Saturday, April 27, 2024
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अब मुंबई पुलिस ने TRP मामले में रिपब्लिक की COO प्रिया मुखर्जी को किया तलब, डिस्ट्रीब्यूशन हेड भी हैं गिरफ्तार

घनश्याम सिंह रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिसटेंट वाइस प्रेसिडेंट और डिस्ट्रीब्यूशन हेड हैं। उन्हें पिछले हफ्ते फेक टीआरपी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें 16 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

टीआरपी हेरफेर घोटाले की जाँच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रिपब्लिक टीवी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) प्रिया मुखर्जी को तलब किया है। मुंबई पुलिस ने प्रिया मुखर्जी को मंगलवार (नवंबर 17, 2020) को पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने बताया कि प्रिया मुखर्जी घनश्याम सिंह (44) की गतिविधियों के बारे में प्राप्त जानकारी के संबंध में बुलाया गया है। 

बता दें कि घनश्याम सिंह रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के असिसटेंट वाइस प्रेसिडेंट और डिस्ट्रीब्यूशन हेड हैं। उन्हें पिछले हफ्ते फेक टीआरपी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार (नवंबर 13, 2020) को हॉलीडे कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 16 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस का कहना है कि घनश्याम सिंह ने केबल ऑपरेटरों और मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी को ड्यूल लॉजिकल चैनल नंबर (LCNs) या दो फ्रीक्वेंसी पर चलाया, जो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “घनश्याम सिंह ने कथित तौर पर केबल ऑपरेटरों और MSOs को दो आवृत्तियों पर चैनल चलाने के लिए पैसे का भुगतान किया, जिससे उन्हें टीआरपी में सुधार करने में मदद मिली। हम वित्तीय पहलुओं की जाँच करना चाहते हैं।”

गौरतलब है कि टीआरपी हेरफेर मामले में हंसा रिसर्च ग्रुप ने मुंबई पुलिस पर बेहद संगीन आरोप लगाए थे। ग्रुप ने कहा था कि मुंबई पुलिस द्वारा उन्हें रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के खिलाफ गलत बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, BARC के बार-ओ-मीटर (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) का संचालन करने वाली कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए इस मामले की जाँच मुंबई पुलिस के बजाय केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) को सौंपने की माँग की।

बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर याचिका में हंसा रिसर्च ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके कर्मचारियों को फर्जी बयान जारी करने के लिए दबाव बनाने की रणनीति अपना रही है। साथ ही रिपब्लिक टीवी द्वारा जारी एक डॉक्यूमेंट को फर्जी करार देने के लिए कह रही है।

वहीं वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल के बेटे अखिल सिब्बल ने बॉलीवुड के एक प्रख्यात प्रोडक्शन हाउस का पक्ष रखते हुए स्वीकार किया था कि रिपब्लिक टीवी की दर्शक दीर्घा (audience base) और टीआरपी काफी ज़्यादा है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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