लिबरल मीडिया गिरोह की सबसे अहम सदस्य और वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट द वायर (The Wire) अक्सर अपनी ख़बरों को लेकर नहीं बल्कि ख़बरों से उपजे विवाद की वजह से ज्यादा चर्चा में रहती है। इस बार का मुद्दा भी ऐसा ही है जिसमें द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद ने हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाओं पर दो विपरीत दावे किए। दावे के मुताबिक़ प्रधानमंत्री मोदी की जनसभाओं में 5 हज़ार लोग भी इकट्ठा नहीं हो पाए थे लेकिन चुनाव परिणाम आने पर अपने ही दावे का मज़ाक बनाते हुए ठीक उलटी बात कहने लगे।
Ajoy Ashirwad, Deputy Editor at Wire, on Bihar election:
— Abhishek (@AbhishBanerj) November 26, 2020
Nov 9 (1 day before result): Modi’s rallies in Bihar could not gather even 5000 people.
Nov 11 (1 day after result): All across Bihar, I saw people have a lot of admiration for Modi govt.
Well done sir.
9 नवंबर 2020 यानी बिहार विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के ठीक एक दिन पहले। स्वघोषित बुद्धजीवियों के तथाकथित अड्डा द वायर के डिप्टी एडिटर ने आत्मविश्वास से लबरेज़ होकर मुस्कराते हुए कहा-
“यह बिलकुल ही नरेंद्र मोदी की हार है। इसलिए है क्योंकि वह कोविड के दौरान 4 दिन आए और कुल 16 रैलियाँ की। इसमें मैं अगर गया का उदाहरण देता हूँ तो चुनाव आयोग ने कोरोना के दौरान हर नेता को अधिक से अधिक 10 हज़ार लोगों की जनसभा करने की परमीशन दी थी। प्रधानमंत्री मोदी को 20 हज़ार लोगों की परमीशन मिली हुई थी लेकिन उनकी जनसभा में 2.5 से 3 हज़ार की भीड़ ही आई थी और पटना में ठीक ऐसा ही हुआ जहाँ वह (मोदी) 5 हज़ार की भीड़ भी इकट्ठी नहीं कर पाए। तो भाजपा के नैरेटिव से देखें जिसके मुताबिक़ मोदी उन्हें चुनाव जिता देते हैं चाहे जितनी एंटी इंकम्बेंसी हो तो इस हार के लिए पूरी तरह मोदी जिम्मेदार होंगे। अगर वह (मोदी) चुनाव हारते हैं तो।”
उपरोक्त किए गए दावे का सारांश ‘मोदी की जनसभा में 2 -3 हज़ार लोगों की भीड़ भी नहीं आई और हार के लिए नरेंद्र मोदी ही जिम्मेदार होंगे।’
इसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए और द वायर एवं उनके विश्लेषक डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद के दावे का पतन हो गया। लेकिन पतन के साथ-साथ महज़ एक दिन के भीतर वह भी पूरी रफ़्तार से पलटे और अपने ही दावों से उलट नरेंद्र मोदी के राजनीतिक प्रबंधन की व्याख्या करने लगे।
बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद आए इस वीडियो में अजय आशीर्वाद कहते हैं, “जहाँ-जहाँ मैंने पूछा कि आप मोदी/भाजपा सरकार को किस तरह देखते हैं? लोगों ने बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया दिखाई। दक्षिण बिहार ले लीजिये, केंद्रीय या उत्तरी बिहार ले लीजिये यहाँ सभी मोदी और भाजपा सरकार को ठीक नज़रों से देख रहे थे। लोगों का कहना था कि केंद्र विकास के लिए फंड्स भेज रहा है मगर वह पैसा राज्य सरकार से जनता तक आते आते गायब हो जाता है।” इसके बाद अजय आशीर्वाद ने कहा कि एंटी इंकम्बेंसी मोदी सरकार के विरुद्ध थी ही नहीं बल्कि यह नीतीश सरकार के लिए थी (जबकि पिछले वीडियो में इनके मुताबिक़ मोदी की जनसभा में 2 से 3 हज़ार लोग इकट्ठा नहीं हो पा रहे थे)।
द वायर सरीखे वामी मीडिया समूहों के लिए इस श्रेणी का गिरगिटनुमा विश्लेषण या दावा कोई नई बात नहीं है। प्रोपेगेंडा ही इनका एकमात्र उद्देश्य है भले उसके लिए स्क्रीन पर कुछ अनर्गल ही क्यों न परोसना पड़े। देश की सबसे बड़ी एजेंडापरस्त वेबसाइट अक्सर इस तरह के अवसरवादी दावों से लदी होती है। जिनमें न तो तथ्य होते हैं और न ही तर्क, जो होता है वह बस यही है जो ऊपर लिखा गया है, वैसे भी अपने दावों का मज़ाक बनाने का वैचारिक दुस्साहस सभी में नहीं होता।