Thursday, May 2, 2024
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झोपड़ी में घुसे जवान, ग्रेनेड का पिन निकालने वाला था आतंकी… 25 साल पहले साथियों की जान बचाने वाला सैनिक कश्मीर में बलिदान

50 वर्षीय मिजोरम के एजवाल के रहने वाले थे। उनके पीछे उनकी पत्नी और 3 बच्चे रह गए हैं। इसके अलावा जो उनके पीछे छूटा है वो है उनकी बहादुरी का वो किस्सा, जिसमें उन्होंने आतंक विरोधी अभियान में एक दर्जन साथियों की जान बचाई थी।

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी फौज ने सीजफायर का उल्लंघन करके गुरुवार (9 नवंबर 2023) को बेवजह हमला किया। इस हमले में बीएसएफ के बहादुर जवान लाल फैम कीमा बलिदान हो गए।

2021 में बॉर्डर पर सीजयफायर लागू होने के बाद के बाद ये पहली कैजुएलटी है जो कश्मीर के सांबा जिले में हुई। गोली लगने से कीमा के काफी चोटें आई थीं ऐसे में उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया

50 वर्षीय कीमा मिजोरम के एजवाल के रहने वाले थे। उनके पीछे उनकी पत्नी और 3 बच्चे रह गए हैं। इसके अलावा जो उनके पीछे छूटा है वो उनकी बहादुरी का किस्सा है जिसमें उन्होंने आतंक विरोधी अभियान में एक दर्जन साथियों की जान बचाई थी।

ये किस्सा 1998-99 का है। एक ऑपरेशन के दौरान पीर पंजाल रेंज के ऊपर गूल गाँव में एक मिट्टी के घर के अंदर आतंकी छिपे थे, तब लाल फैम उसी टीम का हिस्सा थे जिन्हें आतंकियों का सामना करना था। उस समय वो कीमा ही थे जिन्होंने अपने साथियों की रक्षा करने के लिए एक आतंकी पर ताबड़तोड़ अपनी लाइट मशीन गन चलाई थी।

कीमा के जाने के बाद उनकी ये कहानी उनके तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर ने शेयर की है। जिसकी चर्चा मीडिया में है। रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने बताया कि उस समय आतंकी एक मिट्टी के घर में थे और सभी जवानों को मारने के लिए आतंकियों ने गोलीबारी और ग्रेनेड से हमला करके खुद को उड़ा लिया था। उस समय घर के अंदर से धुआँ निकल ही रहा था कि बीएसएफ की टीम झोपड़ी के अंदर पहुँच गए। उन्हें 3 आतंकी मृत मिले। लेकिन लाल फैम ने देख लिया था कि एक आतंकी अपने ग्रेनेड से पिन निकाल रहा है। ऐसे में वो चिल्लाए- तुम ग्रेनेड का पिन निकालेगा… और इसके बाद वो ताबड़तोड़ फायरिंग करते रहे।

सीओ याद करते हैं कि कैसे उस घर में घुसकर सारे जवान तलाशी में व्यस्त हो गए थे लेकिन सिर्फ कीमा की सतर्कता के कारण वहाँ दर्जनों जवानों की जान बची थी। अगर वो नहीं देखते तो उस दिन न जाने क्या होता, कितने सैनिकों को अपनी जान गँवानी पड़ती।

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 8-9 नवंबर की आधी रात गोली बारी की थी। बीएसएफ डीजी नितिन अग्रवाल ने कहा कि सीमा पर तैनात जवानों ने सीजफायर उल्लंघन का कड़ा जवाब दिया है जिससे पाकिस्तानी फौजियों का भी काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। अब तक वह 2-3 बार ऐसा कर चुका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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