Tuesday, April 22, 2025
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लतीफ आतंकियों को देता है पनाह, शंकर लाल का परिवार पैसे ठुकरा पुलिस को देता है सूचना: कश्मीर की वो कहानी जो लिबरल मीडिया आपको कभी नहीं बताएगी

वहीं इस ऑपरेशन के बीच ही सेना और पुलिस ने यहाँ लतीफ़ नाम के एक शख्स के परिवार के 6 सदस्यों को उठाया है। इन पर 27 मार्च के एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों को मदद का आरोप है। आरोप है कि इन्होने उन आतंकियों को खाना-पानी और रुकने की जगह दी।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को घेर लिया है। यह कठुआ इलाके में बीते लगभग एक सप्ताह में तीसरी मुठभेड़ है। इससे पहले मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 2 आतंकी मार गिराए थे। सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) संयुक्त रूप से यह ऑपरेशन चला रहे हैं।

सोमवार (31 मार्च, 2025) रात को सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चालू हुई है। सुरक्षाबलों को इस एनकाउंटर से पहले इस इलाके में आतंकियों के छुपे होने की जानकारी मिली थी। यह ऑपरेशन मंगलवार सुबह भी जारी है। एक आतंकी के मारे जाने की भी सूचना है।

बताया गया है कि यहाँ पंजतीर्थी इलाके में आतंकी एक मंदिर के पास छुपे हुए हैं। संभवतः यह आतंकी सफियान इलाके में हुए ऑपरेशन के बाद भाग निकले थे। सेना ने इस इलाके में घेरा डाल दिया है।

सेना ने बताया- 31 मार्च को दिखी थी हलचल

सेना की राइजिंग स्टार कोर, जम्मू कश्मीर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर इस ऑपरेशन की जानकारी दी है। उन्होंने बताया, “खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए, भारतीय सेना, जम्मू कश्मीर पुलिस और CRPF द्वारा पंजतीर्थी, कठुआ में कई घेराबंदी की गई थी। 31 मार्च की रात को यहाँ संदिग्ध गतिविधि देखी गई, जिसके बाद गोलीबारी हुई। 1 अप्रैल 2025 को सुबह होते ही आतंकियों को खोज कर मारने का ऑपरेशन चालू कर दिया गया था। अभी यह ऑपरेशन जारी है।”

जम्मू कठुआ रेंज के DIG शिव कुमार शर्मा ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत सुरक्षा बलों को दें। उन्होंने कहा, “हमारा बल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को समाप्त करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कठुआ में अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक कि आखिरी आतंकवादी को मार नहीं गिराया जाता।”

शंकर लाल ने थाने में दी सूचना

इस इलाके में बीते कुछ दिनों से लगातार आतंकियों की गतिविधियाँ देखी जा रही हैं। वह इस इलाके में खाना-पानी ढूंढ रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने द्रब्बड इलाके में रुई गाँव में शंकर लाल के परिवार के एक घर में घुसकर बूढ़ी महिला से पानी माँगा। वह पानी लेने के बाद रसोई में घुस गए और यहाँ दिन में बनाकर रखी गई रोटियाँ और सब्जी उठा कर ले गए।

पीड़ित परिवार वालों ने इस बीच इन्हें मना किया लेकिन यह आतंकी नहीं माने। महिला ने बताया है कि तीनों में से एक घायल अवस्था में था। महिला ने बताया है इन तीनों ने उससे परिवार के सदस्यों के विषय में पूछताछ की थी। महिला ने उनसे स्पष्ट किया कि खाना अभी बना नहीं है।

आतंकियों ने पानी पीने और रोटी-सब्जी लेने के बाद रसोई के भीतर ₹500 के 2 नोट भी रखे। महिला ने यह नोट नहीं लिए और आतंकियों के हाथ में वापस कर दिए। यह परिवार इसके बाद किसी तरह बच कर थाने पहुँचा। वहाँ इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद सूचना के आधार पर एनकाउंटर चालू हुआ।

लतीफ़ के परिवार ने की आतंकियों की मदद

वहीं इस ऑपरेशन के बीच ही सेना और पुलिस ने यहाँ लतीफ़ नाम के एक शख्स के परिवार के 6 सदस्यों को उठाया है। इन पर 27 मार्च के एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों को मदद का आरोप है। आरोप है कि इन्होने उन आतंकियों को खाना-पानी और रुकने की जगह दी।

पुलिस ने जिन लोगों को पकड़ा है, उनमें 4 महिलाएँ हैं। लतीफ़ आतंकियों के ओवर ग्राउंड वर्कर का काम कर चुका है। वह एक आतंकी हमले के मामले में पिछले वर्ष जेल जा चुका है। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है।

27 मार्च के एनकाउंटर में मारे गए थे 2 आतंकी

मीडिया से बातचीत के दौरान DIG शर्मा ने बताया कि उन्होंने उन पुलिसकर्मी तारिक अहमद के परिवार से मुलाकात की, जिन्होंने अपने तीन साथियों के साथ 27 मार्च 2025 को कठुआ में आतंकवादियों से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी। उन्होंने इन जवानों की प्रशंसा की।

गौरतलब है कि 5 दिन पहले 27 मार्च 2025 को कठुआ जिले में ही एक एनकाउंटर हुआ था। यह एनकाउंटर लम्बे समय तक चला था। इस एनकाउंटर के दौरान तीन पुलिसकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए थे। इसके बाद से लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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