प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के बाद लगातार पंजाब सरकार का गैर-जिम्मेदाराना रवैया सामने आ रहा है। घटना के दो दिन बाद ही ये बात भी पता चल गई है कि खुफिया एजेंसियों ने पंजाब सरकार को ऐसे खतरे या सड़क ब्लॉक के बारे में 3 दिन पहले ही बता दिया था।
एजेंसी की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया था कि पीएम को लश्कर-ए-तैयबा, इंडियन मुजाहिद्दीन, सिमी, जैश-ए-मोहम्मद जैसे तमाम इस्लामी आतंकी संगठनों से गंभीर खतरा है। इसके अलावा यह भी दावा किया गया था कि पाकिस्तान में रहने वाले खालिस्तानी आतंकी वाधवा सिंह बब्बर, परमजीत सिंह पंजावर, रणजीत सिंह नीता, लखबीर सिंह रोढ़े पंजाब में दोबारा से आतंकवाद को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके निशाने पर चुनाव के समय वीआईपी लोग होंगे।
रिपोर्ट में ‘सिख फॉर जस्टिस’ के संस्थापक गुरपतवंत सिंह के भड़काऊ बयानों का भी जिक्र था जिसमें वह सिखों को बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ भड़का रहा था। इतना ही नहीं, खुफिया एजेंसियों ने इस बात को भी गौर करवाया था कि पीएम की फिरोजपुर रैली जहाँ होगी वो जगह सीमा से 14 से 15 किमी की हवाई दूरी पर हैं।
नोट में कृषि कानूनों पर भड़काए गए किसानों के बिंदु को भी उजागर किया गया। इसमें बताया गया कि भले ही कृषि कानून वापस हो गए, लेकिन एमएसपी जैसे मुद्दों पर अंतोष अभ भी बना हुआ है। संयुक्त किसान मोर्चा ने भी ऐलान किया था कि वो 5 जनवरी को घेराव करने का ऐलान किया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने सुरक्षा दस्ते के साथ बुधवार (5 जनवरी 2022) को फिरोजपुर में रैली के लिए सड़क मार्ग से जाते वक्त फ्लाईओवर पर कुछ कथित प्रदर्शनकारियों के कारण 15-20 मिनट रुकना पड़ा था। इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला माना गया। बाद में पीएम फिरोजपुर पहुँचे बिना ही बठिंडा एयरपोर्ट वापस लौट गए और एयरपोर्ट के अधिकारियों को कहा कि वो अपने सीएम को धन्यवाद बोलें कि वो एयरपोर्ट जिंदा लौट पाए।
अब इस मामले में गृह मंत्रालय की एक टीम पंजाब पुलिस द्वारा की गई तैनाती, पहरे पर तैनात पुलिसकर्मी, छत पर तैनाती, बैरिकेड्स और अन्य सुरक्षा उपायों का विवरण माँग रही है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रदर्शनकारियों के बारे में खुफिया जानकारी होने के बाद भी पंजाब पुलिस ने ‘ब्लू बुक’ का पालन नहीं किया।
उन्होंने कहा कि पीएम की यात्रा के दौरान पंजाब में तैयार हुई जैसी किसी विपरीत स्थिति के लिए ब्लू बुक के हिसाब से राज्य की पुलिस को सुरक्षा हासिल व्यक्ति के लिए आकस्मिक रास्ता तैयार करना पड़ता है। लेकिन पंजाब पुलिस ने पीएम की यात्रा के दौरान आकस्मिक मार्ग तैयार नहीं किया था।
बता दें कि पीएम की सुरक्षा में हुई चूक मामले में चल रही जाँच के बीच एक एनिमेटेड वीडियो भी सोशल मीडिया पर देखने को मिला है। जिसमें पंजाब में 5 जनवरी को जो हुआ वैसा ही सब देखने को मिल रहा रहा है। खालिस्तानियों द्वारा बनाया गया यह एनिमेटेड वीडियो करीब साल भर पुराना है। इसमें किसानों को फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री को घेरते और नीचे फेंकते दिखाया गया है।