Sunday, September 1, 2024
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चीन ने दिखाया असली रंग, मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने से फिर किया इनकार

चीन का यह दोहरा चरित्र एक बार नहीं बल्कि कई बार पहले भी देखने को मिल चुका है। इससे पहले भी वो भारत के संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के तहत अज़हर को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में नामजद करने के प्रयासों को विफल करता आया है।

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जहाँ एक तरफ वैश्विक स्तर पर इस हमले की कड़ी निंदा हो रही है वहीं दूसरी तरफ चीन ने अपना असली रंग दिखा ही दिया। हालाँकि चीन ने इस हमले की निंदा तो की है लेकिन इस हमले को अंजाम तक पहुँचाने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी मानने से इनकार कर दिया।

जानकारी के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग के कहा, “चीन को पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जानकारी मिली है। हम इस हमले से स्तब्ध हैं। हम शहीदों के परिवारवालों के प्रति संवेदना जताते हैं। हम आतंकवाद के ख़िलाफ़ हैं और इसका पुरज़ोर विरोध करते हैं। इसके अलावा शुआंग ने उम्मीद जताई कि देश की इन आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग करेंगे और क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता को बनाए रखेंगे।”

इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की बात पूछी गई तो शुआंग ने कहा, “जहाँ तक इस मुद्दे के लिस्टिंग का सवाल है, मैं आपको कह सकता हूँ कि सुरक्षा परिषद की 1267 कमिटी ने लिस्टिंग और आतंकी संगठनों पर अपनी प्रक्रिया और शर्तें साफ़ कर दी हैं। जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची में शामिल किया गया है, चीन इस मसले को ज़िम्मेदारपूर्ण तरीक़ो से हैंडल करना जारी रखेगा।”

बता दें कि अज़हर पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की माँग करते हुए भारत ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख अज़हर समेत आतंकियों की लिस्ट के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 सैंक्शंस कमिटी के तहत आतंकी घोषित करने के लिए समर्थन देने की फिर अपील करते हैं। हम पाकिस्तान के कब्ज़े वाले इलाकों से संचालित आतंकी संगठनों को भी बैन करने की माँग करते हैं।” लेकिन UNSC के स्थायी सदस्य चीन ने भारत की इस माँग पर सहमति देने की बजाए फिर से इनकार किया है।

ऐसा माना जा रहा कि पुलवामा हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर अज़हर को वैश्विक आतंकी करार देनी की माँग उठाई जाएगी। फिर भले ही सरकार की तरफ से यह पहली प्रतिक्रिया हो। जैश प्रमुख मसूद के अलावा उसके भाई अब्दुल रउफ असगर को भी आतंकी लीडर के तौर पर शामिल किया गया है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को तो 1267 कमिटी के द्वारा ग़ैरक़ानूनी करार दिया जा चुका है, लेकिन उसका प्रमुख अज़हर अभी भी बेख़ौफ़ बाहर घूम रहा है।

चीन का यह दोहरा चरित्र एक बार नहीं बल्कि कई बार पहले भी देखने को मिल चुका है। इससे पहले भी वो भारत के संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के तहत अज़हर को वैश्विक आतंकी की लिस्ट में नामजद करने के प्रयासों को विफल करता आया है। इसके अलावा चीन के संबंध भारत के साथ विवादित रहे हैं कभी डोकलाम को लेकर तो कभी पाकिस्तान को सहायता देने के बहाने। वहीं हाल के दिनों में पाकिस्तान और चीन के बीच संबंध प्रगाढ़ होते दिख रहे हैं, जिसके चलते चीन हमेशा से ही भारत के साथ दोहरा रवैया अपनाता चला आया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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