प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधीनगर स्थित महात्मा गांधी प्रदर्शनी सह सम्मेलन केन्द्र में वाइब्रेंट गुजरात के 9वें संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उज़्बेकिस्तान, रवांडा, डेनमार्क, चेक गणराज्य और माल्टा के राष्ट्रप्रमुख उपस्थित थे। इसके अलावा उद्योगजगत के प्रतिनिधियों समेत 30 हज़ार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों तथा कंपनियों को भारत आने और यहाँ निवेश करने का आमंत्रण दिया क्योंकि अवसंरचना और सुविधाएँ बेहतर हुई हैं और व्यापार की स्थिति निवेशक अनुकूल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान व्यापार करने में आसानी श्रेणी में भारत ने 65 स्थानों की छलाँग लगाई है। भारत को आने वाले वर्षों में इस श्रेणी के 50वें स्थान तक लाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और मूडी जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने भारतीय अर्थव्यवस्था तथा अर्थव्यवस्था के लिए किए गए सुधारों में विश्वास व्यक्त किया है। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के कार्यान्वयन से लेनदेन की लागत में कमी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा भारत की औसत विकास दर 7.3 प्रतिशत है जो 1991 के बाद से सर्वाधिक है। इसी के साथ औसत महँगाई दर 4.6 प्रतिशत है जो 1991 के बाद से न्यूनतम है।
प्रधानंमत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान मेरी सरकार का लक्ष्य प्रशासन को बढ़ाना और सरकार को कम करना रहा है। हम अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण संरचनात्मक सुधार कर रहे हैं। हम विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत में स्टार्टअप का सबसे बड़ा परितंत्र है। नौजवानों के लिए रोज़गार के अवसरों के सृजन हेतु सरकार ने विनिर्माण को बढ़ावा दिया है। डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों से मेक इन इंडिया पहल को सहायता मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2017 में भारत में रिकॉर्ड पर्यटक आए हैं। 2016 की तुलना में पर्यटकों की संख्या में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि पूरे विश्व के संदर्भ में केवल 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले चार वर्षों के दौरान हवाई यात्रा में दस से अधिक प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। भारत असीम संभावनाओं वाला देश है। यह एक मात्र देश है जो लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और माँग का विकल्प देता है।
वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र प्रमुखों की उपस्थिति से यह एक वैश्विक मंच बन गया है। इससे यह सिद्ध होता है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग केवल राष्ट्रीय राजधानी तक सीमित नहीं है बल्कि इसका विस्तार राज्यों की राजधानियों तक हो गया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व और नीति आधारित प्रशासन की सराहना करते हुए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि व्यापार को आसान बनाने के लिए हर संभव सहायता व सुविधा प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति श्री शौक़त मिरजियोयेव, डेनमार्क के प्रधानमंत्री श्री लार्स लोक रासम्युसिन, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री आंद्रेज बबिज और माल्टा के प्रधानमंत्री डॉ. जोसेफ मस्कट भी उपस्थित थे।
इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए एक विशेष संदेश देते हुए कहा कि गुजरात हम दो व्यक्तियों के बीच सुदृढ़ सम्बन्ध को रेखांकित करता है। हम दोनों साथ मिलकर भविष्य के लिए असीम संभावनाओं का निर्माण कर रहे हैं।
तीन दिवसीय समारोह के दौरान निम्न प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे – वैश्विक कोष के प्रमुखों के साथ गोलमेज सम्मेलन, अफ्रीका दिवस, एमएसएमई सम्मेलन, विज्ञान, तक़नीकी इंजीनियरिंग और गणित शिक्षा व शोध में संभावनाओं पर गोलमेज बैठक आदि। इसके अतिरिक्त भविष्य के तक़नीकों व अंतरिक्ष में खोज पर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। बंदरगाह आधारित विकास विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा।
वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के पहले संस्करण का आयोजन 2003 में किया गया था। उस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। सम्मेलन का उद्देश्य गुजरात में निवेश को आकर्षित करना था।