जम्मू-कश्मीर के हालात पर जहाँ अफ़रा-तफ़री का माहौल है, वहीं नेताओं और सियासी खेमें में एक अजीब सा बेचैनी का माहौल बना हुआ है। राज्य में 35 हज़ार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के बीच एक ही चर्चा निकलकर सामने आ रही है कि आख़िर कश्मीर में क्या होने वाला है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेता महबूबा मुफ्ती ने बताया कि राजनीतिक पार्टियों ने आज एक होटल में बैठक करने का फ़ैसला लिया, लेकिन पुलिस ने अडवाइजरी जारी की है कि होटल में कोई राजनीतिक बैठक न की जाए। इसलिए जो बैठक होटल में होने वाली थी वो आज शाम 6 बजे मेरे आवास पर बैठक होगी।
Mehbooba Mufti, PDP: The political parties here had decided to hold a meeting, at a hotel today. But police has issued an advisory to all hotels not to let political parties hold any meeting in hotels. So we’re holding a meeting at 6 pm today at my home. https://t.co/Y8J5OcHxE8
— ANI (@ANI) August 4, 2019
केंद्र पर निशाना साधते हुए पीडीपी नेता ने कहा कि हमने इस देश के लोगों समझाने का प्रयास किया था कि अगर 35A या 370 से छेड़छाड़ करेंगे तो इसके क्या परिणाम होंगे। हमने अपील भी की है, लेकिन केंद्र की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है। वो ये भी नहीं कह रहे हैं कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।
इसके अलावा, महबूबा मुफ़्ती ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अख़्तियार करते हुए कहा कि यात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को कश्मीर से जाने को कहा गया है, कश्मीरियों को राहत देने की कोशिश नहीं की जा रही है। कहाँ गई इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत?”
Evacuate yatris, tourists, labourers, students & cricketers. Willingly create a sense of panic & distress but don’t bother giving Kashmiris a sense of relief or security.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 4, 2019
Kahan gayi insaniyat, kashmiriyat aur jamhooriyat? https://t.co/Y45AxiMwwq