Monday, December 23, 2024
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‘अग्निपथ’ को ‘मुस्लिम नरसंहार योजना’ बता भड़का रहे थे PFI आतंकी: महाराष्ट्र ATS की चार्जशीट में खुलासा- 2047 तक भारत को बनाते इस्लामी मुल्क

‘इंडिया विजन 2047’ दस्तावेज़ में एक टैगलाइन है जो पीएफआई के लक्ष्य को रेखांकित करती है – “भारत में इस्लामी शासन की ओर”। इस खतरनाक दस्तावेज़ में ‘भारत में मुस्लिमों की वर्तमान स्थिति’, ‘हर घर में पीएफआई’ तक की रणनीति, भारत 2047 योजना और भारत में मुस्लिम समुदाय के लिए कार्रवाई योग्य बिंदुओं की बारे में वर्णन डराने वाली है।

भारत को इस्लामी मुल्क बनाने की प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की साजिश को लेकर महाराष्ट्र एटीएस ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, एटीएस ने 2 फरवरी 2023 को PFI के 5 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इस चार्जशीट में कहा गया है कि गिरफ्तार आतंकी अग्निपथ योजना को मुस्लिमों के खिलाफ बताकर मुस्लिम युवकों को भड़का रहे थे।

महाराष्ट्र एटीएस ने सितंबर 2022 में छापेमारी करते हुए पीएफआई से जुड़े 20 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से 5 आतंकी मुंबई से गिरफ्तार हुए थे। इन 5 आरोपितों की पहचान मजहर खान, सादिक शेख, मोहम्मद इकबाल खान, मोमिन मिस्त्री और आसिफ हुसैन खान के रूप में हुई थी। इन सभी पर गैरकानूनी गतिविधियों और देश के खिलाफ साजिश में शामिल होने का आरोप है।

महाराष्ट्र एटीएस द्वारा इन 5 आतंकियों के खिलाफ 600 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपित साल 2047 तक भारत को इस्लामिक मुल्क बनाने के उद्देश्य से काम कर रहे थे। इस चार्जशीट में इन आतंकियों के पास से मिले ‘विजन 2047’ को भी बतौर दस्तावेज इस्तेमाल किया गया है।

बता दें कि ऑपइंडिया ने जुलाई 2022 में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खतरनाक और राष्ट्रद्रोही ‘विजन 2047’ को लेकर विस्तृत जानकारी दी थी। इस रिपोर्ट को आप इस लिंक को क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

महाराष्ट्र ATS ने जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें पीएफआई के नापाक मंसूबों और इसे पूरा करने के लिए बनाई गई योजना के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही इसमें बताया गया है कि PFI के गुर्गे इन योजनाओं को पूरा करने के लिए किस तरह से काम कर रहे थे। इस चार्जशीट में PFI को लेकर जो खुलासे हुए हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं।

चार्जशीट में PFI के 5 आतंकियों को लेकर निम्न खुलासे हुए हैं :

◆ सभी 5 आतंकी PFI के पदाधिकारी थे। पीएफआई ये लोग आतंकवादी संगठनों के साथ काम करते हुए भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए साजिश रच रहे थे।

◆ महाराष्ट्र के चेंबूर, धारावी, कुर्ला, ठाणे, नेरुल, पनवेल और मुंब्रा में पीएफआई के सदस्यों द्वारा गुप्त बैठकें की गई थीं। इन बैठकों में देश के खिलाफ काम करने के उद्देश्य से योजनाएँ बनाईं गई थीं। साथ ही मुस्लिमों को कट्टरपंथी बनाने और साल 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र रचे गए थे।

◆ पीएफआई ने मुस्लिमों को अपने संगठन में शामिल करने की योजना बनाई थी। ये आतंकी मुस्लिमों को इस बात का विश्वास दिला रहे थे कि वह भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में इनका प्लान मुस्लिमों को हिंदुओं के खिलाफ एकजुट करना था।

◆ पीएफआई देश के कानून में बदलाव कर शरिया कानून लागू करने के उद्देश्य से काम कर रहा था।

◆ PFI के गिरफ्तार आरोपितों की मंशा था कि देश के मुस्लिमों की पहचान सिर्फ मुस्लिमों के रूप में हो न कि उन्हें भारतीय के रूप में जाना जाए।

◆ पीएफआई मुस्लिमों के बीच इस बात का प्रचार कर रहा था कि देश में उन पर खतरा है। साथ ही उन पर अत्याचार हो रहा है। इन सबका उपयोग कर वह मुस्लिमों को हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित करना चाहते थे।

◆ पीएफआई पैसा जुटाते हुए भारतीय लोकतंत्र को खत्म करने के लिए विदेशी संगठनों से मदद लेनी की कोशिश कर रहा था।

◆ गिरफ्तार आरोपितों में से 2 लोग कानून के जानकार थे। कानून के हिसाब से वे पीएफआई की टीम को मार्गदर्शन दे रहे थे।

◆ 1 आरोपित पीएफआई में मुस्लिम युवकों की भर्ती के खिलाफ था।

◆ अग्निपथ को ‘मुस्लिम नरसंहार’ के लिए एक योजना होने के बारे में पीएफआई कैसे प्रचार कर रहा था।

एटीएस ने आरोपितों के फोन चैट रिकवर किए हैं। इस चैट में अग्निपथ योजना को ‘मुस्लिमों के नरसंहार’ की योजना बताया गया है। अग्निपथ का दुष्प्रचार कर हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को एकजुट करने की योजना थी। यह मैसेज दानिश मलिक नामक व्यक्ति द्वारा भेजा गया था। इस मैसेज का शीर्षक ‘अग्निपथ या संघियों की बंदर सेना’ था।

पीएफआई के गिरफ्तार आतंकवादियों के पास से बरामद चैट

इस चैट में कहा गया था कि अग्निपथ योजना के तहत 17 से 21 साल के हिंदुओं की भर्ती की जा रही है। भर्ती युवाओं को हथियार और सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेना में 5 साल काम करना के बाद हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित हिंदू युवा पूरी दुनिया में खुले घूम रहे होंगे।

इस चैट में अग्निपथ योजना की तुलना ‘शैतान इजराइल जैसी नीति’ से की गई है। इसके साथ ही कहा गया है कि इस योजना के बॉस देश के कोने-कोने में सेना प्रशिक्षण प्राप्त हिंदू होंगे। ये हिंदू दंगाइयों की एक ऐसी सेना होगी, जो सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त होने के कारण डरेंगे नहीं। इन्हें यदि धक्का दिया जाएगा तो वह भागेंगे नहीं।

इस मैसेज में दावा किया गया था कि अग्निपथ योजना आरएसएस मॉड्यूल को विस्तार कर तैयार किया गया है। आरएसएस ने भी हिंदुओं को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया था। पीएफआई के मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि इजरायल की नीति की तरह ही इस रोजगार योजना के तहत मुस्लिमों का नरसंहार करने के लिए हिंदुओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।

PFI ने इस मैसेज में अग्निपथ योजना शुरू करने के 4 बड़े कारण बताए हैं :

1.) ‘संघी’ (हिंदू) मुस्लिमों के खिलाफ भारतीय सेना तैनात नहीं कर सकते।
2.) यदि वे ऐसा करते हैं तो सीमा सुरक्षा कमजोर हो जाएगी।
3.) अगर ‘संघी’ (हिंदू) मुस्लिमों के खिलाफ सेना तैयार करते हैं तो उन्हें वैश्विक स्तर पर शर्मिंदा होना पड़ेगा। यह ठीक वैसे ही होगा जैसे रोहिंग्या मुस्लिमों के “नरसंहार” के कारण म्यांमार की सेना को शर्मिंदा होना पड़ा था।
4.) पीएफआई का यह भी मानना है कि हिंदू मुस्लिमों के खिलाफ सेना तैनात नहीं कर सकते। इसके पीछे तर्क देते हुए कहा गया है कि यदि सेना संगठित हो जाएगी तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटा देंगे। इसमें कुछ भी नया नहीं होगा। यह पहले भी कई देशों में हो चुका है।

पीएफआई के अनुसार, यही कारण है कि ‘संघी’ मुस्लिमों के खिलाफ सीधे भारतीय सेना को तैनात नहीं करेंगे। मुस्लिमों का नरसंहार हेतु हिंदुओं को ट्रेंड करने के लिए अग्निपथ की शुरुआत की गई है। मैसेज में आगे कहा गया है कि सभी मुस्लिम, सुन्नी, वहाबी, शिया आदि को एकजुट होकर अग्निपथ योजना में भर्ती होना चाहिए।

मैसेज में यह भी कहा गया है, “यदि आप सुन्नी हैं तो हमास की तरह, यदि आप वहाबी हैं तो जिहादी इस्लामी की तरह (शायद हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी की बात की गई है, यह संगठन अल कायदा और तालिबान से जुड़ा हुआ है), यदि आप एक शिया तो हिज़्बुल्लाह की तरह, आपको सामने आना होगा। समय बहुत कम है। अग्निपथ योजना की तरह प्रशिक्षण और नौकरी पाने के लिए मुस्लिम युवाओं को भी इसी तरह से इस योजना में शामिल होने की जरूरत है।”

PFI के इस मैसेज में आगे कहा गया है, “वैसे तो मुस्लिमों को अग्निपथ में भर्ती होना चाहिए। हालाँकि इसकी संभावना बेहद कम है कि अग्निपथ योजना में मुस्लिमों को सम्मिलित किया जाएगा। वास्तव में, यह योजना इस्लाम का विरोध करने वालों द्वारा बनाई गई है।” मैसेज में यह भी कहा गया है कि यदि मुस्लिम इस योजना में भर्ती होते हैं तो वे एक ‘शेरों की सेना’ बना सकते हैं, जिससे देश को फायदा मिलेगा।

इसके अलावा, महाराष्ट्र एटीएस ने पीएफआई के इन आरोपितों के फोन से ‘365 डेज: थ्रू अ थाउजेंड कट्स’ (365 days: Through a Thousand Cuts) नामक किताब जब्त की थी। इस किताब में कहा गया है कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने आने के बाद से देश में मुस्लिमों के लिए स्थितियाँ बदल गई हैं।

इस किताब के एक पैराग्राफ में लिखा है, “मोदी के सत्ता में आने के अगले ही दिन से सभी बुरी ताकतें सामने आ गईं। नफरत फैलाने वाले लोगों ने जहर उगलना शुरू कर दिया। उन सभी को यह लग रहा है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र बन चुका है।” हिंदुओं के खिलाफ नफरत से भरी हुई इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात में हुए 2002 के दंगों का भी जिक्र है। दंगों के समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

इसके अलावा एटीएस द्वारा जब्त की गई इस किताब में योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और गिरिराज सिंह समेत कई अन्य हिंदू नेताओं का भी जिक्र किया गया है। इस किताब में पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के संबंधों का भी खुलासा हुआ। इस किताब में एसडीपीआई का नाम बतौर प्रकाशक लिखा हुआ है। हालाँकि, एसडीपीआई ने पीएफआई से अपने संबंधों को कभी स्वीकार नहीं किया है।

बता दें कि पीएफआई ने ‘इंडिया विज़न 2047’ नाम के दस्तावेज़ को अपने कैडर के बीच आंतरिक रूप से प्रसारित किया है। उसका लक्ष्य ‘कायर हिंदुओं’ पर पूरी तरह से हावी होना और उन्हें अपने अधीन करना है। यह लक्ष्य तब ही प्राप्त किया जा सकता है, जब पीएफआई के पीछे 10 प्रतिशत मुस्लिम एकजुट हों।

इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि PFI अपने प्रशिक्षित कैडरों और तुर्की जैसे इस्लामी देशों की मदद से भारत के खिलाफ एक पूर्ण सशस्त्र विद्रोह शुरू करने की योजना बना रहा है। इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन ने अन्य इस्लामी देशों से भी भारत सरकार और बहुसंख्यक हिंदुओं को ‘घुटनों पर’ लाने में मदद करने की अपील की है।

‘इंडिया विजन 2047’ दस्तावेज़ में एक टैगलाइन है जो पीएफआई के लक्ष्य को रेखांकित करती है – “भारत में इस्लामी शासन की ओर”। इस खतरनाक दस्तावेज़ में ‘भारत में मुस्लिमों की वर्तमान स्थिति’, ‘हर घर में पीएफआई’ तक की रणनीति, भारत 2047 योजना और भारत में मुस्लिम समुदाय के लिए कार्रवाई योग्य बिंदुओं की बारे में वर्णन डराने वाली है।

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