सोमालिया के तट पर समुद्री लुटेरों ने मालवाहक जहाज एमवी लीला नॉरफॉक (MV Lila Norfolk) को इसके 21 क्रू मेंबर्स सहित बंधक बना लिया था। इस जहाज के चालक दल में 15 भारतीय भी थे। सूचना मिलते ही भारतीय नौसेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और सभी को सकुशल बचा लिया। रेस्क्यू के बाद चालक दल के सदस्य उत्साहित हो गए और उन्होंने भारतीय नौसेना को धन्यवाद देते हुए ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए।
भारतीय नौसेना का ये ऑपरेशन शुक्रवार (5 जनवरी, 2024) रात पूरा हुआ। इस तरह से अदन की खाड़ी से होने वाली समुद्री डकैती का भारतीय नौसेना ने मुँहतोड़ जवाब दिया। उसके युद्धपोत INS चेन्नई और उसके समुद्री कमांडो मॉर्कोस ने लाइबेरिया के झंडे वाले मालवाहक जहाज को अगवा करने की कोशिश को नाकाम कर डाला।
बताते चलें कि गुरुवार (4 जनवरी, 2024) की शाम 5 से 6 हथियारबंद समुद्री डाकुओं ने मालवाहक एमवी लीला नॉरफॉक को कब्जे में लिया था। ये लुटेरे सोमालिया में ईल से लगभग 460 समुद्री मील पूर्व में इस जहाज में सवार हुए थे। भारतीय नौसेना के मुताबिक, 5 जनवरी को इस जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) पोर्टल पर संदेश भेजा था।
#IndianNavy’s Swift Response to the Hijacking Attempt of MV Lila Norfolk in the North Arabian Sea.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 5, 2024
All 21 crew (incl #15Indians) onboard safely evacuated from the citadel.
Sanitisation by MARCOs has confirmed absence of the hijackers.
The attempt of hijacking by the pirates… https://t.co/OvudB0A8VV pic.twitter.com/616q7avNjg
UKMTO एक रॉयल नेवी चैनल है जो रणनीतिक जलमार्गों में सैन्य जहाजों और व्यापारिक जहाजों के बीच संपर्क के तौर पर काम करता है। इससे संदेश पाते ही भारतीय नौसेना ने तुरंत जंगी जहाज INS चेन्नई और मैरिटाइम पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P8I को रवाना किया गया था।
एक पी-8आई एयरक्राफ्ट ने शुक्रवार तड़के जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और चालक दल के सदस्यों के साथ संपर्क किया। ये लोग किस्मत से जहाज में ऐसे मौकों के लिए बनाए गए सुरक्षित घर में शरण लेने में कामयाब हो गए थे। हाईजैकर्स से जहाज को छुड़ाने के लिए P8I गश्ती एयरक्रॉफ्ट ने सख्त चेतावनी जारी की थी। इस जबरदस्त चेतावनी के बाद शुक्रवार रात नौसेना के मार्कोस कमांडो ने रात 8 बजे के करीब ऑपरेशन शुरू किया। कमांडो जहाज में घुसे तो वहाँ तलाशी के दौरान समुद्री लुटेरे जहाज पर नहीं मिले।
माना जा रहा है कि भारतीय नौसेना की सख्त चेतावनी से खौफ में आकर ये लुटेरे जहाज छोड़कर फरार हो गए। दरअसल, लुटेरे जंगी जहाज विध्वंसक INS चेन्नई की 7500 टन की ‘INS चेन्नई’ के खौफ के सामने टिक नहीं पाए।
नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, “21 चालक दल के सदस्यों (फिलीपींस के छह सहित) को मार्कोस ने जहाज से सुरक्षित निकाल लिया गया। जहाज को रोकने से लेकर क्रू को निकालने के पूरे ऑपरेशन में लगभग दो घंटे लग गए।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत अक्टूबर 2008 से ही अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त पर नियमित तौर से युद्धपोत तैनात कर रहा है। अब तक लगभग 110 भारतीय युद्धपोत ऐसी गश्त के लिए तैनात किए गए हैं। इससे पूर्वी अरब सागर में समुद्री डकैती पर काबू पाया गया था।”
बताते चलें कि इससे पहले भी लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज़ एमवी केम प्लूटो पर हमला हुआ था। इसमें 21 भारतीय नागरिक थे। अरब सागर में भारत आ रहे जहाज़ों पर हमले ऐसे समय में हो रहे हैं, जब लाल सागर में यमन के हूती विद्रोही इजरायल और उसके सहयोगी देशों से जुड़े जहाज़ों को निशाना बना रहे हैं।
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इन हमलों को लेकर कहा था, “भारत की बढ़ती आर्थिक और सामरिक ताक़त ने कुछ ताक़तों को जलन से भर दिया है। अरब सागर में हाल में हुए एमवी केम प्लूटो पर ड्रोन हमले और कुछ दिन पहले लाल सागर में एमवी साई बाबा पर हमले को भारत सरकार ने बेहद संजीदगी से लिया है। जिसने भी इस हमले को अंजाम दिया है, उन्हें समुद्र की गहराई से भी ढूँढ कर सज़ा दी जाएगी।”