Friday, December 1, 2023
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षाबनिहाल CRPF हमला: पुलवामा दोहराने की नाकाम साज़िश में PhD स्कॉलर समेत 6 गिरफ़्तार

बनिहाल CRPF हमला: पुलवामा दोहराने की नाकाम साज़िश में PhD स्कॉलर समेत 6 गिरफ़्तार

हमले को अंजाम देने के लिए ऐसे लोगों के चयन किया गया, जिनके ख़िलाफ़ कोई FIR दर्ज नहीं थी। पुलिस के शक से बचने के लिए ऐसे आतंकियों को इस साज़िश में शामिल नहीं किया गया, जो पहले से सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर थे।

30 मार्च को जम्मू कश्मीर स्थित बनिहाल में सीआरपीएफ के काफ़िले पर हुए हमले का मामला सुलझा लिया गया है। इस हमले को जमात-ए-इस्लामी के छात्र गुट ने अंजाम दिया था और इसकी साज़िश पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन हिज़्बुल मुजाहिदीन और जैश-ए-इस्लामी ने रची थी। राज्य पुलिस ने इस मामले में एक रिसर्च स्कॉलर समेत 6 आतंकियों को गिरफ़्तार किया है। सभी आतंकियों को एनआईए को सौंपने की तैयारी की जा रही है। पीएचडी स्कॉलर हिलाल अहमद मंटू बठिंडा की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढ़ता है। वह जमात के स्टूडेंट विंग का सदस्य है। जम्मू के आईजी एमके सिन्हा ने मामले को सुलझाने का दावा करते हुए बताया कि 30 मार्च को बनिहाल में पुलवामा जैसा कार ब्लास्ट करके सीआरपीएफ कॉनवाय पर हमला करने की कोशिश की गई। अगले ही दिन पुलिस ने इस कार को ब्लास्ट करने वाले ओवेस अमीन नाम के आत्मघाती हमलावर को पकड़ लिया था।

बनिहाल में भी पुलवामा हमले की तरफ ही बड़ी क्षति पहुँचाए जाने की योजना थी लेकिन आतंकी कामयाब नहीं हो पाए। इस साज़िश के पीछे पाकिस्तानी आतंकी मुन्ना बिहारी का नाम सामने आया है। मामले की तेज़ जाँच के लिए सतर्क पुलिस ने एसआईटी का गठन कर दक्षिण कश्मीर के उमर शफी, शोपियाँ निवासी आकिब शाह, शाहिद वानी उर्फ वाटसन और पुलवामा स्थित चकोरा का रहने वाला वसीम अहमद डार उर्फ डॉक्टर को दबोचा। पुलिस के अनुसार, मुन्ना बिहारी और हिज़्बुल आतंकी रियाज़ नायकु के कहने पर रईस और उमर ने ओवेस को आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया था। इन्होंने मिलकर पुलवामा स्टाइल में ही कार को तैयार किया और फिर कार में विस्फोटक भी कर डाला। कार कहाँ से ली गई और आतंकियों ने विस्फोटक कहाँ से ख़रीदा, इस बारे में अभी तक कुछ ख़ुलासा नहीं हुआ है।

इस बार आतंकी संगठनों ने काफ़ी चालाकी से काम लिया था। हमले को अंजाम देने के लिए ऐसे लोगों के चयन किया गया, जिनके ख़िलाफ़ कोई एफआईआर दर्ज नहीं थी। पुलिस के शक से बचने के लिए ऐसे आतंकियों को इस साज़िश में शामिल नहीं किया गया, जो पहले से सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर थे। बनिहाल में हमला करने से पहले 26 मार्च को भी आतंकियों ने इसी तरह का प्रयास किया था लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी क्योंकि ब्लास्ट हुआ ही नहीं। जमात-ए-इस्लामी कश्मीर में मज़बूत प्रभाव रखता है और इसने 1971 के बाद से कुछ चुनावों में भी हिस्सा लिया था। राज्य में अलगाववादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार में लगे जमात पर गृह मंत्रालय ने 2019 में 5 वर्षों का प्रतिबन्ध लगा दिया था।

>

गृह मंत्रालय को पुख़्ता सूचना और सबूत मिले थे कि ये संगठन जम्मू कश्मीर में आतंकियों को कई सारी सुविधाएँ मुहैया करा रहा है। गिरफ़्तार आतंकियों ने कश्मीर में युवाओं को बरगलाने और मज़हब के नाम पर भड़काने की बात स्वीकार की है। बता दें कि 30 मार्च को बनिहाल में हुए हमले में सीआरपीएफ की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई थी और जवानों को भी मामूली चोटें आई थीं। आतंकियों द्वारा विस्फोटकों से लदी सैंट्रो कार को जम्मू से श्रीनगर ले जाते वक़्त उड़ा दिया गया था। जिस कार में ब्लास्ट हुआ, उसके ड्राइवर को भी गिरफ़्तार कर लिया गया था। उसके आकाओं ने उसे सीआरपीएफ काफ़िले को उड़ाने के लिए बोला था लेकिन वह वहाँ से भाग निकला था। बाद में सुरक्षा बलों ने उसे धर दबोचा।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शिवराज का ‘नारी सम्मान’, ‘लाडली बहना’ ने रखा मान: यूँ ही Exit Polls नहीं दिखा रहे मध्य प्रदेश में फिर से ‘मामा की सरकार’

अधिकांश एग्जिट पोल में कहा जा रहा है कि मध्य परदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की वापसी हो रही है। इसके पीछे कई कारण हैं।

PM मोदी के रंग में रंगा दुबई, हाथों में तिरंगा लिए भारतीय लगा रहे थे ‘फिर से मोदी सरकार’ के नारे: COP-28 में शिरकत...

वीडियो में देख सकते हैं कि प्रवासी भारतीय झूमते गाते- "मोदी-मोदी, अब की बार मोदी सरकार और वंदे मातरम" जैसे नारे लगा रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
419,000SubscribersSubscribe