वामपंथी प्रोपेगेंडा पोर्टल और फेक न्यूज फैलाने वाले ‘द वायर’ ने 31 जनवरी 2024 को दावा किया कि अमेरिका ने भारत को बेचे जाने वाले ड्रोन्स की बिक्री पर रोक लगा दी है। आर्टिकल लिखने वाला और कोई नहीं बल्कि अजय शुक्ला है, जिसे रक्षा मामलों से जुड़े कई प्रोपगेंडे फैलाने के लिए जाना जाता है। इस बार भी उसने कुछ ऐसा ही किया जिसके कारण फिर उसकी और द वायर की अमेरिका तक में फजीहत हुई है।
लेख में दावा किया गया कि अमेरिकी सरकार ने भारत को 31 प्रीडेटर ड्रोन की बिक्री रोक दी। लेख के अनुसार अमेरिकी सरकार ने “MQ-9A सी गार्जियन और स्काई गार्जियन ड्रोन की डिलीवरी को तब तक रोक दिया है जब तक कि भारत सरकार खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या के मामले में जाँच में सहयोग नहीं करती।”
अजय शुक्ला ने 31 जनवरी को जहाँ अपने लेख में वाशिंगटन में बड़े पद पर बैठे सूत्र के हवाले से इस खबर में यह भी दावा किया कि अमेरिका ने भारतीय नौसेना को छह और बोइंग पी-8आई पोसीडॉन विमान बेचने के प्रस्ताव को भी रोक दिया है। वहीं एक दिन बाद हिंदुस्तान टाइम्स ने भी इस संबंध में एक रिपोर्ट प्रकाशित की और बताया कि अमेरिकी कॉन्ग्रेस ने भारत को ड्रोन बेचने की मंजूरी दे दी है।
एचटी की विशेष रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने प्रीडेटर ड्रोन निर्माता जनरल एटॉमिक्स को सूचित किया कि अमेरिकी कॉन्ग्रेस ने भारत को 31 एमक्यू9बी ड्रोन बिक्री की ‘स्तरीय समीक्षा’ को मंजूरी दे दी है। आगे रिपोर्ट आधिकारिक कॉन्ग्रेस को प्रस्तुत की जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल एटॉमिक्स ने इसकी जानकारी भारत सरकार को दी।
अब हिंदुस्तान की रिपोर्ट को देखें तो द वायर की पूरी खबर फेक है क्योंकि हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तो अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट ने तो इस डील की मंजूरी दे दी है। एचटी के अलावा पत्रकार शिव अरूर ने भी एक डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्पोरेशन एजेंसी की न्यूज रिलीज को शेयर किया है। इस रिलीज ने द वायर के फर्जी पोल खोल दी। इसमें साफ साफ लिखा गया कि अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने बिक्री को अप्रूव कर दिया है। ये डील 3.99 बिलियन डॉलर यानी 280955 करोड़ रुपए के लगभग की है।
BREAKING: A day after @thewire_in reported that U.S. Congress has blocked the sale of 31 Sea Guardian drones to India, the U.S. @StateDept has approved the sale, and notified U.S. Congress.
— Shiv Aroor (@ShivAroor) February 1, 2024
Official statement: https://t.co/kWWVTRM0Wu pic.twitter.com/BWkV0uiDUk
अब चूँकि इस मामले को लेकर दो-दो तरह की रिपोर्ट्स सामने आ रही थी। ऐसे में अमेरिकी विदेश विभाग की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह मामला उठाया गया। इस दौरान प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने स्पष्ट किया कि उन रिपोर्टों में कोई सच्चाई नहीं है कि इस सौदे को अमेरिकी सरकार ने रोक दिया है। जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि द वायर की रिपोर्ट सच है या नकली, तो प्रवक्ता ने हँसते हुए कहा – “I love, nice try.”
इस दौरान पत्रकार ने पूछा, “एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू की हत्या से जुड़े मामले की जाँच होने तक संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारत को 3 बिलियन डॉलर की ड्रोन बिक्री से जुड़ा नुकसान हुआ? क्या यह सच है या सिर्फ एक फर्जी खबर है?” इस पर मैथ्यू मिलर ने कहा कि सौदे के संबंध में ऑफिसियल सूचना कब जारी होगी, इस पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। उन्होंने कहा कि हथियारों सौदों से जुड़े फैसले अमेरिकी कॉन्ग्रेस लेती है।
"This is a proposed sale that was announced during PM Modi’s visit last year. We believe it offers significant potential to further advance strategic technology cooperation with India", US state dept on media report that US blocked $3-Bn drone sale to India pic.twitter.com/Asp1ULZIg2
— Sidhant Sibal (@sidhant) February 1, 2024
बता दें कि इस फर्जी खबर के फैलने की शुरुआत जिस अजय शुक्ला के लेख से हुई, उसपर पहले भी फेक न्यूज फैलाने के न सिर्फ आरोप लगे हैं, बल्कि कई मामलों में वो फेक न्यूज फैलाता भी पकड़ा जा चुका है। उसने भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प को लेकर भी फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की थी, जिसका ऑपइंडिया ने पर्दाफाश किया था। उस पर इटली की महिला पत्रकार ने भी गंभीर आरोप लगाए थे।
ये खबर मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में लिखी गई है, उसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।