Sunday, September 8, 2024
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डोनाल्ड ट्रंप को मारी गई गोली, अमेरिकी मीडिया बता रहा ‘भीड़ की आवाज’ और ‘पॉपिंग साउंड’: फेसबुक पर भी वामपंथी षड्यंत्र हावी

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप निश्चित रूप से अमेरिका के वामपंथी उदारवादियों के लिए 'काँटे' की तरह हैं। उनकी आवाज़ दबाने के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने सहित अनगिनत प्रयास किए गए हैं।

अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में 13 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। हालाँकि ट्रंप सुरक्षित हैं, लेकिन एक गोली उनके कान में लगी जिससे उनके चेहरे पर खून बहने लगा। घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। यह घटना पेंसिलवेनिया के बटलर में ट्रंप की रैली में हुई। उन्हें तुरंत अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंटों द्वारा मंच से उतार दिया गया और एक काफिले में ले जाया गया। एक तरफ दुनिया भर के नेताओं के ट्रंप की हत्या के प्रयास की निंदा की, तो अमेरिकी मीडिया ने इस घटना को ‘डाउन प्ले’ किया और इस तरह से रिपोर्ट किया कि कोई ‘घटना’ ही नहीं हुई, बल्कि भीड़ के शोर सरीखी रिपोर्टिंग की। यही नहीं, मेटा एआई जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए भी ऐसी ही कोशिश की गई।

एसोसिएटेड प्रेस की पहली वायर रिलीज़ में रिपोर्ट लिखी गई, “पेंसिल्वेनिया में भीड़ में तेज़ आवाज़ें गूंजने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को मंच से उतार दिया गया”। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट को कई मीडिया हाउस ने इसी तरह की हेडलाइन के साथ छापा।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट , जो एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट पर आधारित थी, में लिखा था, “भीड़ में तेज शोर होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प को रैली के दौरान सीक्रेट सर्विस द्वारा मंच से उतार दिया गया”।

यूएसए टुडे की हेडलाइन थी , “तेज आवाजों से पूर्व राष्ट्रपति और भीड़ के घबरा जाने के बाद सीक्रेट सर्विस ने ट्रम्प को मंच से हटा दिया”।

एमएसएनबीसी की रिपोर्ट का शीर्षक था , “पेंसिल्वेनिया रैली में जोरदार आवाजें आने के बाद सीक्रेट सर्विस ने ट्रम्प को मंच से उतार दिया।”

अब इसमें बदलाव करते हुए, वाशिंगटन पोस्ट की हेडलाइन दिया गया, “पेंसिल्वेनिया रैली में जोरदार शोर के बाद ट्रम्प को बाहर निकाला गया”।

वाशिंगटन पोस्ट की एक्स पर पोस्ट में लिखा था, “ब्रेकिंग न्यूज़: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पेंसिल्वेनिया में रैली में तेज आवाज के बाद मंच से उतार दिया गया।”

मीडिया हाउस ने हत्या की कोशिश को कमतर आँका, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई पत्रकारों और एक्स यूजर्स ने इस बात पर निराशा जताई कि ट्रंप जिंदा हैं। टिकटॉक के लिब्स ने एक्स पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें द स्ट्रेंजर की पत्रकार एशले नेरबोविग ने लिखा, “अमेरिका को फिर से निशाना बनाओ”। बाद में एशले ने अपना अकाउंट लॉक कर दिया और फिर डीएक्टिवेट कर दिया।

टिकटॉक के लिब्स ने हत्यारे के “लक्ष्य” चूक जाने पर वामपंथथियों की रुदाली के दो वीडियो भी साझा किए। टिकटॉक यूजर सेले2टी3 ने हत्या की चूक पर रोना रोया, जिसके बाद उसका टिकटॉक अकाउंट या तो डिलीट कर दिया गया, या फिर बंद कर दिया गया।

एक अन्य TikTok उपयोगकर्ता Super99x ने भी इसी तरह का व्यवहार व्यक्त किया। TikTok पर उसका अकाउंट “निजी” कर दिया गया है।

वैसे, बात सिर्फ मेनस्ट्रीम मीडिया की ही नहीं है, बल्कि मेटा एआई सरीखे प्लेटफॉर्म्स भी डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास को डाउनप्ले करते दिखे। मेटा एआई ने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास पूछे गए सवाल पर कहा कि उसके पास इस बारे में कोई सूचना ही नहीं है।

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप पर चलाई गई गोली उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी। ट्रंप को तुरंत यूएस सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने स्टेज से उतारकर अस्पताल पहुँचाया। यूएस सीक्रेट सर्विस ने एक बयान में कहा कि 13 जुलाई को शाम 6:15 बजे बटलर में ट्रंप की कैंपेन रैली के दौरान रैली स्थल के बाहर एक ऊँची जगह से संदिग्ध शूटर ने स्टेज की ओर कई गोलियाँ चलाईं। हमलावर की पहचान पेंसिल्वेनिया के बेथेल पार्क निवासी 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में हुई है। उसने AR-15 प्रकार की अर्धस्वचालित राइफल से कई गोलियाँ चलाईं, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया।

इस घटना में रैली में शामिल एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

गौरलत है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप निश्चित रूप से अमेरिका के वामपंथी उदारवादियों के लिए ‘काँटे’ की तरह हैं। उनकी आवाज़ दबाने के लिए उनके सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने सहित अनगिनत प्रयास किए गए हैं। आने वाले महीनों में अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं और इस तरह के प्रयास केवल उनके समर्थन आधार को मजबूत करने वाले हैं, कुछ ऐसा जो ट्रम्प के विरोधियों को अभी तक समझ में नहीं आया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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