अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोईंग ने रविवार (10 फ़रवरी) को भारतीय वायुसेना को 4 चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टर सौंप दिए। इन हेलीकॉप्टर्स को गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह पर उतारा गया। कंपनी द्वारा जारी बयान के अनुसार सीएच-4एफ़ (I) चिनूक हेलिकॉप्टर को चंडीगढ़ ले जाया जाएगा, वहाँ उन्हें औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
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बयान में कहा गया कि सीएच-47एफ़ (I) चिनूक बहुद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलिकॉप्टर है। इसका इस्तेमाल युद्ध के दौरान या सामान्य स्थिति में हथियारों, उपकरणों और ईंधन को ढोने में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में राहत सामग्री पहुँचाने और बड़ी सँख्या में लोगों को बचाने के लिए भी किया जाता है।
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भारतीय वायुसेना ने वर्तमान में 15 चिनूक हेलिकॉप्टर का ऑर्डर दे रखा है। भारत द्वारा सितंबर 2015 में बोईंग के साथ 22 अपाचे हेलिकॉप्टर और 15 चिनूक हेलिकॉप्टर ख़रीदने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
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भारतीय वायुसेना में चिनूक के शामिल होने से देश की सुरक्षा प्रणाली को और मज़बूती मिलेगी। चिनूक के बारे में आपको बता दें कि यह वही हेलिकॉप्टर है जिसकी मदद से अमेरिका ने कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का ख़ात्मा किया था।
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फ़िलहाल भारतीय वायुसेना रूस के MI-17 जैसे मध्यम श्रेणी के हेलिकॉप्टरों पर निर्भर थी, लेकिन चिनूक के आने से भारतीय वायुसेना को अधिक बल मिलेगा। इस हेलिकॉप्टर की तमाम ख़ासियतों में एक ख़ास बात यह है कि इसमें एक बार में गोला-बारूद, हथियार के अलावा 300 सैनिक भी जा सकते हैं।
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वायुसेना में शामिल होने वाले चिनूक की क्षमता की बात करें तो क़रीब 9.6 टन वजन उठाने में यह पूरी तरह से सक्षम है। इसमें भारी मशीनरी, तोप और बख़्तरबंद गाड़ियाँ लाना-ले जाना शामिल है। बता दें कि इस हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल के लिए वायुसेना के चार पायलट और चार इंजीनियर को अमेरिका में ट्रेनिंग दी गई थी।