैं? क्या मैं आरफा से बात कर सकता हूँ?” उनके मुताबिक, जब उन्होंने पुलिस वाले से इस तरह आने का सवाल किया, तो जवाब मिला कि 15 अगस्त के लिए रूटीन चेक है। अपने ट्वीट में सिद्धार्थ इस तरह की चेकिंग को अजीब लिखते हैं।

साभार: सिद्धार्थ वरदराजन का ट्वीट

बता दें इससे पहले द वायर को फर्जी खबरों को लेकर कश्मीर पुलिस द्वारा ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया गया था। कश्मीर पुलिस ने द वायर पर ‘तथ्यों की गलत बयानी, सनसनीखेज, कुछ अज्ञात विशेषज्ञों की राय के साथ तथ्यों का मनगढ़ंत मिश्रण’ करने का आरोप लगाया था। पोर्टल पर मीडिया ट्रायल में शामिल होने का भी आरोप लगाया गया था।

वहीं फेक न्यूज फैलाने के लिए कुख्ताय विनोद दुआ के बारे में मालूम हो कि वह हाल में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी द्वारा मदद किए जाने पर चर्चा में आए थे। कोविड से संक्रमित दुआ के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दवाइयों का इंतजाम करवाया था। उनके विरुद्ध झूठी खबरें फैलाने और अराजकता फैलाने के आरोप में 2020 में केस दर्ज हुआ था।

इसी तरह आरफा खानुम शेरवानी भी अपनी इस्लामी पत्रकारिता के लिए कुख्यात हैं। वह न केवल एक सामाजिक अपराध से जुड़े मसले में इस्लामोफोबिया खोज लेती हैं बल्कि जब एक मुस्लिम व्यक्ति दूसरे मुस्लिम व्यक्ति को मारता है तो भी वह नफरत फैलाने के लिए पूरी खबर को अलग एंगल दे देती हैं।।

बता दें कि पहले यह स्पष्ट नहीं था कि पुलिसकर्मी द वायर के दफ्तर में क्यों पहुँचा और वह वहाँ ऐसी पूछताछ क्यों कर रहा था। सिर्फ सिद्धार्थ वरदराजन के दावे पर ही तरह तरह की बातें हो रही थीं। लेकिन अब नई दिल्ली के डीसीपी ने ट्विटर पर साफ किया है कि स्वतंत्रता दिवस से पहले, सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी उपाय जैसे किराएदारों का वेरिफिकेशन, गेस्ट हाउस की जाँच आदि पूरे दिल्ली में किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय बीट अधिकारी एक कार्यालय का सत्यापन करने गए थे, जिसके प्रवेश द्वार पर कोई साइनबोर्ड नहीं था। अपने ट्वीट में डीसीपी ने कार्यालय के बाहर की फोटो भी शेयर की है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -