Friday, July 4, 2025
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370 हटने के बाद J&K में हुए कई बदलाव, कश्मीरी युवकों के आतंकी समूहों में शामिल होने में आई 40% की कमी: रिपोर्ट

आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या एक साल पहले 105 थी। मगर इस साल 1 जनवरी और 15 जुलाई के बीच 67 तक गिर गई, जबकि इस अवधि के दौरान आतंकी घटनाएँ भी 188 से घटकर 120 हुई हैं।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहाँ से एक सुखद जानकारी सामने आई है। खबर ये है कि राज्य में आर्टिकल 370 हटने के बाद से कश्मीरी युवकों के आतंकी संगठन से जुड़ने का प्रतिशत काफी गिरा है

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के खत्म किए जाने के बाद मुख्य रूप से पिछले साल में कश्मीरी युवाओं के आतंकवादी समूहों में शामिल होने में 40 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

आतंकवादी समूहों में शामिल होने वाले युवाओं की संख्या एक साल पहले 105 थी। मगर इस साल 1 जनवरी और 15 जुलाई के बीच 67 तक गिर गई, जबकि इस अवधि के दौरान आतंकी घटनाएँ भी 188 से घटकर 120 हुई हैं।

इससे अलावा गृह मंत्री ने भी इस बात की जानकारी दी थी कि आर्टिकल 370 हटने के बाद जनवरी से मध्य जुलाई तक के बीच में 22 नागरिकों को मारा गया है। जबकि अब तक जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद के कारण स्थानीय और सुरक्षा कर्मियों सहित 41,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

इसी तरह इस बीच 136 आतंकियों को मारा गया है। इनमें से 110 स्थानीय थे और बाकी एलओसी पार करके आए थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद IED के हमलों की गिनती भी काफी गिरी है। जैसे पिछले साल 51 IED हमले हुए थे। इस साल इनकी संख्या 21 है। इस साल जितनी अवधि में एक IED हमला हुआ वहीं पिछले साल इतने समय तक में 6 IED हुए थे।

अब चूँकि जम्मू कश्मीर में स्थानीय स्तर पर बढ़ रहे आतंकियों में भारी कमी आई है, तो वहीं पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह अब आतंकवादियों को कश्मीर में धकेल रहे हैं। इसके चलते नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिशें बढ़ गई हैं और कहा जा रहा है कि फिलहाल शांति कोरोना वायरल लॉकडाउन के कारण है।

एक जानकारी के मुताबिक, पिछले 7 महीनों में सुरक्षा बलों ने 136 आतंकियों को मारा है। जबकि साल 2019 में 126 आतंकवादी मारे गए थे। इसी प्रकार पूरे साल जहाँ पिछले वर्ष 75 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे। वहीं इस साल हताहत होने वाले जवानों की संख्या 35 है।

इस साल सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों को मारकर बड़ी सफलता हासिल की। जैसे हिजबुल के 50 आतंकियों को इस वर्ष मारा गया और उनका चीफ रियाज नायकू भी मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं अन्य संगठन के आतंकी भी मुठभेड़ में मारे गए। फिर चाहे वह लश्कर ए तैयबा के हों या जैश ए मोहम्मद के।

बता दें, गत वर्ष 5 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 निरस्त करके एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। इसके बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील कर दिया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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