Saturday, November 16, 2024
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पाकिस्तान से ज्यादा हुए भारत के एटम बम, अब चीन को भेद देने वाली मिसाइल पर फोकस: SIPRI की रिपोर्ट में खुलासा, ड्रैगन के परमाणु जखीरे में भी उछाल

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 2024 में 172 परमाणु हथियार हैं जबकि पाकिस्तान के पास इसकी संख्या 170 ही है। रिपोर्ट दिखाती है कि भारत ने 2023 वर्ष में अपने परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है।

खुद को परमाणु ताकत बताकर अक्सर भारत के आगे उछलने वाले पाकिस्तान के लिए चिंताजनक खबर है। एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि इस साल यानी 2024 में भारत परमाणु शक्ति के मामले में उनसे आगे निकल गया है। ये रिपोर्ट स्वीडिश थिंक-टैंक (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट) ने जारी की है। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि परमाणु से लैस देश परमाणु हथियारों को बढ़ा रहे हैं और उनका आधुनिकीकरण कर रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 2024 में 172 परमाणु हथियार हैं जबकि पाकिस्तान के पास इसकी संख्या 170 ही है। रिपोर्ट दिखाती है कि भारत ने 2023 वर्ष में अपने परमाणु हथियारों की संख्या को बढ़ाया है। 2023 में भारत के पास 164 परमाणु हथियार थे लेकिन 2024 में ये संख्या 172 हो गई है। वहीं पाकिस्तान के पास अब भी पिछले साल जितने परमाणु हथियार हैं। 170 के 170।

सिपरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का मुख्य लक्ष्य जहाँ भारत को टारगेट करना है, तो वहीं भारत लगातार लंबी दूरी की मिसाइलों को बनाने की कोशिश में है, ताकि चीन के पूरे क्षेत्र तक अपनी पहुँच बना सके।

उल्लेखनीय है कि SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में परमाणु शक्ति संपन्न देशों में भारत, चीन, पाकिस्तान के साथ अलावा अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, उत्तर कोरिया और इजरायल भी आते हैं। इनमें से अमेरिका के पास 3708 हथियार हैं। वहीं रूस के पास 4380 हथियार हैं। ब्रिटेन पर 225, फ्रांस पर 290 है, नॉर्थ कोरिया पर 50 और इजरायल पर 90।

इन सबके अलावा चीन की बात करें तो चीन भी लगातार अपने पास परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है। 2023 में उनके पास 410 परमाणु हथियार थे। हालाँकि अब उनके पास 2024 में 500 हथियार हैं। इसका मतलब साफ है कि उन्होंने एक साल में 90 परमाणु हथियारों का निर्माण किया है।

ये वृद्धि उस समय देखने को मिली है जब हाल ही में कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में परमाणु नीति कार्यक्रम और कार्नेगी चीन के एक वरिष्ठ फैलो टोंग झाओ ने कहा था कि 2027 तक 700 से अधिक और दशक के अंत तक 1,000 से अधिक वारहेड हो सकते हैं।

रिपोर्ट ये भी जानकारी देती है कि युद्ध के दौर के हथियारों के खत्म होने के कारण दुनिया भर में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में कमी आ रही है, लेकिन संघर्ष की स्थिति में तुरंत इस्तेमाल किए जा सकने वाले ऑपरेशनल वॉरहेड की संख्या में साल-दर-साल लगातार वृद्धि हो रही है। दुनियाभर में लगभग 2,100 तैनात परमाणु हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों पर लगाकर उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखा गया है। इनमें से लगभग सभी रूस और अमेरिका के हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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