सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वो अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में कब तक प्रतिबंध जारी रखना चाह रही है। पाँच अगस्त को अनुच्छेद-370 के प्रावधानों में संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनज़र पाबंदी लगा दी गई थी।
जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीश की पीठ ने सरकार से यह सवाल किया है कि आप कितने दिन के लिए प्रतिबंध चाहते हैं, जबकि यह पहले से ही 2 महीने से जारी है। सरकार को इस पर अपना रुख़ स्पष्ट करना होगा, इसके अलावा अन्य तरीकों का भी पता लगाना होगा। कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।
“How many days you want restrictions? It’s already 2 months now. You have to come clear on this and you have to find out other methods,” a 3 judge bench headed by Justice NV Ramana asks the Government and posts the matter for hearing on November 5. https://t.co/5Bm9u27EpJ
— ANI (@ANI) October 24, 2019
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, “पाबंदियों की रोज समीक्षा की जा रही है और करीब 99 प्रतिशत इलाक़ो में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।” प्रशासन ने कोर्ट को इस तथ्य से भी अवगत कराया कि इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध जारी है क्योंकि सीमा पार से इसके दुरुपयोग होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियाँ लगा सकते हैं। लेकिन, समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होनी चाहिए। न्यायमूर्ति एनवी रमण की अगुआई वाली एक पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसके जवाब में बताया कि प्रशासन रोज़ाना इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इंटरनेट सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों पर सवाल किया और कहा सरकार को लोगों को संवाद का यह माध्यम मुहैया कराना होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर में लोगों द्वारा न्यायपालिका की पहुँच पर अतिरिक्त रिपोर्ट दायर करने की अनुमति भी दी है।
वहीं, वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद द्वारा दायर याचिका, जिसमें उन्होंने अदालत से अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों मिलने की अनुमति की माँग की थी, इस पर भी सुप्रीम कोर्ट में पाँच नवंबर को सुनवाई की जाएगी।
Supreme Court will also hear on November 5, plea filed by senior Congress leader Ghulam Nabi Azad who had sought a nod from SC to visit his family members and relatives along with other prayer. https://t.co/kCN8DrhI5E
— ANI (@ANI) October 24, 2019
इसके अलावा, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की दलील पर भी सुनवाई पाँच नवंबर को ही होगी। अपनी दलील में भसीन ने कहा था कि अनुच्छेद-370 के हटने के बाद घाटी में पत्रकारों को कामकाज में बाधा आ रही है।