Saturday, December 21, 2024
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भारतीयों को सबसे घटिया बताने वाला पत्रकार पढ़ लो- विदेशी तो हवाई जहाज में महिला के सामने हस्तमैथुन भी किए हैं

ऐसी तमाम घटनाएँ हैं, जो व्यक्तिगत व्यवहार को दिखाती हैं। इन घटनाओं के आरोपितों के लिए उस देश के सारे लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन, अपने यहाँ की मीडिया के कुछ स्वनामधन्य लोग भारत के आम लोगों को अपनी श्रेणी का नहीं समझते हैं, इसलिए जब ऐसी बातें आती हैं तो वे इसके लिए देश के लोगों पर भार डाल दूर को उनसे अलग दिखाने की कोशिश करते हैं।

एयर इंडिया की फ्लाइट में 70 वर्षीया महिला सहयात्री पर पेशाब करने वाले आरोपित शंकर मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, जज अनामिका ने पुलिस रिमांड की माँग को खारिज करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं, अमेरिकी की वेल्स फार्गो नामक वित्तीय कंपनी ने मिश्रा को नौकरी से भी निकाल दिया है।

शंकर मिश्रा के इस हरकत की हर तरफ आलोचना हो रही है। शंकर मिश्रा ने जिस वक्त ऐसी हरकत की थी उस वक्त वह शराब के घोर नशे में था। एक सामान्य आदमी से ऐसी हरकत की उम्मीद भी नहीं की सकती। लेकिन शंकर मिश्रा के नशे को आधार बनाकर ‘द प्रिंट’ नामक मीडिया समूह के संस्थापक संपादक शेखर गुप्ता और वरिष्ठ पत्रकार वीर संघवी ने सारे भारतीयों को ही गाली दे दी।

यहाँ गाली देने से तात्पर्य मिश्रा के समानांतर अन्य भारतीय यात्रियों की तुलना करने से है, जो शराब के नशे में किसी पर पेशाब कर सकते हैं। अगर उन्हें भारतीय फ्लाइट पैसेंजरों की तुलना करनी ही थी तो उन्हें भारतीय शराबियों से करनी चाहिए थी, नशे में होशो-हवास खोकर बहस जाते हैं। हालाँकि, गुप्ता ने ऐसा नहीं किया और उन्होंने देश के सारे नागरिकों को लपेटे में ले लिया।

ऐसा पहली बार नहीं है कि गुप्ता इस तरह से अपनी कुंठा निकाल रहे हों। जब क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने तलवार लेकर सोशल मीडिया पर खुद को ‘राजपूत बॉय’ लिखा था, तब भी इन्होंने अपनी कुंठा पूरे क्षत्रिय जाति पर उतारी थी। पिछड़ा वर्ग से आने वाली एक पत्रकार से स्टोरी के नाम पर राजपूतों को खूब गाली दिलवाई कि उन्होंने आजतक किया क्या है। अब जिन लोगों ने इतिहास नहीं पढ़ा है या जो जान-बूझकर नहीं पढ़ना चाहते हैं, उन्हें कौन जाकर बताए। हो सकता है कि जो ऐसा सवाल पूछ रहे हों वे कुंठा से ग्रसित हों।

ऐसा ही करनामा उन्होंने क्रिकेटर सुरेश रैना को लेकर किया था, जब उन्होंने खुद को ब्राह्मण बताया था। खुद को ब्राह्मण बताना गुनाह नहीं है, लेकिन मीडिया ने वो हंगामा खड़ा किया, जैसे ऐसा बोलकर उन्होंने कोई बहुत बड़ी गलती कर दी हो। क्विंट भी इससे अलग नहीं रहा था।

शेखर गुप्ता एक व्यक्ति के आधार पर पूरे समाज और देश को लपेटने में उस्ताद रहे हैं। इस बार भी शंकर मिश्रा को आधार बनाकर उन्होंने भारतीय लोगों को निशाने पर लिया है। अपने ट्वीट में शेखर गुप्ता ने लिखा, “एयर इंडिया की घटना से पता चलता है कि भारतीय दुनिया के सबसे खराब यात्री हैं और क्या समय आ गया है कि अन्य यात्रियों या चालक दल के साथ दुर्व्यवहार करने वालों पर जुर्माना लगाया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए…।”

शेखर गुप्ता ने अपने मीडिया हाउस ‘द प्रिंट’ के एक वीडियो को शेयर करते हुए यह बात लिखी है। वीडियो में वरिष्ठ पत्रकार वीर संघवी भारतीय पैसेंजरों को लेकर सवाल उठा रहे हैं और उन्हें सबसे खराब यात्री बता रहे हैं। यानी ये बात संघवी कह रहे हैं और शेखर गुप्ता अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से उसे शेयर कर रहे हैं।

लेकिन, इस तरह की घटनाएँ सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से आती रहती हैं, लेकिन व्यक्तिगत आचरण के आधार पर वहाँ की मीडिया पूरे देश के लोगों को गलत नहीं ठहराती। पूरे देश के लोगों को गलत ठहराने की मानसिकता खुद एलिट और दूसरों को कैटल क्लास समझने वाली मानसिकता है।

अब हम कुछ ऐसी ही घटनाओं की यहाँ चर्चा करेंगे, जो हवाई यात्रा के दौरान घटित हुई थीं। महत्वपूर्ण बात ये है कि ये घटनाएँ भारतीय पैसेेंजरों द्वारा अंजाम नहीं दी गईं। इन घटनाओं का जिक्र करने का हमारा मकसद शंकर मिश्रा की हरकतों की गंभीरता को कम करना नहीं है, बल्कि ये बताना है कि मिश्रा की गलती एक पूरी जाति या समूचे भारतीयों की गलती नहीं कही जा सकती।

फ्लाइट में शौच कर सीट और पर्दों पर लगाया

बीते साल 7 अक्टूबर को ब्रिटेन के लंदन स्थित हीथ्रो हवाई अड्डे से नाइजीरिया के लागोस जा रही एक फ्लाइट में एक यात्री ने पैंट खोलकर फर्श पर शौच कर दिया। इतना ही नहीं, शौच करने के बाद वह उस पर बैठ गया और फिर मल को अगल-बगल के सीटों के साथ-साथ कालीन और पर्दों पर लगा दिया। इसके बाद वह उठा और फ्लाइट में इधर से उधर भागने लगा।

इसके कारण फ्लाइट में डीप क्लिनिंग की गई और पर्दे-सीटों के कवर और कालीन आदि बदलने पड़े। इस कारण फ्लाइट तीन घंटे से अधिक देर हो गई। बाद में ब्रिटिश एयरवेज के अधिकारियों ने यात्रियों से माफी माँगते हुए दूसरे विमान की व्यवस्था की और उन्हें गंतव्य तक रवाना किया।

महिला सहयात्री के सामने फ्लाइट में कई बार हस्तमैथुन

इसी तरह अप्रैल 2022 में फ्लाइट में यात्री महिला के सामने ही हस्तमैथुन करने लगा। यह फ्लाइट अमेरिका के सिएटल से फीनिक्स जा रही थी। तीन घंटे की इस उड़ान में पुरुष यात्री ने अपनी महिला सहयात्री सामने कम-से-कम चार बार हस्तमैथुन किया। बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एंटोनियो मैक्ग्रिटी नाम के आरोपित ने पुलिस को बताया कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया था।

दरअसल, महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि उसके बगल में बैठा व्यक्ति अपनी पैंट खोलकर अपने निजी अंगों को बाहर निकालने से पहले उससे पूछा था कि अगर वह हस्तमैथुन करता है तो क्या उसे कोई दिक्कत है। तब महिला ने कहा कि उसे कोई दिक्कत नहीं है। इसके बाद वह व्यक्ति हस्तमैथुन करता रहा और जब वह सो गया तो महिला ने उसका फोटो खींचकर चालक दल को भेज दिया।

महिला द्वारा बार-बार अंडरगारमेंट उतारना

मार्च 2021 में एक फ्लाइट के दौरान 39 वर्षीय एक महिला बार-बार अपने अंडरगारमेंट उतार रही थी। इससे तंग आकर सहयात्रियों ने उसे सीट पर रस्सियों से बाँध दिया। रूस में व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) से नोवोसिबर्स्क (Novosibirsk) के लिए रवाना हुई इस फ्लाइट में महिला उड़ान के 15 मिनट के बाद अपने सीट से उठ गई और बिना किसी काम के इधर-उधर घूमने लगी। मेडिकल जाँच में पता चला था कि उसने ड्रग्स ले रखा था।

ये कुछ उदाहरण हैं। ऐसी तमाम घटनाएँ हैं, जो व्यक्तिगत व्यवहार को दिखाती हैं। इन घटनाओं के आरोपितों के लिए उस देश के सारे लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन, अपने यहाँ की मीडिया के कुछ स्वनामधन्य लोग भारत के आम लोगों को अपनी श्रेणी का नहीं समझते हैं, इसलिए जब ऐसी बातें आती हैं तो वे इसके लिए देश के लोगों पर भार डाल दूर को उनसे अलग दिखाने की कोशिश करते हैं। ये वर्ग राजनीति में ही नहीं, मीडिया में भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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