गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को हमारे देश में मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि देश भर में युवा मतदाओं में चुनावी प्रक्रिया को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके। देश के ज्यादा से ज्यादा नागरिक अपने मताधिकार के प्रति जागरूक हों।
आज 25 जनवरी 2019 को हमारे देश में 10 लाख मतदान केंद्रों को कवर करते हुए 6 लाख से ज्यादा जगहों पर 9वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस पर मनाए जाने वाले समारोह में नए मतदाताओं को बधाई भी दी जाएगी और उन्हें उनके पहचान पत्र भी दिए जाएँगे।
आज दिल्ली कैन्ट स्थित मानेकशॉ केन्द्र (Manekshaw Centre) में चुनाव आयोग द्वारा एक समारोह आयोजित किया जा रहा है जिसके मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। इस समारोह में कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद भी उपस्थित रहेंगे।
लोकसभा चुनाव करीब होने के कारण इस दिवस का महत्व और भी अधिक है इसलिए ये समारोह इसी विषय पर केंद्रित होगा कि ‘कोई मतदाता पीछे न रहे’। इस दिवस पर आज ‘My Vote Matters’ नाम की त्रैमासिक पत्रिका का उद्घाटन माननीय राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा। इस आयोजन पर उन अधिकारियों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने चुनावों के दौरान अपना श्रेष्ठ योगदान दिया है। इसके अलावा नागरिक समाज संगठनों और मीडिया संस्थानों को भी चुनाव के दौरान मतदाताओं में जागरूकता फैलाने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस देश में उत्साह से मनाया जाना भारत के सही अर्थों में लोकतांत्रिक होने का परिचायक है। इतिहास के पन्नों में चुनाव आयोग का गठन 25 जनवरी 1950 को ही हुआ था। लेकिन इस दिन को औपचारिक रूप से मनाने की शुरूआत 2011 से हुई। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य था कि देश में चुनाव के दौरान होने वाले मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हो।
![](https://i0.wp.com/hindi.opindia.com/wp-content/uploads/sites/6/2019/01/national-voters-day.jpg?resize=696%2C392&ssl=1)
आपको बता दें आज हमारे देश में मतदाता होने का अधिकार हमें 18 वर्ष का होने पर मिल जाता है लेकिन 1988 से पहले ये उम्र 21 हुआ करती थी। 61वें संशोधन बिल के पास होने के बाद मतदाता की उम्र घटाकर 18 की गई।
आज के समय में चुनाव के दौरान होने वाले मतदान में चुनाव आयोग उन्हीं लोगों को वोट देने की अनुमति देता है जो उस क्षेत्र का स्थाई निवासी होता है। अगर कोई व्यक्ति से एक से अधिक जगहों पर मतदान करता है तो इसे अपराध माना जाता है। 18 साल के होते ही कोई भी नागरिक स्वत: एक मतदाता हो जाता है। मतदान करने के लिए आवश्यक नहीं है कि वोटर पहचान पत्र ही साथ हो। हम अपने पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड को ले जाकर भी वोट डाल सकते हैं।