कनाडा की नागरिकता रखने वाले एक व्यक्ति पर ओडिशा पुलिस ने 24 जून 2023 को मामला दर्ज किया था। इस व्यक्ति का नाम एपेन मोहन किडंगलील (Eapen Mohan Kidangalil) है। उस पर प्रार्थना सभा के नाम पर अनुसूचित जनजाति (ST) समाज के गरीब लोगों को लुभाने और उन्हें ईसाई बनाने की कोशिश का आरोप है। कलिंगा राइट्स फोरम के मुताबिक एपेन मोहन पर्यटक वीजा पर भारत आया हुआ है। लेकिन उसने नियमों के विपरीत 22 जून को प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इसके बाद उसे पकड़कर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सौंप दिया।
ऑपइंडिया के पास इस मेल में दर्ज FIR की कॉपी मौजूद है। FIR के मुताबिक आरोपित पर ओडिशा धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1967 की धारा 4 के तहत कार्रवाई की गई है। मामला जगतसिंहपुर क्षेत्र का कटेसिंहपुर गाँव का है। यहाँ 22 जून को विश्व हिंदू परिषद के एक सदस्य को धर्मान्तरण के कार्यक्रम की जानकारी मिली। हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता जब मौके पर पहुँचे तो पाया कि कनाडा की नागरिकता रखने वाला एपेन मोहन करीब 33 स्थानीय निवासियों को ईसाई बनने के लिए उकसा रहा था। इनमें महिलाओं सहित 11 नाबालिग भी थे।
VHP कार्यकर्ता सूर्यकांत नंदा का आरोप है कि आरोपित के पास से कैश, कागजात, बाइबिल, टूरिस्ट वीजा और कुछ दवाएँ बरामद हुई। एपेन मोहन की मदद स्थानीय स्तर पर क्षेत्र में सक्रिय ईसाई मिशनरी के 2 अन्य सदस्य कर रहे थे। प्रार्थना सभा में ये सभी लोग बिना नंबर प्लेट वाले वाहन से आए थे। बताया जा रहा है कि प्रार्थना सभा को रोकने का प्रयास करने वाले हिन्दू संगठन के सदस्यों से न सिर्फ दुर्व्यवहार किया गया, बल्कि उन पर हमला भी हुआ।
मामले का संज्ञान स्थानीय कानूनी कार्यकर्ता समूह कलिंगा राइट्स फोरम ने लिया है। कनाडाई नागरिक पर पर्यटक वीजा के कानूनों का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कलिंगा राइट्स फोरम ने विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों पर मिशनरी सदस्यों द्वारा किए गए हमले की निंदा की है।
Police seized 2 Bikes & a Number less Bolero SUV used for conversion actvities
— Kalinga Rights Forum (@KalingaForum) June 25, 2023
Jagatsinghpur Police has showed leniency to the Christian Missionary from CANADA & has set him free without Observing Proper Process to deport him which is a direct dereliction of duty.
cc @MEAIndia pic.twitter.com/qAI0hVzY8e
मिशनरियों की तरफ से हिन्दू संगठनों पर जवाबी FIR
इस घटना के बाद ईसाई मिशनरियों की तरफ से हिन्दू संगठन के कुछ लोगों पर जवाबी FIR दर्ज करवाई गई है। FIR में मिशनरियों ने VHP कार्यकर्ताओं पर अपने ‘व्यक्तिगत कार्यक्रम’ में बाधा डालने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के तौर पर लक्ष्मीप्रिया मल्लिक का नाम सामने आया है। लक्ष्मीप्रिया की शिकायत पर IPC की धारा 448, 294, 323, 506 और 34 के तहत हिन्दू संगठन से जुड़े सदस्यों पर केस दर्ज किया गया है। शिकायत में महिला ने बताया है कि नाबालिग बच्चे उसके बेटे के जन्मदिन में आए थे। उसने आरोप लगाया है कि सुबह लगभग 11 बजे उनका परिवार पूजा कर रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों ने उनके घर में घुस कर दुर्व्यवहार किया। हालाँकि पुलिस ने मौके पर पहुँच कर दोनों पक्षों को शांत करवाया।
महिलाओं ने भगवान जगन्नाथ भगवान की पूजा बंद की
ऑपइंडिया से बात करते हुए VHP सदस्य सूर्यकांत नंदा ने बताया कि बजरंग दल के सदस्यों को बेरहमी से पीटा गया था, क्योंकि उन्होंने प्रार्थना के नाम हो रहे धर्मान्तरण को रोकने का प्रयास किया। उन्होंने आगे बताया कि घटना के दिन बिना नंबर की सफेद बोलेरो गाड़ी देखकर जब पड़ताल की गई तो उसमें किसी कनाडा के नागरिक के आने की जानकारी मिली। नंदा ने आगे बताया कि थोड़ी देर बाद एक घर की तरफ जनजातीय समाज के करीब 40-50 गरीब हिन्दुओं को जाते देखा गया।
As per Complaint filed by @bajrangdal_jsp ,Christian missionaries tried to attack Bajrangdal Karyakartas with weapons as they tried to stop Conversion event
— Kalinga Rights Forum (@KalingaForum) June 24, 2023
Jagatsingpur Police Lodged FIR Under Odisha's Anti Conversion Law i.e Section 4 of Odisha Freedom of Religion Act 1967 pic.twitter.com/VCl8oh7eMI
नंदा ने आगे बताया कि इस जमावड़े की बजरंग दल सदस्यों ने जाकर पड़ताल की तो उन्हें वहाँ प्रार्थना के नाम पर धर्म परिवर्तन का प्रयास होता दिखा। हिन्दू संगठन के सदस्यों को देख कर लक्ष्मीप्रिया नाम की महिला ने इस कार्यक्रम में हुए जमावड़े को घर में जन्मदिन पर हुआ जुटान बताया। बजरंग दल के सदस्यों ने प्रार्थना में बैठी कुछ महिलाओं से बातचीत की। VHP नेता नंदा का दावा है कि इस बातचीत में महिलाओं ने बताया कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पूजा करना बंद कर दी है, क्योंकि उनका धर्म परिवर्तित हो गया है।
ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान VHP नेता सूर्यकांत नंदा ने स्थानीय पुलिस पर भी एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले तो पुलिस ने सब कुछ जानते हुए भी कनाडा के नागरिक को छोड़ दिया और अब हिन्दू संगठनों से भी पूछताछ करने जा रही है।
नाबालिग बच्चों के मामले का NCPCR ने लिया संज्ञान
कनाडा के आरोपित द्वारा नाबालिग बच्चों के धर्मान्तरण की साजिश की शिकायत कलिंगा राइट्स फोरम ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को पत्र लिख कर की है। पत्र का संज्ञान NCPCR ने लिया है। मामले की गहनता से जाँच का भरोसा दिया है।
Noted
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) June 24, 2023
कनाडा के नागरिक को छोड़ने पर SHO की सफाई
ऑपइंडिया ने इस घटना पर SHO शुभ्रांशु परिदा से बात की। SHO ने बताया कि कनाडाई व्यक्ति एपेन मोहन के पास OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड पाया गया। उन्होंने एपेन मोहन को मूल रूप से केरल का निवासी और जन्मजात ईसाई बताया। बकौल SHO एपेन मोहन को भारत में अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, क्योंकि वो पर्यटक वीजा पर नहीं है। पुलिस के मुताबिक एपेन मोहन ने नियमों को नहीं तोड़ा है, इसलिए उसे धारा 41 का नोटिस जारी कर के रिहा किया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी संज्ञेय अपराध पाए जाने पर ही की जाती है।
पुलिस की कार्रवाई संतोषजनक नहीं
ऑपइंडिया ने SHO से यह जानना चाहा कि OCI कार्ड धारक को क्या मिशनरी गतिविधि में शामिल होने का अधिकार है? इस सवाल के जवाब पर SHO ने कहा कि पुलिस को मौके से ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला जिससे यह कहा जा सके कि घटनास्थल पर धर्मान्तरण जैसा कुछ चल रहा था। थाना प्रभारी शुभ्रांशु के मुताबिक मामले में आगे की जाँच चल रही है।
हालाँकि कलिंगा राइट फोरम पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं है। फोरम ने पुलिस पर आरोपितों को बचाने का आरोप लगाते हुए ऑपइंडिया से बताया कि वो पूरी साजिश का पर्दाफाश करेंगे।