Saturday, April 20, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा370 हटने के बाद पाबंदी कब तक? केंद्र ने SC से कहा- 99% जगहों...

370 हटने के बाद पाबंदी कब तक? केंद्र ने SC से कहा- 99% जगहों से हटा लिया गया है, प्रतिदिन समीक्षा जारी

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, "पाबंदियों की रोज समीक्षा की जा रही है और करीब 99 प्रतिशत इलाक़ो में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।" प्रशासन ने कोर्ट को इस तथ्य से भी अवगत कराया कि इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध जारी है क्योंकि सीमा पार से इसके दुरुपयोग होने की संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि वो अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में कब तक प्रतिबंध जारी रखना चाह रही है। पाँच अगस्त को अनुच्छेद-370 के प्रावधानों में संशोधन के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा-व्यवस्था के मद्देनज़र पाबंदी लगा दी गई थी।

जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीश की पीठ ने सरकार से यह सवाल किया है कि आप कितने दिन के लिए प्रतिबंध चाहते हैं, जबकि यह पहले से ही 2 महीने से जारी है। सरकार को इस पर अपना रुख़ स्पष्ट करना होगा, इसके अलावा अन्य तरीकों का भी पता लगाना होगा। कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, “पाबंदियों की रोज समीक्षा की जा रही है और करीब 99 प्रतिशत इलाक़ो में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।” प्रशासन ने कोर्ट को इस तथ्य से भी अवगत कराया कि इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध जारी है क्योंकि सीमा पार से इसके दुरुपयोग होने की संभावना है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा कि वे राष्ट्र हित के नाम पर पाबंदियाँ लगा सकते हैं। लेकिन, समय-समय पर इनकी समीक्षा भी होनी चाहिए। न्यायमूर्ति एनवी रमण की अगुआई वाली एक पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसके जवाब में बताया कि प्रशासन रोज़ाना इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इंटरनेट सेवाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों पर सवाल किया और कहा सरकार को लोगों को संवाद का यह माध्यम मुहैया कराना होगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर में लोगों द्वारा न्यायपालिका की पहुँच पर अतिरिक्त रिपोर्ट दायर करने की अनुमति भी दी है।

वहीं, वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद द्वारा दायर याचिका, जिसमें उन्होंने अदालत से अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों मिलने की अनुमति की माँग की थी, इस पर भी सुप्रीम कोर्ट में पाँच नवंबर को सुनवाई की जाएगी। 

इसके अलावा, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की दलील पर भी सुनवाई पाँच नवंबर को ही होगी। अपनी दलील में भसीन ने कहा था कि अनुच्छेद-370 के हटने के बाद घाटी में पत्रकारों को कामकाज में बाधा आ रही है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ईंट-पत्थर, लाठी-डंडे, ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे… नेपाल में रामनवमी की शोभा यात्रा पर मुस्लिम भीड़ का हमला, मंदिर में घुस कर बच्चे के सिर पर...

मजहर आलम दर्जनों मुस्लिमों को ले कर खड़ा था। उसने हिन्दू संगठनों की रैली को रोक दिया और आगे न ले जाने की चेतावनी दी। पुलिस ने भी दिया उसका ही साथ।

‘भारत बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है, नई चुनौतियों के लिए तैयार’: मोदी सरकार के लाए कानूनों पर खुश हुए CJI चंद्रचूड़, कहा...

CJI ने कहा कि इन तीनों कानूनों का संसद के माध्यम से अस्तित्व में आना इसका स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है, हमारा देश आगे बढ़ रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe