Thursday, April 25, 2024
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निर्भया के गुप्तांग में घुसेड़ दी रॉड, नाम तक नहीं जानते आप; बिहार के 8 साल के ‘सीरियल किलर’ का नाम-पता सब जाहिर: आखिर क्यों?

क्या इसके पीछे वही सोच जिम्मेदार है जो समुदाय विशेष के अपराधियों की पहचान छिपाने के लिए उन्हें तांत्रिक बताती है। मौलवी-मुल्ले का गुनाह नजर न आए इसलिए मंदिर और पुजारी का स्केच लगाती है।

बिहार का वह बच्चा आज जहाँ भी होगा, उसकी उम्र 24 साल होगी। मीडिया ने आठ साल की उम्र में की गई उसकी हत्याओं की फाइल खोलते हुए बताया है कि उसका नाम क्या है। वह बिहार के किस जिले के किस गाँव में पैदा हुआ। किस बाल सुधार गृह में बंद था। उसकी बचपन की तस्वीर भी छापी है। उसे दुनिया का सबसे कम उम्र का सीरियल किलर बताया है।

वैसे अपराध में नाबालिगों की संलिप्तता का यह इकलौता मामला नहीं है। नाबालिगों द्वारा हत्या और रेप जैसे जघन्य अपराध अंजाम देने के मामले आए दिन सामने आते ही रहते हैं। ऐसा ही एक जघन्य अपराध 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुआ था। इसे निर्भया गैंगरेप के नाम से हम जानते हैं। इसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। इस मामले में भी जिसने सबसे ज्यादा हैवानियत दिखाई थी, वह नाबालिग था। वह आज कहाँ है किसी को पता नहीं। वह कौन था, कहाँ पैदा हुआ, बचपन में कैसा दिखता था… कुछ भी दुनिया को पता नहीं। बिहार के जिस बच्चे के बारे में मीडिया ने जानकारी सार्वजनिक की है, अपराध के समय वह केवल आठ साल का था। इसके उलट निर्भया गैंगरेप में शामिल नाबालिग की उम्र 17 साल 6 महीने थी। यानी वयस्क होने में सिर्फ 6 महीने कम।

बिहार का वह बच्चा क्यों सबसे छोटा सीरियल किलर

मीडिया रिपोर्टों पर यकीन करें तो 1998 में एक गरीब परिवार में पैदा हुए इस बच्चे ने आठ साल की उम्र में तीन हत्या की। तीनों हत्या एक साल के भीतर 2006 से 2007 के बीच की। सबसे पहले अपने चाचा की छह साल की बेटी को मारा। उसके बाद अपनी ही आठ महीने की बहन को मारा। फिर पड़ोस की छह महीने की बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। कथित तौर पर इस बच्ची को उसने ईंट मारकर कूच दिया था। रिपोर्ट बताती हैं कि पुलिस ने जब इस बच्चे को हिरासत में लिया था तो उसके चेहरे पर कोई अफसोस नहीं था। वह मुस्कुरा भी रहा था। उसे कानून के हिसाब से 18 साल की उम्र तक बिहार के बाल सुधार गृह में रखा गया। आज उसके ठिकाने के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकरी उपलब्ध नहीं है।

निर्भया से दरिंदगी करने वाला नाबालिग

कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि वह उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। 11 साल की उम्र में घर से भाग दिल्ली आ गया। उसने ही आवाज देकर उस बस में निर्भया को बुलाया, जिसमें उसके साथ हैवनियत हुई। उसने ही छेड़छाड़ शुरू की। साथियों को रेप के लिए उकसाया। निर्भया के गुप्तांग में रोड घुसेड़ दी। इससे फैले इंफेक्शन की वजह से उसकी मौत हो गई। बाल सुधार गृह में 3 साल बिताने के बाद उसे 20 दिसंबर 2015 को रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद उसे दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 10 हजार रुपए और सिलाई मशीन दी थी। आज वह कहाँ है, क्या कर रहा है, इसके बारे में कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं है।

आखिर क्यों

आठ साल का एक सीरियल किलर बचपन में कैसा दिखता था, यह आज दुनिया को पता है। उसके गाँव और असली नाम के बारे में भी पता है। लेकिन 17 साल 6 महीने के एक दरिंदे के बारे में दुनिया को कुछ नहीं पता। आखिर क्यों? क्या इसके पीछे वही सोच जिम्मेदार है जो समुदाय विशेष के अपराधियों की पहचान छिपाने के लिए उन्हें तांत्रिक बताती है। मौलवी-मुल्ले का गुनाह नजर न आए इसलिए मंदिर और पुजारी का स्केच लगाती है। सनद रहे निर्भया केस के नाबालिग दोषी के मामले में भी कॉन्ग्रेस और AAP पर गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाने का आरोप लगा था। कहा गया था कि इसकी वजह से ही उसकी रिहाई संभव हो पाई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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