नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश के कई हिस्सों में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद अब इस कानून को क्रियान्वित करने का काम शुरू हो गया है। इसी कड़ी में यूपी सरकार ने राज्य के 19 जिलों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आकर रहने वाले हिंदू शरणार्थियों की सूची केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है। और इसी के साथ यह नागरिकता संशोधन कानून के कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए इस रिपोर्ट का नाम दिया गया है- “उत्तर प्रदेश में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती कहानी”। इस रिपोर्ट में शर्णार्थियों की निजी कहानियाँ और निजी अनुभव भी समाहित है।
UP 1st off the block on CAA, sends refugees list to Centre https://t.co/ocqp5XVRBo
— Times of India (@timesofindia) January 13, 2020
गौरतलब है कि गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को पिछले हफ्ते निर्देश दिए थे कि वह उन शरणार्थियों को चिन्हित करें, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर यहाँ दशकों से रह रहे हैं। और साथ ही इसकी लिस्ट भी सरकार को सौंपने के लिए कहा था। दरअसल यह सूची इसलिए बनाई जा रही है, ताकि केंद्रीय गृह विभाग को वह भेजकर कानून के दायरे में आने वालों को विधिक रूप से देश की नागरिकता दिलाई जा सके। इस नए कानून पर काम करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा।
बताया जा रहा है कि कानून के तहत जिन प्रवासियों को नागरिकता नहीं दी जा सकती है, उन्हें भी चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जाएगा। उनकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। वहीं आँकड़ों के इकट्ठा करने पर यह सामने आया कि यूपी में लगभग 40,000 गैर-मुस्लिम अप्रवासी रहते हैं। जिनमें से ज्यादातर आगरा, रायबरेली, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, कानपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, अमेठी, झांसी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ और पीलीभीत में रहते हैं।
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