यूॅं तो कश्मीर पर पाकिस्तानी प्रोपगेंडा को दुनिया में कोई भाव नहीं मिल रहा फिर भी पड़ोसी मुल्क अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा। उसने रविवार (सितंबर 1, 2019) को मालदीव की राजधानी माले में दक्षिण एशिया की संसदों के अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के दौरान भी कश्मीर राग अलापने की कोशिश की। लेकिन, भारत ने पूर्वी पाकिस्तान के नरसंहार और आतंकियों को पनाह देने की उसकी हरकत उजागर कर उसकी बोलती बंद कर दी।
भारत ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों को मदद बंद करनी चाहिए। मालदीव में दोनों देशों के बीच बहस की शुरुआत पाकिस्तानी नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के बयान से हुई। सतत विकास लक्ष्य पर चर्चा के दौरान उन्होंने कश्मीर का मसला उठाने की कोशिश की ।
भारत ने फौरन नियमों का हवाला दिया जिसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सूरी को भारतीय प्रतिनिधि एवं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को बोलने देने के लिए कहा। लेकिन सूरी ने इसे अनसुना कर दिया, जिसे लेकर हंगामा हुआ।
भारत के आंतरिक मामले को उठाने और मंच का राजनीतिक इस्तेमाल करने की मंशा को लेकर हरिवंश ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “हम भारत के आंतरिक मामले को इस मंच पर उठाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हैं। इस सम्मेलन के मुख्य विषय के दायरे से बाहर के मुद्दे उठा कर पाक इस मंच को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए जरूरी है कि वह सीमा पार आतंकवाद को सभी तरह का समर्थन बंद करे। पाकिस्तानी सीनेटर कुर्रातुलैन मारी ने कहा कि महिलाओं एवं युवाओं के लिए एसडीजी मानवाधिकारों के बगैर हासिल नहीं किया जा सकता।
इस पर, हरिवंश ने पलटवार करते हुए कहा कि अपने ही लोगों का नरसंहार करने वाले देश (पाक) को मानवाधिकारों के मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “दुनिया जानती है कि कैसे पाकिस्तान ने अपने ही देश के एक हिस्से में नरसंहार किया, जिसे अब स्वतंत्र बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है…मैं पूछना चाहता हूँ कि इस देश को इस देश को मानवाधिकार से जुडे़ मुद्दों को उठाने का क्या अधिकार है?”
इसके बाद उपसभापति ने कश्मीर मुद्दे पर बोलना शुरू किया और पाकिस्तान की बखिया उधेड़ दी। उन्होंने कहा, “चूँकि इन्होंने कश्मीर के मानवाधिकारों का मुद्दा उठाया, इसलिए मैं बताना चाहूँगा कि पाकिस्तान ने कश्मीर के हमारे हिस्से पर कब्जा किया हुआ है, जिसे pok के रूप में जाना जाता है। “