Sunday, September 1, 2024
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J&K में आतंकियों के खिलाफ अभियान तेज, LOC पहुँचे सेना प्रमुख : 6 आतंकी मार गिराए गए, टारगेट किलिंग की NIA जाँच

एनआईए को ऐसे संकेत मिले हैं कि कुछ स्थानीय लोग इन हत्याओं में भूमिका निभा रहे हैं। आने वाले समय में एनआईए कई और जगहों पर छापेमारी के साथ-साथ कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है।

पाकिस्तान की शह पर आतंकी संगठनों द्वारा जम्मू-कश्मीर के घाटी में गैर-मुस्लिमों और प्रवासी मजदूरों के खिलाफ जारी हिंसा को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार गंभीर हो गई है। एक तरफ सुरक्षाबलों ने आतंकियों के सफाये के लिए अपने ऑपरेशन को तेज करते हुए 6 आतंकियों को मार गिराया है तो दूसरी तरफ सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने नियंत्रण रेखा का दौरा किया है। इसके अलावा, घाटी में टारगेट किलिंग की तह में जाने के लिए मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) द्वारा कराने का निर्णय लिया गया है।

भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने व्हाइट नाइट कोर के अग्रिम इलाकों का दौरा किया और नियंत्रण रेखा पर स्थिति का आकलन किया। नरवणे ने कमांडरों से वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान इलाके में चल रहे घुसपैठ विरोधी अभियानों के बारे में उन्हें जानकारी दी गई।

संबंधित सूत्रों के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया है कि घाटी में हुए 11 टारगेट किलिंग में से 6 मामलों की जाँच एनआईए करेगी। इन हत्याओं की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली थी। हालाँकि, टारगेट किलिंग को लेकर एनआईए पहले ही मामले की जाँच कर रही है और इस संबंध में उसने 9 लोगों को गिरफ्तार करते हुए टीआरएफ से संबंधित दो दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी की है।

इस दौरान यह बात सामने आई है कि घाटी में विस्थापित कश्मीरियों को फिर से बसाने और औद्योगीकरण के सरकारी प्रयास में बाधा पहुँचाने के लिए पाकिस्तान ने सुनियोजित साजिश रची है, जिसमें आतंकी संगठनों के माध्यम से इसे अंजाम दिया जा रहा है। एजेंसी को ऐसे संकेत मिले हैं कि कुछ स्थानीय लोग इन हत्याओं में भूमिका निभा रहे हैं। आने वाले समय में एनआईए कई और जगहों पर छापेमारी के साथ-साथ कुछ और लोगों की गिरफ्तारी कर सकती है।

दूसरी तरफ सेना ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी के घने जंगलों में छिपे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 6 आतंकियों को मार गिराया है। इन जंगलों में अभी भी तीन से चार आतंकियों के छिपे होने की सूचना है। इलाके में मुठभेड़ अभी जारी है।

साउथ ब्लॉक के अनुसार, पिछले दो से तीन महीनों में लश्कर के 9-10 आतंकवादी पाकिस्तान से सीमांत जिले राजौरी-पुंछ जिले के जंगलों की ओर घुसपैठ कर चुके हैं। वहीं, नियंत्रण रेखा और बाड़ वाले क्षेत्र से घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम कर दिया गया था। दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है।

इसके पहले 16 अक्टूबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत ने इलाके का दौरा किया था। उन्होंने सेना के स्थानीय कमांडरों के साथ मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया था और इलाके में जारी आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली थी।

गौरतलब है कि लश्कर का छद्म संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (यूएलएफ) ने रविवार को हुई राजा और जोगिंदर देव की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसने इसे प्रतिशोध बताते हुए प्रवासी मजदूरों को इलाका छोड़ने छोड़ने की धमकी दी थी। इसके पहले बिहार के ही बांका निवासी अरविंद कुमार साह की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कश्मीर में इस महीने मारे गए 11 नागरिकों में 5 प्रवासी श्रमिक थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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