जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकी कमांडर अब्बास शेख को मार गिराया। वह टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) का सरगना था। उसका एक साथी भी मारा गया। कश्मीर जोन के आईजीपी विजय कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि इन दोनों आतंकियों की लंबे समय से तलाश थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब्बास शेख और उसका साथी साकिब मंजूर सोमवार (23 अगस्त 2021) को श्रीनगर के आलूचिबाग में क्रिकेट खेलने गया था। इसी दौरान इनपुट मिलने के बाद एसओजी के 10 कमांडो सिविल ड्रेस में पहुँचे और चारों तरफ से घेराव कर चेतावनी दी। आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने दोनों को ढेर कर दिया।
आतंकियों की टॉप टेन लिस्ट में शामिल अब्बास शेख ने कई हत्याएँ की थी। वह बच्चों को आतंकी बनने के लिए उकसाता था। कश्मीर जोन के आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि अब्बास शेख के इशारे पर साकिब ने श्रीनगर में कई हत्याएँ की थी।
अब्बास शेख पहले दर्जी का काम करता था, लेकिन बाद में वह आतंक की राह पर चल निकला था। उसके दो आतंकी भाई इब्राहिम और अशरफ शेख पहले ही सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं। अब्बास शेख उर्फ तुरानी उर्फ मौलवी 17 साल पहले आतंकी बना था। उसे 2004 में पकड़ा गया था और जन सुरक्षा कानून के तहत डेढ़ साल तक जेल में रहने के बाद वह बाहर आ गया।
रिपोर्ट के अनुसार अब्बास कम उम्र के युवकों को जिहाद की शिक्षा देता था। वह उन्हें 72 हूरों की कहानी सुनाकर बताता था कि गैर मुस्लिम, गैर कश्मीरी और जो भी हिंदुस्तान का नाम लेता है वह काफिर है। अब्बास के इशारे पर ही साकिब मंजूर ने वकील बाबर कादरी और हब्बाकदल के दुकानदार और इंस्पेक्टर परवेज डार की हत्या की थी।