ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले में चार नर्सों को अस्पताल में टिकटॉक ऐप पर वीडियो बनाना भारी पड़ गया। उनके द्वारा बनाया गया वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तब उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया।
#WATCH Viral TikTok video of a group of nurses frolicking inside the Special Newborn Care Unit (SNCU) of Malkangiri District Headquarters Hospital. Authorities inform that action will be taken after probe into the incident #Odisha
— OTV (@otvnews) June 26, 2019
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दरअसल, नर्सों ने ज़िला अस्पताल के विशेष नवजात केयर यूनिट (SNCU) में टिकटॉक वीडियो बनाया था, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस वीडियो में आप नर्सों को नाचते-गाते देख सकते हैं। इस वीडियो में अस्पताल का पलंग भी दिख रहा है जिसमें मरीज़ भी दिख रहे हैं। इतना ही नहीं एक नवजात भी इस वीडियो में नज़र आ रहा है।
Chief Dist Medical Officer, Malkangiri, Ajit Kr Mohanty on nurses recording TikTok videos inside SNCU of dist hospital: I probed&informed officers and Collector. They (nurses) will be given show-cause notice& 24-48 hrs to give reply over this. Dept will take action against them. pic.twitter.com/45hm8o9iLn
— ANI (@ANI) June 27, 2019
चारों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। मुख्य ज़िला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) अजीत मोहंती की सिफ़ारिश पर ज़िलाधिकारी मनीष अग्रवाल ने चारों नर्सों को छुट्टी पर भेजने का निर्देश दिया।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास ने कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे पर रिपोर्ट माँगी है और उचित कार्रवाई करेंगे। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, राज्य सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और वीडियो में देखी गई 4 नर्सों को अनिवार्य छुट्टी पर भेज दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, इस मामले की जाँच के लिए विशेष समिति बनाई गई थी। इस विशेष समिति की सिफ़ारिश पर ही नर्सों को छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया गया। वहीं, रुबी रे, तापसी बिस्वास, स्वपना बाला और नंदिनी रे का कहना है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी समाप्त होने के बाद वो वीडियो बनाया था। हालाँकि, उन्होंने नर्स की यूनिफॉर्म में वीडियो बनाया था, इसके लिए उन्होंने अपनी ग़लती स्वीकार कर ली है।
फ़िलहाल, नर्सों को वापस ड्यूटी पर रिपोर्ट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक राज्य सरकार उनके (कर्तव्य के प्रति लापरवाही) ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करने का फ़ैसला न कर ले। सीडीएमओ ने कथित तौर पर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है और मामले पर राज्य सरकार के और आदेशों का इंतज़ार है।