साल 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले वामपंथी अखबार ‘द गार्जियन’ हिंदूवादी कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी के पीछे इंटरव्यू के लिए हाथ धो कर पड़ा था। इसकी जानकारी हाल में काजल के ट्वीट से हुई। अजीब बात ये है कि इस इंटरव्यू को लेने की जिम्मेदारी हिंदूविरोधी पत्रकारिता के लिए कुख्यात तीन पत्रकारों को सौंपी गई थी, जो कि मार्च से पहले यानी लोकसभा चुनाव से पहले इसे निपटाना चाहते थे।
काजल हिंदुस्तानी ने इस मामले की जानकारी ‘द गार्जियन’ की दक्षिण एशियाई संवाददाता हन्ना एलिस-पीटरसन के ट्वीट पर जवाब देते हुए दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रिय बहन। पहली बात तो, मेरे पास वे चैट हैं जहाँ मुझे बताया गया था कि आपकी टीम UK से उड़ान भर रही है। मुझे ये नहीं बताया गया कि आप भारत में ही हैं। दूसरी बात, तुम मार्च तक ही मेरा इंटरव्यू लेने के लिए क्यों आतुर हो? तीसरा, मैं फिर भी तैयार थी लेकिन आपकी हड़बड़ी से मुझे लगा कि कुछ गलत हो रहा है और अब आपकी हिंदुओं पर कवरेज देख समझ आ रहा है कि ऐसा क्यों?”
Dear sis, Firstly, I have the chats where I was told the team is flying from UK. I was not told you’re in India. Second, why so eager to interview me by march end only? Thirdly, I was cordial. But I sensed something was off going by your desperation (I have the chats since… https://t.co/meEO8APEnA
— Kajal HINDUsthani (@kajal_jaihind) March 24, 2024
गौरतलब है कि काजल हिंदुस्तानी हिंदुओं के मुद्दे जैसे लव जिहाद आदि पर आवाज उठाती रही हैं वहीं द गार्जियन हमेशा से हिंदुओं का पक्ष दबाने का काम करता रहा है। जिन तीन पत्रकारों को काजल का इंटरव्यू लेने की जिम्मेदारी दी गई थी वो भी काजल हिंदुस्तानी की सोच के विरोधी रहे हैं, फिर उन्हें उनका इंटरव्यू किस मकसद से लेना था ये बात समझ से परे है।
If anyone else has been contacted by these jokers, they should be careful. Be cautioned that 2 UK journalists from Guardian being India right before elections, guided by one Ahmer Khan, doesn’t smell right. In fact, I would not be surprised if their end game is to fan violence
— Nupur J Sharma (@UnSubtleDesi) March 24, 2024
बता दें कि काजल हिंदुस्तानी के इंटरव्यू के लिए जिन तीन पत्रकारों को चुना गया था, उनके नाम- हन्ना एलिस-पीटरसन, अहमर खान और क्यारी इवेंजेलो है। ये सभी भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा चलाने में पीछे नहीं रहे है।
जनवरी 2020 में जब पूरी भारत में CAA विरोधी हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे तब हन्ना एलिस-पीटरसन ‘द गार्जियन’ में सीएए के बारे में आधी-अधूरी जानकारी डालने में व्यस्त थीं। नीचे स्क्रीनशॉट में देख सकते हैं कि उनका ध्यान दुनिया को ये दिखाने पर रहा है कि भारत के मुस्लिमों की कितनी दयनीय स्थिति है। उनका ध्यान कभी बांग्लादेश, अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होते अत्याचार पर नहीं गया।
कर्नाटक से उठा स्कूल में हिजाब बैन का मामला हो या अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समय नकारात्मक माहौल बनाने का प्रयास, वामपंथी पत्रकार किसी भी मामले में हिंदुओं को बदनाम करने में पीछे नहीं रहीं। उन्होंने तो साल 2020 में हुए दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में इस्लामी कट्टरपंथियों के जुर्म को धो-पोंछने का काम किया था। हन्ना एलिस-पीटरसन ने ‘द गार्जियन’ के लिए कई भड़काऊ लेख भी लिखे हैं।
इन सभी के अतिरिक्त इसी वामपंथी पत्रकार ने साल 2022 में इंग्लैंड के लेसिस्टर शहर में भड़की हिंसा को भी ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ से बिना किसी सबूत के जोड़ दिया था। हालाँकि, बाद में उनके हिंदूफोबिक रिपोर्टिंग की पोल खुली जब इस मामले में सेंटर फॉर डेमोक्रेसी, प्लुरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) ने पुलिस वर्जन और गवाहों से की बातचीत पर रिपोर्ट बनाई। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि इस्लामी समूहों ने लेसिस्टर में भ्रामक अफवाह उड़ाई थी और इस हिंसा में हिंदुओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ था, उन्हें ढूँढ-ढूँढकर टारगेट किया गया था, जिसके कारण कई ने पलायन भी कर डाला।
हन्ना एलिस-पीटरसन का दुष्प्रचार केवल हिन्दू विरोधी और मज़हबी चरमपंथ को ढँकने तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने तो अपने एक लेख में बिना किसी सबूत के कुंभ मेले में आए हिंदू श्रद्धालुओं तक को ‘कोविड सुपरस्प्रेडर्स’ बता डाला था, जबकि इन्हीं वामपंथी पत्रकार ने कोविड-19 के तब्लीगी जमात के सदस्यों को क्लीन चिट दे डाली थी।
Typical propagandist she is, far from journalism. She is writing hit job on you and few more. Eventually will publish in a series, whether you gove remarks or not. pic.twitter.com/GCBZMmuozg
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) March 24, 2024
पत्रकार ने ‘डॉक्यूमेंट क्रॉपर’ बने और राफेल सौदे के बारे में गलत सूचना फैलाने के लिए कुख्यात एन राम ने भारत में कोविड-19 को ले कर भ्रम फैलाने वाली इन खबरों की साल 2021 में खुल कर तारीफ की थी।
Here’s an important — sensitive, powerful, and moving — truth-telling podcast by The Guardian’s South Asia Correspondent, Hannah Ellis-Petersen. Caution: Listeners may find this distressing: “India’s Covid disaster: a crisis for the world”: https://t.co/tlQRsIHilW
— N. Ram (@nramind) April 27, 2021
‘लव जिहाद’ पर भ्रम फैलाने वालों में द गार्जियन का दूसरा पत्रकार भी
काजल हिंदुस्तानी के इंटरव्यू के प्रयास में जुटे द गार्जियन के दूसरे पत्रकार का नाम अहमर खान है। अहमर खान CAA को ले कर अफवाह उड़ाने, मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी घोषित करने और हर्ष मंदर जैसे वामपंथी लोगों का समर्थन व्यक्त करने के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा अहमर खान की खासियत यह भी है कि वो लव जिहाद के मामलों में पहचान छिपाकर हिंदू लड़कियों को धोखे से प्रेम में फँसाने, फिर उनका जबरन धर्मांतरण करवाने वाले आरोपित आरोपित का खुलकर बचाव करते हैं। उनके लिए लव जिहाद जैसी कोई चीज नहीं है, ये बस एक साजिश है। उन्होंने इस पर डॉक्यूमेंट्री भी बनाई है।
Hindu nationalist groups in Uttar Pradesh are using an anti-conversion law to violently break up interfaith couples and legitimate an anti-Muslim conspiracy theory. @betwasharma & I spent months reporting on #LoveJihad.
— Ahmer Khan (@ahmermkhan) July 3, 2021
Our latest for @theintercept https://t.co/65HFTAytQ9
उनके द्वारा शूट हुईं कुछ डॉक्यूमेंट्री के नाम ‘भारत के उत्तर प्रदेश में लव जिहाद’, ‘द हिंदू एक्सट्रीमिस्ट्स एट वॉर विद इंटरफेथ लव’ और ‘लव जिहाद: भारत की घातक धार्मिक साजिश का सिद्धांत’ शामिल हैं।
Delighted to know our film “Love Jihad in India’s Uttar Pradesh” has won two awards at @lovieawards.
— Ahmer Khan (@ahmermkhan) November 17, 2021
It took us months to produce this film. A great team effort! pic.twitter.com/VyQt4gIGd2
अक्टूबर 2021 में अहमर ने लव जिहाद को लेकर एक ट्वीट भी किया था। उन्होंने लिखा, “हमने भारत में अंतरधार्मिक प्रेम के साथ युद्धरत हिंदू कट्टरपंथियों की डॉक्यूमेंट्री बनाने में कई महीने बिता दिए। य निगरानी करने वाले लोग हिंदू महिलाओं को मुस्लिमों के साथ संबंध रखने से मना करते हैं और उनकी जगह हिंदू दूल्हों की व्यवस्था करते हैं।”
We spent months documenting Hindu extremists in India at war with interfaith love. These vigilantes “rescue” Hindu women from relationships with Muslims, and arrange them with Hindu grooms instead.
— Ahmer Khan (@ahmermkhan) October 21, 2021
Watch our latest documentary for @VICENews.https://t.co/fOkYoU7xGw
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “लव जिहाद में दावा किया जाता है कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहका रहे हैं और उन्हें इस्लाम कबूल कराने के लिए शादी का लालच देते हैं। ये दावे निराधार हैं।”
2. Love Jihad: India's lethal religious conspiracy theory.
— Ahmer Khan (@ahmermkhan) November 21, 2023
The theory claims that Muslim men are seducing Hindu women and luring them into marriage in order to convert them to Islam. The claims are baseless, yet the consequences are realhttps://t.co/DPXryHg1lO
लव जिहाद के अरोपितों के बचाव में हमेशा खड़े रहने वाले अहमर का कॉन्ग्रेस पार्टी के आधिकारिक मुखपत्र यानी नेशनल हेराल्ड ने दिसंबर 2021 में इंटरव्यू भी किया था। इस इंटरव्यू में अहमर ने जम कर विक्टिम कार्ड खेला था। तब उन्होंने दावा किया, “जो कुछ हो रहा है वह अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विश्वास से परे है। यह देश के व्यापक हित के लिए भी ठीक नहीं है।”
काम पर जुटा है और पत्रकार
हिंदूवादी कार्यकर्ता काजल हिंदुस्तानी का इंटरव्यू लेने के लिए द गार्जियन ने जिस तीसरे पत्रकार को रेडी किया था उनका नाम क्यारी इवेंजेलो है। यह पत्रकार अभी हाल ही में वामपंथियों के इशारे पर इजरायल विरोधी भावनाओं को भड़काता हुआ पाया गया था।
क्यारी इवेंजेलो हन्ना एलिस-पीटरसन और अहमर खान के साथ ‘लव जिहाद’ पर एकडॉक्यूमेंट्री फिल्म की शूटिंग कर चुका है। इवेंजेलो ने कर्नाटक में ‘ऑनर किलिंग’ के एक मामले को ‘हिंदुत्व ताकतों की साजिश’ बताने की भी कोशिश की थी।
The mutilated body of a 24-year-old Muslim, Arbaaz Aftab, was discovered on a railway track near his home. His family believe he was murdered because of his interfaith relationship with a Hindu woman and that he is one of the latest victims of #lovejihad. #india
— Kyri Evangelou (@kyrievangelou) January 21, 2022
जनवरी 2021 में यही पत्रकार राजनीति से प्रेरित दिल्ली की सीमाओं पर हुए कृषि विरोधी कानून विरोधी प्रदर्शनों में भी एक्टिव था।
Latest film for @guardian. 'Modi's policies are doing nothing for the poor': feeding India's protesting farmers – video https://t.co/Ppd2DJ6pmH
— Kyri Evangelou (@kyrievangelou) January 7, 2021
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में काइरी इवेंजेलो और अहमर खान ने रिपोर्टिंग के नाम पर उन्माद फैलाया था। उनके प्रोपोगेंडा डॉक्यूमेंट्री को एमी अवार्ड्स के लिए भी नामित किया गया था।
“India’s Deadly Covid Wave” has been nominated for an Emmy! Proud to have worked on this with an extremely talented group of people. #emmys2022 https://t.co/s8bjg3J6sL
— Kyri Evangelou (@kyrievangelou) July 29, 2022
बताते चलें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ द गार्जियन और उसकी ही विचारधारा के अन्य समाचार पत्र, भारत में दुष्प्रचार बढ़ाने के लिए सक्रिय हो चुके हैं। आशंका है कि इस दौरान हिंदुओं को भड़काने और भारत की छवि को धूमिल करने जैसी खबरों की तादाद में इजाफा हो इसलिए द गार्जियन भी अपनी तैयारी में लगा है और इसी के चलते संभवत: उन लोगों ने काजल हिंदुस्तानी का इंटरव्यू लेने के लिए इतना जोर दिया ताकि इंटरव्यू के वक्त वो कुछ ऐसा उगलवा सकें जिससे विवाद हो और उन्हें अपने एजेंडे का मसाला मिला। द गार्जियन की ऐसी कोशिशें भारत के सभी राजनीतिक वर्गों से जुड़े लोगों तक अपनी पहुँच बढ़ाने वाली चाल का भी हिस्सा हो सकता है।