Tuesday, May 20, 2025
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नीदरलैंड में फिलिस्तीन समर्थकों पर बुलडोजर वाली कार्रवाई: एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी में घुस पुलिस ने 125 को पकड़ा, US-यूरोप में भी सख्ती

फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कथित छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में कैंप लगा लिए थे, जिसे पुलिस ने उखाड़ फेंका है। पुलिस ने 125 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

नीदरलैंड्स की एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की जगह फिलिस्तीन के समर्थन में चल रहे प्रदर्शन को पुलिस ने तितर-बितर कर दिया है। एम्स्टर्डम पुलिस ने यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे 125 से ज्यादा फिलिस्तीन समर्थकों को गिरफ्तार भी कर लिया है। फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कथित छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में कैंप लगा लिए थे, जिसे पुलिस ने उखाड़ फेंका है।

टाइम मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार (7 मई 2024) के तड़के ही एम्स्टर्डम पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को यूनिवर्सिटी कैंपस से हटाने की मुहिम छेड़ी और सभी प्रदर्शनकारियों को टेंट खाली करके जाने के लिए कहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की बात नहीं मानी, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए सभी टेंटों को हटा दिया और 125 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

एम्स्टर्डम पुलिस ने इस कार्रवाई की सूचना एक्स पर भी साझा की है, जिसमें बताया गया है कि 125 फिलिस्तीन समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए हिरासत में ले लिया है।

नीदरलैंड्स के राष्ट्रीय न्यूज चैनल ने घटनास्थल की तस्वीरें प्रसारित की है। इन वीडियो में पुलिस को बैरिकेड्स को गिराते दिखाया जा रहा है, जिसमें पुलिस ने भारी मशीनों का इस्तेमाल करते हुए अस्थाई निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस वालों ने लाठियों का भी जमकर इस्तेमाल किया। पुलिस वालों ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और तंबुओं को उखाड़ फेंका।

बता दें कि फिलिस्तीन के समर्थन में अमेरिका और यूरोप के कई देशों की यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन हो रहे थे। अमेरिका में प्रदर्शन उग्र भी हो रहा था, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कई फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई की, बल्कि यूनिवर्सिटीज ने प्रदर्शन में शामिल छात्रों को यूनिवर्सिटी से भी निकाल दिया है। ये प्रदर्शनकारी 7 अक्टूबर 2023 को हमास के इजरायल पर हुए हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई का विरोध कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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