राफ़ेल के भारत आने पर लोग दो तरह की प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। एक वो हैं, जिन्होंने राफेल का राजनीतिक खेल देखा है। जिसमें राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस द्वारा इसे एक घोटाला साबित करने की जिद लम्बे समय तक जारी रही।
इसके लिए ‘द हिन्दू’ समाचार पत्र ने आधे-अधूरे कटे दस्तावेज छापे, राहुल गाँधी द्वारा दस से अधिक बार इसके अलग-अलग दाम बताए गए। इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट से फटकार खा चुके राहुल गॉंधी राफेल के भारत पहुॅंचने के बाद भी उसी सुर में ट्वीट कर रहे थे। दूसरी प्रतिक्रिया यह है कि राफ़ेल तो फ्रांस का है, भारत ने क्या बना दिया?
राफ़ेल को लेकर भारत की आत्मनिर्भरता का जवाब यह है कि भारत में ऐसा कभी भी सम्भव नहीं था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते, वो कोई जादू की छड़ी घुमाते और बस एक-दो दिन के भीतर ही भारत राफ़ेल तैयार कर देता।
लेकिन इस सरकार के अंतर्गत तमाम वो प्रयास किए जा रहे हैं, जो भारत को रक्षा और सामरिक बढ़त के लिए आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर करेगा। इसी साल के बजट में सरकार ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के लिए ऑटोमैटिक रूट से एफडीआई की लिमिट 49% से बढ़ाकर 74% करने का फैसला लिया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाई करेगी, जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा, प्राइवेटाइजेशन नहीं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत सरकार ‘थ्री-पी’ यानी, पॉलिसी, प्रोडक्शन और पार्टनरशिप की नीति पर काम कर रही है, जिससे आने वाले कुछ वर्षों में भारत डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा।
हाल ही के कुछ वर्षों में भारत में तेजस आया और अब इसका वर्जन-2 आ रहा है, जो कि 4.5 जेनेरेशन का है। यह अत्याधुनिक फाइटर जेट होगा। भारत 5th जेनेरेशन फाइटर जेट AMCA को विकसित करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
इसके अलावा, AK203 राइफल का निर्माण शुरू हो रहा है, डिफेन्स कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है और पहले जहाँ भारत में बुलेट प्रूफ जैकेट की कमी के चलते भारतीय सैनिक अपनी जान गँवा दिया करते थे, वहीं, हम आज के समय में इसका एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं।
इस सम्बन्ध में ऑपइंडिया सम्पादक, अजीत भारती का विस्तृत वीडियो आप इस लिंक पर देख सकते हैं –