देश के किसान अपने जीते-जी तो कर्ज़ लेकर जीवन यापन करते ही हैं, लेकिन अब मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस सरकार ने मृत किसानों को भी कर्ज़दार बना दिया। शिवपुरी के टोढ़ा पिछोर के रहने वाले लाला राम की मौत 25 साल पहले हो गई है। लालाराम ने जिंदा रहते हुए कभी नहीं सोचा होगा कि उसके मृत्यु के 25 साल बाद कोई सरकार उन्हें कर्ज़दारों की लिस्ट में शामिल कर देगी।
लालाराम के पुत्र मोहन लाल ने बताया कि टोढ़ा पिछोर सोसायटी की कर्ज़माफ़ी सूची में 34 हजार 107 रुपए मेरे मृत पिता के नाम दर्ज़ है। यह कहानी सिर्फ़ लालाराम नाम के किसान की नहीं है।
दैनिक भास्कर ने अपने रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है कि सहकारी समितियों द्वारा राज्य में कर्ज़माफ़ी की घोषणा के बाद 300 से अधिक दिवंगत लोगों के नाम कर्ज़दारों की लिस्ट में शामिल किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि दिवंगत किसानों के परिजन को गुलाबी फॉर्म भरने के साथ ही साथ लिखित शिकायत करने के लिए भी कहा गया है। किसानों को शिकायत करने की अंतिम तारीख 5 फ़रवरी तय की गई है।
इसके अलावा अधिकारियों द्वारा शिक़ायत वापस लेने के लिए दवाब बनाने के मामले भी सामने आए हैं। ऐसा ही एक मामला दतिया से सामने आया है जिसमें नंदपुर की रहने वाली शकुंतला नामक महिला ने शिक़ायत की तो उसके पास सहकारी बैंक की ओर से समझौते के लिए फोन किया गया।
एक मजेदार बात यह भी है कि अकेले दतिया जिले में बिना कर्ज़ लिए और दिवंगत हो चुके 5 हज़ार किसानों का नाम कर्ज़दारों की लिस्ट में शामिल होने की बात सामने आ रही है।